उत्तर प्रदेश, प्रतापगढ़ जिला | Uttar Pradesh Partapgarh District GK in Hindi

हेलो दोस्तों, उत्तर प्रदेश के 75 जिले हैं और 75 जिलों में से प्रतापगढ़ जिला भी एक है उत्तर प्रदेश में हने वाली सभी परीक्षाओं में इस जिले से दो या तीन सवाल सामान्य ज्ञान के अवश्य पूछे जाते हैं। इसलिए आज हम Gk Pustak की इस पोस्ट के माध्यम से उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले की समपूर्ण जानकारी हिंदी में लाये है है इस पोस्ट में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले का इतिहास,भूगोल, प्रसासनिक ढांचे, जनसांख्यिकी, मंदिर और Facts दिए हैं जो आपकी आने वाली परीक्षा के लिहाज से बहुत जरूरी है।  



प्रतापगढ़ जिले के इतिहास से एक सवाल पूछा जाता है ?


 

इतिहास प्रतापगढ़ जिला उत्तर प्रदेश | Partapgarh District History GK

 

 

इस जिले का पौराणिक महत्व रामायण काल और महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। ऐसा माना जाता है कि भगवान राम चंद्र जी के चरणों से जो पांच नदियां पवित्र हुई थी उनमें से एक सई नदी इसी जिले में बहती है। इस नदी का जीकर रामचरित मानस में भी किया गया है। ये रामायण काल की घटना है जब श्रीराम चंद्र ने इस नदी को पवित्र किया था। इस जिले का डिवीज़न प्रयागराज है।

 

 

1628 से लेकर 1682 तक यहां पर बहादुर प्रताप नाम का एक राजा राज करता था और उसकी राजधानी रामपुर थी उसी के नाम से इस शहर का नाम प्रतापगढ़ पड़ा था।  1857 में इस जिले का पुनर्गठन किया गया और इसका नाम बेल्हा प्रतापगढ़ के नाम से जाने जाना लगा। बेल्हा एक मंदिर है जो सई नदी के किनारे पर स्थित है। इसके इलावा इस जिले का इतिहास भगवान बुद्ध से भी जुड़ा हुआ है इस जिले के कोट नमक स्थान पर भगवान बुद्ध ने तपस्या की थी। 



 

 

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले का भूगोल | Partapgarh District Geography GK

 

 

 

प्रतापगढ़ जिले की अक्षांश स्थिति -- 25.933° उत्तर 


प्रतापगढ़ जिले की दिशांतर स्थिति -- 81.983° पूर्व 


प्रतापगढ़ जिले का कुल क्षेत्र फल -- 3717 वर्ग किलोमीटर 


उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के पूर्व में स्थित जिला या राज्य -- उत्तर प्रदेश का जौनपुर जिला  


प्रतापगढ़ जिले के पश्चिम में स्थित जिला या राज्य --  उत्तर प्रदेश का रायबरेली जिला 


प्रतापगढ़ जिले के उत्तर में स्थित जिला या राज्य -- उत्तर प्रदेश के अमेठी और सुल्तानपुर जिले 


प्रतापगढ़ जिले के दक्षिण में स्थित जिला या राज्य -- उत्तर प्रदेश का प्रयागराज जिला


उत्तर प्रदेश प्रतापगढ़ जिले में बहने वाली नदियों के नाम - गंगा, सई,बकुलाही,लूणी गोमती यहाँ कि प्रमुख नदिया है।


मानसून इस जिले में जून के अंतिम दिनों में प्रवेश करती है। गर्मियों में इस जिले का तापमान 46 डिग्री तक हो जाता है और सर्दियों में तापमान 3 डिग्री तक गिर जाता है।   



 

 

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले का प्रशासनिक ढांचा 2021


 

प्रतापगढ़ जिले में तहसीलों की संख्या -- पांच (रानीगंज, सदर, कुंडा, लालगंज, पट्टी)


प्रतापगढ़ जिले में कुल ब्लॉकों की संख्या -- 17 


प्रतापगढ़ जिले में विधानसभा क्षेत्रों की संख्या और नाम --  सात  (रामपुर ख़ास, रानीगंज, पट्टी, बाबागंज, कुंडा, विश्वनाथगंज, सदर )


जिले के लोकसभा क्षेत्रों की संख्या और नाम -- 2 (प्रतापगढ़, कौशाम्बी)


नगर पंचायतों की संख्या -- 5 



 

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले की जनसांख्यिकी 2011 के अनुसार  


 

उत्तर प्रदेश प्रतापगढ़ जिले का कुल क्षेत्रफल -- 3209141 


पुरुष जनसँख्या -- 1606085 


स्त्री जनसँख्या -- 1603056 


जनसँख्या में 10 सालों में हुई वृद्धि -- 17.50 प्रतिशत 


दस सालों में  क्षेत्रफल में हुआ बदलाव -- कोई नहीं 3717 है 


उत्तर प्रदेश प्रतापगढ़ जिले का  जनसँख्या घनत्व -- 863 प्रतिवर्ग किलोमीटर   


उत्तर प्रदेश और प्रतापगढ़ जिले का जनसँख्या अनुपात -- 1.61% / 100 


जिले का लिंगानुपात -- 998 / 1000 


शिशु लिंगानुपात -- 917/ 1000 


प्रतापगढ़ जिले की औसत साक्षरता दर -- 70.09 प्रतिशत 


पुरुष साक्षरता दर -- 81.88 प्रतिशत 


स्त्री साक्षरता दर -- 58.45 प्रतिशत 


 

 

प्रतापगढ़ जिले का आजादी की लड़ाई के लिए योगदान 

 

 

भारतीय स्वाधीनता संग्राम में प्रतापगढ़ का योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण है।तरौल के तालुकेदार बाबू गुलाब सिंह का नाम पहले स्थान पर है जिन्होंने 1857 की क्रांति में अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे। बकुलाही नदी पर उन्होंने अंग्रेजो के सैनिकों को मार गिराया था। पर तीन दिन बाद उनके जख्मीं होने के बाद इलाज के आभाव के चलते उनकी मौत हो गई थी। बड़े दुःख की बात है आज तक वहां कोई भी स्मारक नहीं बना है।  


 

प्रतापगढ़ के कालाकाँकर रियासत के राजा हनुमंत सिंह के पुत्र श्री लाल प्रताप सिंह का नाम 1857 की क्रांति में दूसरे नंबर पर नाम है। सुभाष चंद्र बोष ने 1920 में इस जिले की यात्रा की और सभी अंग्रेजी सेना में भर्ती न होने के लिए आग्रह किया जिसका यहां के लोगों ने स्वागत किया। 

 

 

इसके इलावा इन्द्र नारायण द्विवेदी तथा मदन मोहन मालवीय के प्रयत्नों से फरवरी 1918 में किसान आंदोलन का गठन किया था। किसान आंदोलन में  जवाहरलाल नेहरू, गौरीशंकर मिश्र, माता बदल पांडे, केदारनाथ जी ने पूर्ण सहयोग दिया। 



प्रतापगढ़ जिले के पर्यटन स्थल, मंदिर 


 

बेल्हा देवी मंदिर

 

बेल्हा देवी मंदिर का इस जिले के लिए नहीं उत्तर प्रदेश के इतिहास से जुड़ा हुआ है।  रामायण कल में जब शिव जी सती का पार्थिव शरीर लेकर चले थे तो भगवान शिव ने अपने चक्र से सती के पार्थिव शरीर के टुकड़े किये थे तो काजो नामक अंग यहां पर गिरा था तब  से इस स्थान पर मंदिर का निर्माण हुआ है। ये अंग कमर का हिस्सा होता है। भगवान् राम चंद्र ने भी 14 वर्ष के बनवास के समय यहां पर पूजा की थी। 


 

माँ पंचमुखी मंदिर

 

प्रतापगढ़ की जिला कचेहरी से भंगवा चुंगी रोड़ पर लोहिया पार्क के पास माँ पंचमुखी मंदिर स्थित है जो काफी प्रसिद्ध धार्मिक, ऐतिहासिक व पौराणिक स्थल है। यहाँ देवी जी की जो प्रतिमा है वो पांच मुंह वाली है जिसका तेज देखते ही बनता है। यहाँ पर हर मुराद माँ देवी अवश्य पूरी करती हैं।


भयहरणनाथ धाम

 

यह धाम प्रतापगढ़ के जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर है और इस मंदिर की धार्मिक मान्यता ये है कि यहाँ पर महाभारत काल में पांडवों ने वकासुर नामक राक्षस का वध किया था और उसके वध के बाद यहां शिव लिंग की स्थापना की थी। 

 

 

घुइसरनाथ धाम इसी जिले में स्थित है जो जिला मुख्यालय से 7 किलोमीटर है। 

भक्ति धाम कुण्डी तहसील में स्थित है जो 2 किलोमीटर दूर है इस धाम को भक्ति धाम इस लिए खा जाता है किउकी यहां पर कृष्ण और राधा की क्रीड़ाओं का विवरण और मंदिर है। इसके इलावा जो मंदिर हैं वे नीचे दिए गए हैं। 

 

शनिदेव मंदिर

 

चंदिकन देवी शक्तिपीठ सई नदी के किनारे 

शक्तिपीठ मां चौहर्जन धाम

हौदेश्वर नाथ धाम

बाबा बेलखरनाथ धाम

कोटवा महारानी धाम


 

 

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के अन्य महत्व पूर्ण तथ्य | Facts about Partapgarh District in Hindi 


वालीबुड के महानायक के रूप में जाने जाने वाले अमिताभ बच्चन का रिश्ता भी बेल्हा की मिट्टी से जुड़ा हुआ है। 


आँवले के उत्पाद के लिये यह जिला अग्रणी है। पुरे हिंदुस्तान में आंवले का उत्पादन सबसे ज्यादा इस जिले में

होता है। 


विश्वसेन राजपूत राय बजरंग बहादुर सिंह का परिवार इस जिले का सबसे मशहूर खानदान है। 


दूसरा सोमवंशी राजपूत राजा प्रताप बहादुर सिंह का परिवार मुख्य है। 


तीसरा,  राजा दिनेश सिंह जो वाणिज्य मंत्री भी रहे हैं इसी धरती से सबंध रखते हैं। 


डॉ॰हरिवंशराय बच्चन एक कवी इसी धरती के रहने वाले थे। 


सुमित्रानंदन पंत महान कवी का भी इस जिले से सबंध है। 


आद्या प्रसाद कवि और साहित्यकार इसी जिले के रहने वाले थे। 


धर्म सम्राट स्वामी करपात्री वे एक अध्यात्मिक गुरु थे भी इसी जिले से सबंध रखते थे। 


क्रांतिकारी बाबू गुलाब सिंह स्वतंत्रता सेनानी ने भी इसी जिले में जन्म लिया था। 


कृपालु महाराज एक अध्यात्मिक गुरू भी इसी जिले से सबंध रखते हैं। 


श्वेता तिवारी एक अभिनेत्री


अनुपम श्याम ओझा एक अभिनेता


मनोज तिवारी एक क्रिकेटर क्रिकेटर



प्रतापगढ़ जिले से कौन कौन से राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरते हैं। 


प्रयागराज फैजाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग 96 यहां से गुजरता है। 


लखनऊ वाराणसी राजमार्ग 31 यहां से गुजरता है। 


देल्हूपुर रानीगंंज पट्टी मार्ग164 / E भी यहां से गुजरता है। 


राष्ट्रिय राजमार्ग से एक सवाल पूछा जाता है। 



Rakesh Kumar

दो Blogs Gkpustak सामान्य ज्ञान के लिए और Grammarpustak अंग्रेजी ग्रामर का हिंदी में जानकारी हासिल करवाना।

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