हिमाचल प्रदेश में 1857 की क्रांति | History of Revolt of 1857 in Himachal Pradesh in Hindi : HP GK
1857 के विद्रोह को भूल सकता है भारतियों ने इसे आजादी की पहली लड़ी कहा और ब्रिटिशो ने इसे सैनिक युद्ध कहा था। ये पुरे भारत में 11 मई से शुरू हुआ और भारत में आग की चिंगारी की तरह फेल गया। हिमाचल प्रदेश में यह कसौली और शिमला रियासत से शुरू हुआ।
इस विद्रोह में हिमाचल प्रदेश के लोगों और राजाओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और आजादी की पहली लड़ाई लड़ी। Gk Pustak के इस भाग में हम हिमाचल प्रदेश के 1857 के इतिहास की जानाकरी हिंदी में दे रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश में 1857 का विद्रोह
भारत
में
जो
आजादी
की
पहली
लड़ाई
हुई
इस
लड़ाई
में
पहाड़ी
राजाओं
ने
अंग्रेजों के
खिलाफ
कौन
विद्रोह किया
इसके
पीछे
क्या
कारण
थे
जानते
हैं
उस
विद्रोह के
कारण
अर्थात
क्या
थे
विद्रोह से
पहले
के
कारण।
हिमाचल प्रदेश में 1857 के विद्रोह के कारण
- हिमाचल के पहाड़ी राजाओं के जीवन में सामाजिक और धार्मिक हस्तक्षेप करना।
- अंग्रेजों द्वारा हिमाचल की पहाड़ी रियासतों जैसे शिमला और काँगड़ा के किले पर अनावश्यक हस्तक्षेप करना।
- हिमाचल प्रदेश के सैनिकों के साथ पक्षपात का रवैया रखना।
- हिमाचल प्रदेश के सैनिकों को सूअर और गाय की चर्बी के कारतूस जबरदस्ती Use करने के लिए वाद्य करना।
- लार्ड डलहौजी की लैप्स की नीति भी हिमाचल प्रदेश के लोगों में रोस का कारण था।
1857 की क्रांति
के संधर्व में हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी राजा कौन कौन थे ?
- हिमाचल प्रदेश की क्रांति के समय मंडी का वजीर वजीर गोसउ था।
- मंडी रियासत का राजा मियां अतर सिंह था।
- 1857 के विद्रोह के समय चम्बा का राजा श्री सिंह थे।
- 1857 विद्रोह के समय कुल्लू जिले का राजा प्रताप सिंह था।
- 1857 की क्रांति के समय सिरमौर रियासत का राजा शमशेर सिंह था।
- 1857 की क्रांति के समय कहलूर रियासत का राजा हीराचंद था।
- हिमाचल प्रदेश की बुशहर रियासत का राजा, शमशेर सिंह था।
- कसौली विद्रोह का नेतृत्व दरोगा बुद्धि सिंह ने किया था।
- हिमाचल प्रदेश में कुल्लू में जो वजीरी सेना थी उसके सेनापति भीम सिंह थे।
1857 की क्रांति के समय हिमाचल प्रदेश के ब्रिटिश प्रमुख अधिकारी कौन थे ?
- सिरमौर बटालियन के ब्रिटिश कमांडर मेजर चार्ल्स रीड थे।
- 1857 के विद्रोह के समय काँगड़ा के डिप्टी कमिश्नर रेतनेल टेलर थे।
- हिमाचल प्रदेश में 1857 की क्रांति के समय धर्मशाला के पुलिस कमिश्नर कपतान यांग हस्बैंड थे।
- 1857 की क्रांति के समय शिमला हिल स्टेट्स का सुप्रीटेंट
जे सी वार्न्स थे।
- कसौली के सहायक कमिश्नर पी सी मेक्सवर्ल्स थे।
- क्वार्टर मास्टर जनरल कौन थे -- कर्नल ए
बेकर
- ब्रिटश सेना के कमांडर इन चीफ -- जोर्ज़े अनसन थे।
- 1857 की क्रांति के समय शिमला के डिप्टी कमिश्नर लार्ड विलियम हे थे।
हम
सभी
जानते
है
कि
भारत
में
1857 की
क्रांति की
शुरुआत
11 मई
से
हुई
थी।
ये
क्रांति हिमाचल
प्रदेश
में
भी
आग
की
तरह
फेल
गयी।
अम्बाला में
विद्रोह की
आग
देखते
हुए
ब्रिटिश चीफ
ने
सेना
को
अम्बाला की
और
कुछ
करने
के
आदेश
दिए।
शिमला
में
आक्रोश
फेल
गया
इस
आक्रोश
को
देखते
हुए
उस
वक्त
के
कमांडर
निकोलस
पेनी
ने
विद्रोहियों से
बचने
के
के
लिए
यूरोपीय को
शिमला
में
चर्च
में
इकठा
होने
के
आदेश
दिए।
800 से अधिक
लोग
वहां
पर
इकठे
हो
गए
पर
सेना
तो
चली
गई
थी
इसलिए
उनका
बचाव
कना
मुश्किल था
पर
कुछ
यूरोपियन ने
हिमाचल
के
पहाड़ी
राजाओं
के
पास
जाकर
अपनी
जान
बचाई
थी।
नासिरी बटालियन का विद्रोह -- भीम सिंह ने
नसीरी
सेना
का
नेतृत्व किया
और
नासिरी
सेना
को
अंग्रेजों के
विरुद्ध विद्रोह के
लिए
मजबूर
कर
दिया।
16 मई
को
भीम
सिंह
ने
जतोग
छावनी
का
विद्रोह किया
और
उस
छावनी
पर
कब्जा
कर
लिया।
इस
विद्रोह के
बाद
हिमाचल
प्रदेश
के
सभी
इलाके
में
आंदोलन
फेल
गया।
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