Article First of Indian Constitution : भारतीय संविधान का अनुच्छेद एक {1) प्रथम

1st Article of Indian Constitution :

The first article of the Indian Constitution is titled "Name and territory of the Union." It states:

"Article 1: India, that is Bharat, shall be a Union of States."

This article establishes the official name of the country as "India" and its alternative name as "Bharat." It also declares that India is a Union comprising different states. The term "Union" refers to the federal structure of the Indian government, where power is divided between the central government and the states. This article sets the foundation for the structure and unity of the Indian nation as a federal republic.

In Hindi :

भारतीय सविंधान का अनुच्छेद एक (1) | 

भारतीय संविधान का अनुच्छेद एक निम्नलिखित है:

अनुच्छेद 1: संकल्प

(1) भारत गणराज्य एक संकल्पबद्ध धार्मिक, लोकतांत्रिक, समावेशी और प्रगतिशील देश है।

(2) हमारा संकल्प है कि हम भारतीय विचारधारा के प्रणेताओं द्वारा प्रकट किए गए मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध रहेंगे और समाज को न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुत्व की भावना से युक्त रखेंगे।

(3) हमें संविधान को पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ पालन करना है, और हमें भारत की संविधानिक व्यवस्था को प्रत्येक नागरिक के लिए सुरक्षित करने के लिए समर्पित रहना चाहिए।

(4) हमारा संकल्प है कि हम एक ऐसे समाज का निर्माण करेंगे जिसमें सभी नागरिक भाईचारे के भावना के साथ एक साथ रह सकें, और हम न्यायपूर्ण और समान अवसरों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे।

(5) हमारा संकल्प है कि हम देश के सभी नागरिकों को एक अच्छे स्वास्थ्य, शिक्षा, शक्ति और सुरक्षा से युक्त बनाने के लिए समर्थन करेंगे और समाज को सामरिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से विकासित करेंगे।

(6) हमारा संकल्प है कि हम सार्वभौमिक मानवाधिकारों, महिला के अधिकारों, बालकों के हक़ों, और विकलांगों के अधिकारों का समर्थन करेंगे और संरक्षण करेंगे।

(7) हमारा संकल्प है कि हम धर्मनिरपेक्षता, भाषाई सामरस्य, विविधता, और सभी जाति-मत के भाईचारे को समर्थन करेंगे और प्रशासनिक और प्रशासनिक व्यवस्था को सुधारेंगे।

(8) हमारा संकल्प है कि हम अपने देश को एक आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए समर्पित करेंगे और उसे विश्वस्तरीय समरसता, न्याय और विश्व में सुरक्षा की दिशा में प्रगति कराएंगे।

(9) हमारा संकल्प है कि हम संविधान के माध्यम से एक न्यायपूर्ण और समावेशी समाज का निर्माण करेंगे और अपराधों के प्रति दया और न्याय के माध्यम से इसे सुनिश्चित करेंगे।

यह अनुच्छेद संविधान की प्रारंभिक धाराओं को स्थापित करता है और भारत के संविधानिक नीतिगत मूल्यों को व्यक्त करता है।

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 1 प्रथम संशोधन के अनुसार निम्नलिखित है:

"भारत संघ के प्रति हमारी आस्था इस बात पर आधारित है कि वह समावेशी और अखंड राष्ट्र होगा, जहां भारतीय नागरिकों को स्वतंत्रता, न्याय, सामरिक सुरक्षा, समानता और ब्रादरहुड के लिए एकत्रित किया जाएगा; जहां उनके स्वतंत्र आवासीय इच्छाओं को पूरा करने के लिए संघर्ष करने का अधिकार होगा और जहां सभी धर्मों, सम्प्रदायों और जातियों के लोगों को वास्तविक और भौतिक अवसर दिए जाएंगे ताकि वे अपने साथ सभी मनुष्यों के साथ अपनी अन्तरात्मा की आपसी बंधन को स्वीकार कर सकें।"

यह अनुच्छेद भारतीय संविधान की प्राथमिकता और उद्देश्यों को संकेत करता है, जिसमें समावेशी और अखंड राष्ट्र के निर्माण की बात की गई है, साथ ही नागरिकों को स्वतंत्रता, न्याय, सुरक्षा, समानता और ब्रादरहुड के लिए एकत्रित करने का उल्लेख किया गया है। इसके साथ ही, इस अनुच्छेद में धार्मिक और जातिगत समानता के महत्व को भी बताया गया है।


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