टोंक जिले के सामान्य ज्ञान की जानकरी : Rajasthan Tonk District GK information in Hindi
नमस्कार दोस्तों राजस्थान भारत का एक बहुत बड़ा राज्य है हम जानते हैं की ये क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का पहला राज्य है। हर कोई विद्यार्थी या फिर कोई परीक्षा में बैठने वाला राजस्थान के सामान्य ज्ञान के बारे में जानना चाहता है। इसका कारण ये है की राजस्थान राज्य के सामान्य ज्ञान के बारे में एक सवाल जरूर पूछा जाता है चाहे वह India Level का Exam हो या फिर राजस्थान राज्य के Level का। तो हम Gk Pustak के माध्यम से
यहां पर राजस्थान के टोंक जिले के सामान्य ज्ञान की पूरी जानकारी दे रहे हैं जो अवश्य ही आपके किसी न किसी परीक्षा में जरूर काम आएगा। इस भाग में टोंक जिले के इतिहास, भौगोलिक स्थिति, प्रशासनिक ढांचे, जनसांख्यिकी 2011, मेले और त्यौहार, बांधों, मंदिरोंका सामान्य ज्ञान हिंदी में दिया गया है।
पर उनकी बहादुरी से ये रियासत अंग्रेजों से भी वापिस ले ली गई। बाद में जब 1817 में जब एंग्लो मराठा युद्ध हुआ तो इस पुरे क्षेत्र को ब्रिटिश सरकार को शौंप दिया और अपने आप नवाब की उपदि ली और सिर्फ टोंक क्षेत्र को ही अपने पास रखा। बाद में इंदौर के शासक दुआरा इस राज्य की स्थापना की गई। इतिहास में जब मौर्य साम्राज्य की बात करें तो ये ज्यादातर हर्षवर्धन के शासन के अधीन रहा।
राजस्थान के टोंक जिले की भौगोलिक स्थिति | Tonk District Geography GK
राजस्थान के टोंक जिले में मेले और त्यौहार | Tonk District Fairs and Festivals GK in Hindi
यह मेला टोंक जिले में एकादशी हर साल हिंदू माह भाद्रपद के शुक्ल पक्ष (उज्ज्वल आधा) की एकादशी (ग्यारह वें दिन) पर मनाया जाता है। जिसे भादो के नाम से भी जाना जाता है।इस मेले में हिंदू भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा करते हैं।
यहां पर राजस्थान के टोंक जिले के सामान्य ज्ञान की पूरी जानकारी दे रहे हैं जो अवश्य ही आपके किसी न किसी परीक्षा में जरूर काम आएगा। इस भाग में टोंक जिले के इतिहास, भौगोलिक स्थिति, प्रशासनिक ढांचे, जनसांख्यिकी 2011, मेले और त्यौहार, बांधों, मंदिरोंका सामान्य ज्ञान हिंदी में दिया गया है।
Tonk District GK | टोंक जिले के सामान्य ज्ञान की जानकरी
राजस्थान के टोंक जिले का इतिहास | Tonk District History GK
पर उनकी बहादुरी से ये रियासत अंग्रेजों से भी वापिस ले ली गई। बाद में जब 1817 में जब एंग्लो मराठा युद्ध हुआ तो इस पुरे क्षेत्र को ब्रिटिश सरकार को शौंप दिया और अपने आप नवाब की उपदि ली और सिर्फ टोंक क्षेत्र को ही अपने पास रखा। बाद में इंदौर के शासक दुआरा इस राज्य की स्थापना की गई। इतिहास में जब मौर्य साम्राज्य की बात करें तो ये ज्यादातर हर्षवर्धन के शासन के अधीन रहा।
राजस्थान के टोंक जिले की भौगोलिक स्थिति | Tonk District Geography GK
- राजस्थान टोंक जिले का कुल क्षेत्रफल -- 7194 वर्ग किलोमीटर
- टोंक जिले की मानचित्र में अक्षांश स्थिति --- 25 ° 41' से 26 ° 34' उत्तर
- टोंक जिले की मानचित्र में दिशांतर स्थिति ---- 75 ° 07' से 76 ° 19' पूर्व
- टोंक जिले के उतर में स्थित स्थान -- राजस्थान का जयपुर जिला
- टोंक जिले के पश्चिम में स्थित स्थान -- राजस्थान का अजमेर जिला
- टोंक जिले के पूर्व में स्थित स्थान --- राजस्थान का सवाई माधोपुर जिला
- टोंक जिले के दक्षिण में स्थित स्थान -- राजस्थान का बूंदी और भीलवाड़ा जिले
- टोंक जिले में वार्षिक औसत वर्षा -- 62 मि मी लगभग
- टोंक जिले का भौगोलिक आकार --- पतंग जैसा
- टोंक जिले की संमुन्द्र तल से औसत ऊंचाई -- 214.32 मीटर
- टोंक जिले की मिट्टी -- उपजाऊ और रेतली
- टोंक जिले में परवत श्रृंखला -- अरावली पर्वत श्रृंखला
- टोंक जिले की महत्वपूर्ण नदी -- सोहदा नदी
- टोंक जिले में सर्दियों में न्यूनतम तापमान -- 8 ° C
- टोंक जिले में सर्दियों में अधिकतम तापमान -- 22 ° C
- टोंक जिले में गर्मियों में अधिकतम तापमान -- 45 ° C
- टोंक जिले में गर्मियों में अधिकतम तापमान -- 30 ° C
- टोंक जिले में औसत आर्द्रता -- 59.3%
- टोंक जिले में औसत वार्षिक वर्षा ---- 61.36 सेमी
राजस्थान के टोंक जिले का प्रशासनिक ढांचा (Administrative Set Up
- टोंक जिले का मुख्यालय -- टोंक
- टोंक जिले में उपमंडलों की संख्या -- 7 (टोंक , पीपलू , निवाई, दियोली,उनियारा,मालपुरा,तोडा राइ सिंह )
- टोंक जिले में तहसीलों की संख्या -- 7 (टोंक ,पीपलू , निवाई, दियोली,उनियारा,मालपुरा,तोडा राइ सिंह )
- टोंक जिले में पंचायत समितियों की संख्या -- 6 (टोंक , निवाई, दियोली,उनियारा,मालपुरा,तोडा राइ सिंह )
- टोंक जिले में गांव की संख्या -- 1032
- टोंक जिले में नगर पालिकाओं की संख्या -- 6
- टोंक जिले में नगर परिषद की संख्या -- 1
- टोंक जिले में उप - तहसीलों की संख्या -- 4
- टोंक मुख्यालय के किनारे नदी -- बनास नदी
राजस्थान टोंक जिले की जनसांख्यिकी (Demographics) 2011 जनगणना के अनुसार
- टोंक जिले का कुल क्षेत्रफल -- 7,194 sq km
- टोंक जिले की कुल जनसँख्या -- 1,421,326
- टोंक जिले की पुरुष कुल जनसँख्या -- 728,136
- टोंक जिले की स्त्री कुल जनसँख्या -- 693,190
- टोंक जिले का जनसंख्या घनत्व -- 198 व्यक्ति प्रति वर्ग KM
- टोंक जिले जी दशकीय जनसँख्या वृद्धि दर --- 17.30%
- टोंक जिले और राजस्थान की जनसँख्या का अनुपात -- 2.07%
- टोंक जिले का लिंग अनुपात -- 952 / 1000
- टोंक जिले में कुल साक्षरता दर -- 61.58 %
- टोंक जिले में पुरुष साक्षरता दर -- 77.12 %
- टोंक जिले में स्त्री साक्षरता दर -- 45.45 %
- टोंक जिले में शिशु लिंग अनुपात -- 860 /1000
- टोंक जिले में कुल पढ़े लिखे व्यक्ति -- 749659
- टोंक जिले कुल पढ़े लिखी स्त्रियों -- 271330
- टोंक जिले कुल पढ़े लिखे पुरुष -- 478329
- टोंक जिले में हिन्दू धर्म की प्रतिशतता -- 87.49 %
- टोंक जिले में मुस्लिम धर्म की प्रतिशतता -- 10.77 %
- टोंक जिले में सिख धर्म की प्रतिशतता -- 0.03 %
- टोंक जिले में ईसाई धर्म की प्रतिशतता -- 0.05 %
राजस्थान के टोंक जिले में मेले और त्यौहार | Tonk District Fairs and Festivals GK in Hindi
झुलनी एकादशी
यह मेला टोंक जिले में एकादशी हर साल हिंदू माह भाद्रपद के शुक्ल पक्ष (उज्ज्वल आधा) की एकादशी (ग्यारह वें दिन) पर मनाया जाता है। जिसे भादो के नाम से भी जाना जाता है।इस मेले में हिंदू भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा करते हैं।
ऐसा माना जाता है कि जो इस दिन व्रत रखता है रीती रिवाजों से पूजा करता है उसे अपार सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। धन कारक के अलावा एक और मान्यता है कि माता यशोदा ने इस दिन भगवान कृष्ण के कपड़े धोए थे। इसलिए लोग जल झूलनी एकादशी को पद्मा एकादशी के रूप में भी मनाते हैं।
तीज का पर्व
इस दिन, महिलाएं और युवा लड़कियां अपने सबसे अच्छे कपड़े पहनती हैं और अच्छी ज्वैलरी पहनती हैं। इस मेले में यहां की युवा लड़कियां एक जगह इकठा होकर माँ पार्वती और शिव जी की पूजा करती हैं और अपने सुहाग की लम्बी उम्र की कामना करती हैं।
यह मंदिर टोंक जिले में स्थित है इस मंदिर में गणेश जी की पूजा की जाती है।
कंकाली माता का मदिर
यह मदिर भी टोंक जिले में स्थित है और इस मंदिर में माँ काली की पूजा की जाती है।
राम कृष्ण मंदिर
इस मंदिर में भगवान राम और कृष्णा की मूर्तियां मिलती हैं।
माँ अनपूर्णा का मंदिर
यह मदिर भी टोंक जिले में स्थित है और इस मंदिर में लोगों द्वारा हर साल पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है की इसकी पूजा से घर में धन और सम्पति की खुशियां मिलती हैं।
शिव मंदिर
इस मंदिर में भगवान शिव और माता पारवती की मूर्तियां मिलती हैं। और लोगों द्वारा बड़ी ही धूमधाम से पूजा की जाती है।
टोंक जिले में मंदिर का सामान्य ज्ञान
यह मंदिर टोंक जिले में स्थित है इस मंदिर में गणेश जी की पूजा की जाती है।
कंकाली माता का मदिर
यह मदिर भी टोंक जिले में स्थित है और इस मंदिर में माँ काली की पूजा की जाती है।
राम कृष्ण मंदिर
इस मंदिर में भगवान राम और कृष्णा की मूर्तियां मिलती हैं।
माँ अनपूर्णा का मंदिर
यह मदिर भी टोंक जिले में स्थित है और इस मंदिर में लोगों द्वारा हर साल पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है की इसकी पूजा से घर में धन और सम्पति की खुशियां मिलती हैं।
शिव मंदिर
इस मंदिर में भगवान शिव और माता पारवती की मूर्तियां मिलती हैं। और लोगों द्वारा बड़ी ही धूमधाम से पूजा की जाती है।
टोंक जिले में बांध और परियोजनायें
बीसलपुर बाँध परियोजना और पेय जल परियोजना
यह एक पेय जल प्रियजन है और इसका निर्माण 1988 में शुरू हुआ था और इसका काम सन 2000 में पूरा हो गया था। इस परियोजना का मुख्य उदेश्य यहां के लोगों को पेय जल प्रदान करना है। यह टोंक जिले की देवली तहसील में स्थित है। यह बांध लगभग 574 मीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। इस पेय योजना से टोंक जिले की ही नहीं पर राजस्थान के जयपुर जिले की भी आपूर्ति होती है।
टोरड़ी सागर बाँध
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