शिमला जिले के वन्य जीव अभ्यारण्य | HP GK | Wildlife Sanctuaries of Shimla District in Hindi

शिमला जहां एक प्रसिद्ध [पर्यटन स्थल है वहीँ इस जिले में जंगली जीवों की रक्षा के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा वन्य जीव अभ्यारण्य बनाये गए हैं। इस पोस्ट में हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में स्थित वन्य जीव अभ्यारण्य के बारे में पढ़ेंगे।

शिमला जिले के वन्य जीव अभ्यारण्य:

1. दारनघाटी वन्यजीव अभयारण्य ( कुल क्षेत्रफल 167 वर्ग किलोमीटर स्थापना वर्ष 1974)

दारनघाटी वन्यजीव अभयारण्य हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में स्थित है जिसकी स्थापना वर्ष 1974 में की गई थी। यह एक प्रमुख वन्यजीव अभयारण्य है और इसके अंदर विभिन्न प्रकार के जीवन्त प्राणियों के लिए सुरक्षित स्थल है। यहाँ पर तालाब, बियाबास नदी, और घने वन्य वनों का आदान प्रदान होता है जो वन्यजीवों के लिए आदर्श आवास प्रदान करते हैं। इस अभयारण्य में स्थलीय वन्यजीवों के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश के वन्यजीवों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयोगशाला भी है, जहाँ वन्यजीवों के संरक्षण और उनके जीवन की अध्ययन की जाती है। इस अभयारण्य में आपको विभिन्न प्रकार के वन्यजीव जैसे कि हिरण, सांभर, बार्फीले बिल्ली, लेपर्ड, और अन्य जीवन्त प्राणियों को देख सकते हैं। यह एक जीवन्त और सुंदर स्थल है जो वन्यजीवों के लिए महत्वपूर्ण है और पर्यटन के लिए भी एक आकर्षक स्थल है।

2. तालरा वन्यजीव अभयारण्य (निर्माण वर्ष 1962. कुल क्षेत्रफल 26 वर्ग किलोमीटर)

तालरा वन्यजीव अभयारण्य एचपी के शिमला जिले में स्थित है जिसे 1962 में वन्य जीव अभ्यारण्य का दर्जा दिया गया था। तालरा वन्यजीव अभयारण्य भारत के हिमाचल प्रदेश में स्थित है, और यह वन्यजीवों के संरक्षण और संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है, खासतर सीमला शहर के पास। यह वन्यजीव अभयारण्य बिल्कुल प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है और वन्यजीवों के लिए एक सुरक्षित आवास के रूप में जाना जाता है।

तालरा वन्यजीव अभयारण्य में विभिन्न प्रकार के वन्यजीव पाए जाते हैं, जैसे कि हिरण, लूट, भालू, लेपर्ड, टाइगर, और अन्य जीवन्त प्राणियों के पॉपुलेशन होते हैं। इस अभयारण्य का मुख्य उद्देश्य वन्यजीवों के संरक्षण के लिए है और इनकी जीवन शैली को प्राकृतिक रूप से बनाए रखने का प्रयास करना है।

तालरा वन्यजीव अभयारण्य का दौरा करने के लिए लोग वन्यजीवों के जीवन को समझने और उनके संरक्षण में मदद करने के उद्देश्य से आते हैं। यह एक पॉपुलर टूरिस्ट स्पॉट भी है, जहाँ प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ वन्यजीवों के करीब से देखने का भी मौका मिलता है।

3. शिमला वाटर कैचमेंट वन्यजीव अभयारण्य (निर्माण वर्ष 1962 कुल क्षेत्रफल 167 वर्ग किलोमीटर)

शिमला वाटर कैचमेंट वन्यजीव अभयारण्य हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में फैला हुआ है जिसका कुल क्षेत्रफल लगभग 167 वर्ग किलोमीटर है। यह अभयारण्य शिमला शहर के आसपास स्थित है और शिमला को पानी की आपूर्ति के लिए मुख्य स्रोत के रूप में सेवा करता है। इस अभयारण्य का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक जीवन की सुरक्षा और पानी के स्रोतों की सुरक्षा है।

शिमला वॉटर कैचमेंट वन्यजीव अभयारण्य में विभिन्न प्रकार के वन्यजीव जीवन होता है, जैसे कि भालू, लेपर्ड, बार्ड, मोनाल पहाड़ी, और अन्य प्रजातियाँ। यहाँ के वन्यजीवों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए कई मानव द्वारा थोस कदम उठाए जाते हैं ताकि पानी के स्रोतों को सुरक्षित रखा जा सके।

शिमला वॉटर कैचमेंट वन्यजीव अभयारण्य का दौरा करने के लिए आपको स्थानीय प्राधिकृत प्राधिकरणों की अनुमति और मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। इसका उद्देश्य प्राकृतिक जीवन के साथ एक सुरक्षित और स्वस्थ पानी संचालन सुनिश्चित करना है, जिससे नगर को पानी की आपूर्ति प्रदान किया जा सके।

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