चंबा जिले का सामान्य ज्ञान | Chamba District General Knowledge in Hindi

चंबा जिले का सामान्य ज्ञान | Chamba District General Knowledge in Hindi:

चंबा जिला "हिमाचल प्रदेश के 12 जिलों" में से एक है और हिमाचल प्रदेश में होने वाली विभिन्न परीक्षाओं में चम्बा जिले एक या दो सवाल जरूर पूछे जाते हैं इसलिए  "Gk Pustak" के माध्यम से इस आर्टिकल में हिमाचल प्रदेश चंबा जिले के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है जैसे चंबा का इतिहास,भूगोल, पर्यटन स्थल, मेले और तयोहार और इसके साथ कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर दिए गए हैं जो किसी भी परीक्षा के लिहाज से बहुत जरुरी हैं। 

1. चंबा का इतिहास | Brief History of District Chamba 

चंबा एक प्रमुख इतिहास और सांस्कृतिक नगर है जो हिमाचल प्रदेश, भारत में स्थित है। यह नगर हिमाचल प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र में कुल्लू घाटी में स्थित है और रावी नदी के किनारे विस्तृत है। चंबा एक प्राचीन नगर है और उसका इतिहास संक्षेप में इस प्रकार है:

चंबा का इतिहास बहुत पुराना है और इसे पुराने समयों में चंबयावती नाम से जाना जाता था। यह नगर चंबा राजवंश की राजधानी थी, जिसने विभिन्न समयों में इस क्षेत्र को शासन किया।

चंबा राजवंश के इतिहास की शुरुआत 6वीं शताब्दी में हुई थी, जब राजा सहिल वर्मन (Sahil Varman) ने चंबा को अपनी राजधानी बनाया। चंबा राजवंश के कई महान राजा हुए और इसका समृद्ध सांस्कृतिक विकास हुआ।

चंबा के राजा ने भारतीय वास्तुकला को बढ़ावा दिया और नगर में कई प्रमुख भव्य और ऐतिहासिक भवन बनवाए। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण भवन शामिल हैं चंबा का राजमहल, राजेंद्र सिंघ पुस्तकालय, भूरी सिंधा संग्रहालय, और चंबा की मारी माता मंदिर।

चंबा का इतिहास भारतीय आजादी की लड़ाई तक चला, जब यह ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा बन गया। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान चंबा क्षेत्र भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों की गतिविधियों का केंद्र था।

चंबा का इतिहास उदारवादी राजनीति, संस्कृति और कला के द्वारा प्रमुख रहा है। आज भी चंबा अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है और पर्यटकों के बीच एक प्रमुख स्थल है।

2. चंबा जिले का भूगोल | Geography of District Chamba 

जिला चम्बा, उत्तर भारत में हिमाचल प्रदेश राज्य में स्थित एक जिला है। यह राज्य के पश्चिमी भाग में स्थित है और उत्तर में जम्मू और कश्मीर, पूर्व में लाहौल और स्पीति जिलों, दक्षिण में कांगड़ा जिले और पंजाब के गुरदासपुर और पठानकोट जिलों से सीमित है। जिले का क्षेत्रफल लगभग 6,528 वर्ग किलोमीटर है।

चम्बा जिला अपने चित्रसौंदर्यपूर्ण दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है, हिमालयी श्रृंग को आलीशान पृष्ठभूमि बनाते हुए। यह जिला मुख्य रूप से पहाड़ी है, जिसमें पीर पंजाल और धौलाधार पहाड़ी श्रृंग हैं। रावी नदी, सिंधु नदी की प्रमुख सहायक नदियों में से एक, इस जिले से होकर बहती है और इसे अपनी प्राकृतिक सुंदरता में जोड़ती है।

जिले की विशेषता हैं गहरी घाटियों, हरे-भरे जंगलों और हिमसंपूर्ण शिखरों से। ऊचाई घाटियों में लगभग 600 मीटर से नीचे होती है जबकि ऊची पहाड़ी श्रृंग में 6,000 मीटर से अधिक होती है। चम्बा जिले का जलवायु प्रमुख रूप से शीतल और सुहावना होता है, जहां गर्मियों में तापमान 20 से 35 डिग्री सेल्सियस रहता है और सर्दियों में तापमान शून्य के नीचे गिर जाता है।

चम्बा जिला में कई प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं, जिनमें चम्बा शहर खुद, जो अपने प्राचीन मंदिरों, महलों और पारंपरिक कला और शिल्प के लिए प्रसिद्ध है, शामिल है। अन्य महत्वपूर्ण आकर्षणों में डलहौजी, खज्जियार और भरमौर शामिल हैं, जहां दृश्यों, ट्रेकिंग के अवसरों और क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एक झलक मिलती है।

चम्बा जिले की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि और पर्यटन पर आधारित है। पौष्टिक घाटियों में गेहूँ, चावल, जौ और मक्का जैसी फसलों की खेती की जाती है। सेब, नाशपाती और चेरी भी अधिक मात्रा में उगाए जाते हैं। जिले की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत हर साल बहुत सारे पर्यटकों को आकर्षित करती हैं, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था में योगदान करते हैं।

प्रशासन के दृष्टिकोण से, चम्बा जिला नौ तहसीलों में विभाजित है: चम्बा, भरमौर, भट्टियात, चूड़ा, डलहौजी, होली, पांगी, सालूनी और तिस्सा। जिले को अग्रणी विकास खंडों और गांवों में भी विभाजित किया गया है।

समग्र रूप से, जिला चम्बा प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विरासत और साहसिकता का मेल देकर पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक लोकप्रिय स्थान है।

3. चंबा जिले के मेले और त्यौहार | Fairs and Festivals 

मिंजर मेला: मिंजर मेला चंबा जिले के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह आमतौर पर जुलाई या अगस्त में आयोजित किया जाता है और एक सप्ताह तक चलता है। यह मेला फसल के मौसम को चिह्नित करता है और मक्के के फूलों के खिलने को मनाता है। मेले का मुख्य आकर्षण मंजर नामक सिल्क दोरी (मिंजर) को लेकर निकलने वाली विशेष प्रदर्शनी है, जहां लोग लक्ष्मी नारायण मंदिर में पूजा करते हैं।

सुही माता मेला: सुही माता मेला चंबा जिले के साहो गांव में स्थित सुही माता मंदिर पर मनाया जाने वाला एक लोकप्रिय मेला है। यह मेला देवी शुई माता को समर्पित है और अप्रैल या मई में आयोजित किया जाता है। भक्त देवी के मंदिर में इकट्ठा होते हैं, पूजा करते हैं, और विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों और लोक नाटकों में भाग लेते हैं।

चंबा समर उत्सव: चंबा समर उत्सव जून माह में चंबा नगर में आयोजित होने वाला एक सप्ताह तक चलने वाला महोत्सव है। यह महोत्सव कई प्रदर्शनों के साथ क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है, जिसमें पारंपरिक संगीत, नृत्य और लोक नाटक शामिल होते हैं। मेला में स्थानीय कारीगरों द्वारा उत्पादित हस्तशिल्प और कलाकृतियों की एक क्राफ्ट मेला भी होती है।

मणिमहेश यात्रा: यह सख्त रूप से मेला या त्योहार नहीं है, लेकिन मणिमहेश यात्रा वार्षिक तीर्थयात्रा है जो चंबा जिले में स्थित मणिमहेश झील और पवित्र कैलाश पर्वत को आकर्षित करती है। यह यात्रा आमतौर पर अगस्त या सितंबर में होती है और इसे भगवान शिव से जोड़ा जाता है। यात्रीगण आशीर्वाद और भगवान को समर्पित करने के लिए एक कठिन ट्रेक पर जाते हैं।

घूमने योग्य स्थान: 

चंबा टाउन: जिला मुख्यालय, चंबा टाउन, स्वयं में एक प्रमुख आकर्षण है। यह अपने प्राचीन मंदिरों, महलों और पारंपरिक वास्तुकला के लिए जाना जाता है। भूरी सिंग म्यूजियम, पूर्वी राजमहल में स्थित है, क्षेत्र की कला और इतिहास की खोज के लिए एक यात्रा के लिए महत्वपूर्ण है।

खज्जियार: अक्सर "इंडिया का मिनी स्विट्जरलैंड" कहलाता है, खज्जियार चंबा टाउन से लगभग 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक रोमांचकारी सुंदर पहाड़ी स्टेशन है। यह अपने हरी-भरी घास के मैदानों, घने जंगलों और ऊँची देवदार के पेड़ों से घिरी एक चित्रसूत्री झील के लिए जाना जाता है।

भरमौर: 2,195 मीटर की ऊँचाई पर स्थित भरमौर एक छोटा शहर है जो अपने प्राचीन मंदिरों के लिए जाना जाता है। यह एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है और प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा का प्रारंभिक स्थान है। चौरासी मंदिर संयोजन, जिसमें 84 प्राचीन मंदिर हैं, भरमौर में एक प्रमुख आकर्षण है।

कालाटॉप वन्यजीव अभयारण्य: खज्जियार के पास स्थित कालाटॉप वन्यजीव अभयारण्य प्रकृति प्रेमियों और वन्यजीव उत्साहियों के लिए एक स्वर्ग है। यह हिमालयी काले भालू, सेरो, मोर और विभिन्न पक्षियों के साथ फ्लोरा और फॉना की विविधता के लिए घर है। इस अभयारण्य में ट्रेकिंग और प्रकृति की सैर का आनंद लिया जा सकता है।

चामुण्डा देवी मंदिर: बानेर नदी के तट पर स्थित चामुण्डा देवी मंदिर, हिन्दू देवी चामुण्डा देवी को समर्पित है। मंदिर अपनी जटिल लकड़ी की नक्काशी के लिए जाना जाता है और आसपास की पहाड़ियों और घाटियों का आभासित दृश्य प्रदान करता है।

मणिमहेश झील: 4,080 मीटर की ऊँचाई पर स्थित मणिमहेश झील एक पवित्र झील है जो भगवान शिव से जुड़ा हुआ है। इसमें स्नान करने से मान्यता है कि अपराधों का शुद्धिकरण होता है। वार्षिक मणिमहेश यात्रा एक बड़ी संख्या में भक्तों को आकर्षित करती है।

पांगी घाटी: पांगी घाटी चंबा जिले में एक दूरस्थ और अप्रविष्ट क्षेत्र है। यह अपनी प्राकृतिक सौंदर्य, चित्रसूत्री दृश्यों और मूलभूत पंगवल्स जनजाति के जीवनशैली के लिए जाना जाता है। यहां ट्रेकिंग और जनजाति के गांवों का अन्वेषण प्रसिद्ध गतिविधियाँ हैं।

रंग महल: चंबा टाउन में स्थित रंग महल, राजा उमेद सिंग द्वारा 18वीं सदी में बनी एक सुंदर महल है। इसे भगवान कृष्ण के जीवन को दर्शाने वाली अद्वितीय दीवार की नक्काशी के लिए जाना जाता है। महल में एक छोटा सा संग्रहालय भी है जो स्थानीय वस्त्रादि और ऐतिहासिक वस्तुओं की प्रदर्शनी करता है।

Frequently Asked Questions For All Exam

चंबा जिले  से जुड़े कुछ जरुरी प्रश्न उत्तर जो अक्सर परीक्षाओं में पूछे जाते हैं 

प्रश्न 1 - हिमाचल के चंबा जिले का नाम कैसे पड़ा ?
उत्तर -- चंबा जिले का नाम चम्बा एक राजा की बेटी चम्पावती के नाम से पड़ा।

प्रश्न 2 - चंबा जिले का जिले के रूप में निर्माण कब हुआ ?
उत्तर -- चंबा जिला का जिले के रूप में निर्माण 15 अप्रैल 1948 में हुआ।

प्रश्न 3 -- चंबा जिले जिले का क्षेत्रफल कितना है ?
उत्तर -- चंबा जिले का क्षेत्रफल 6528 कि. मी. वर्ग है।

प्रश्न 4 - चंबा जिले में कितने उप - मंडल हैं ?
उत्तर -- चंबा में 7 उप -मंडल हैं।

प्रश्न 5 -- चंबा जिले के उपमंडलों के नाम क्या है ?
उत्तर -- चंबा ,चुराह ,चुआड़ी , डलहौज़ी , सलूणी , भरमौर और पांगी।

प्रश्न 6 -- चंबा जिले में कितनी तहसील पाई जाती हैं ?
उत्तर -- 7

प्रश्न 7 -- चंबा जिले की तहसीलों के नाम क्या है ?
उत्तर -- पांगी ,भरमौर,चुआड़ी,चुराह,चम्बा,डलहौजी और चम्बा, चम्बा जिले की तहसीलों के नाम हैं।

प्रश्न 8 -- चम्बा जिले में कितनी उप तहसीलें हैं ?
उत्तर -- पांच

प्रश्न 9 -- चंबा जिले की पांच तहसीलों के नाम क्या हैं ?
उत्तर -- धरवाला , होली ,ककीरा , भलेई और पुखरी चम्बा जिले की उप - तहसील हैं।

प्रश्न 10 - चंबा जिले में हवाई पट्टी कहाँ- कहाँ है ?
उत्तर -- चंबा जिले में किलाड़ में हवाई पट्टी है और आने वाले समय में तैयार होने वाली बनीखेत और भरमौर में है।

प्रश्न 11 -- चंबा जिले में कौन कौन सी नदियां बहती हैं ?
उत्तर -- रावी और चनाब (पांगी) में ।

प्रश्न 12 -- चंबा जिले के लोगों का मुख्य धंधा क्या है ?
उत्तर -- चंबा जिले के लोगों का मुख्य धंधा कृषि , और पशुपालन है।

प्रश्न 13 -- चंबा जिले में कौन सी कृषि होती है ?
उत्तर -- चंबा जिले में मक्का ,धान ,राज-माह ,फूल ,केसर ,सेब और आलू की फसल होती है।

प्रश्न 14 -- चंबा जिले में कौन से tourists place पाए जाते हैं ?
उत्तर -- चंबा जिले में डलहौज़ी ,खजियार ,साहू ,मणि महेश ,जमुहार , और भरमौर प्रमुख tourists places हैं।

प्रश्न 15 -- चंबा जिले में धार्मिक स्थान कौन से हैं ?
उत्तर -- मणि -महेश ,छतराड़ी ,खजियार और भरमौर।
 
 प्रश्न 16 -- चंबा जिले में कौन सी भाषायें बोली जाती हैं।
उत्तर -- चुराही ,हिंदी ,भट्याति ,चम्ब्याली और भरमौरी चम्बा की मुख्य भाषाएँ हैं।

प्रश्न 17 -- चंबा की कुल आबादी कितनी है ?
उत्तर -- चंबा जिले की कुल आबादी 460499 है (census 2011).

प्रश्न 18 -- चंबा जिले का जनसंख्या घनत्व कितना है ?
उत्तर -- चंबा जिले का जनसंख्या घनत्व 71 व्यक्ति प्रति कि.मी. है।

प्रश्न 19 -- चंबा  जिले की साक्षरता दर कितनी है ?
उत्तर -- इसकी साक्षरता दर 63. 73 प्रतिशत है।

प्रश्न 20 -- चंबा जिले कितनी पंचायत हैं ?
उत्तर --  चंबा की कुल 254 पंचायतें हैं।

प्रश्न 21 -- चंबा के मुख्य पर्व कौन से हैं ?
उत्तर -- दशहरा ,बैसाखी ,मिंजर (अंतरराष्ट्रीय मेला ) सुई का मेला चम्बा हैं।

प्रश्न 23 - चंबा जिले के प्रमुख दर्रे कौन हैं।
उत्तर -- चंबा के प्रमुख ढर्रे साच पास , कुगती ,जालसू ,और पूंडरी पास हैं।

प्रश्न 24 --चंबा जिले का नींव पत्थर किसने रखा था ?
उत्तर -- चम्बा जिले का नींव पत्थर मेरु वर्मन ने रखा था।

प्रश्न 25 -- चंबा जिले का नींव पत्थर किस सन में रखा गया ?
उत्तर -- 550 ई में चम्बा जिले का नींव पत्थर रखा गया।

प्रश्न 26 -- 6th century में चम्बा की राजधानी कौन सी थी ?
उत्तर -- ब्रह्मपुरा (Present Bharmour )

प्रश्न 27 -- पहले चंबा के राजाओं के नाम के साथ वर्मा सर Name था ये कब बदला ?
उत्तर -- 1904 में J. Hutchinson और Ph. Vogel ने पहली बार वर्मन शब्द का प्रयोग किया।

प्रश्न 28 -- चंबा जिले में कितने विधानसभा क्षेत्र हैं ?
उत्तर --  चंबा जिले में 7 विधानसभा क्षेत्र हैं

प्रश्न 29 -- चम्बा जिले के साथ कौन कौन सी boundaries लगती हैं /
उत्तर :- पश्चिम में -- जम्मू - कश्मीर , South - वेस्ट में पंजाब , दक्षिण -- काँगड़ा , West - लाहौल - स्पीति

प्रश्न  30 : चंबा जिले का प्रसिद्ध राजा कौन था ?

उत्तर : चंबा जिले के प्रसिद्ध राजा साहिल वर्मन थे। उन्होंने चंबा राज्य की स्थापना की, जो वर्तमान भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य में स्थित है। राजा साहिल वर्मन को मान्यता है कि उन्होंने 7वीं शताब्दी ईस्वी में चंबा का शासन किया और इसे एक स्वतंत्र राज्य के रूप में स्थापित किया। वे चंबा के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण और प्रभावशाली शासकों में से एक माने जाते हैं। चंबा राज्य उनके शासनकाल में फलती रही और अपनी समृद्ध संस्कृति, वास्तुकला और कलात्मक परंपराओं के लिए प्रसिद्ध हुआ।

Rakesh Kumar

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