राजस्थान के अजमेर जिले का सामान्य ज्ञान : Rajasthan Ajmer District GK information in Hindi
हम सभी जानते हैं कि अजमेर जिला राजस्थान एक बड़ा जिला है और जब भी राजस्थान में कोई भी परीक्षा होती है तो इस जिले में से कोई न कोई सवाल जरूर पूछा जाता है। जैसे अजमेर जिले की भौगोलिक स्थित क्या है ? इतिहास का एक सवाल पूछा जाता है। या मंदिरों में सवाल पूछा जाता है। तो हम GK Pustak के इस भाग में राजस्थान के अजमेर जिले के सामान्य ज्ञान की जानकारी लाये हैं।
इस भाग में अजमेर जिले के इतिहास, भौगोलिक स्थिति, प्रशासनिक ढांचे,जनसांख्यिकी 2011,त्योहार और मेले, दुर्ग और महल, नदियों, मंदिरों के सामान्य ज्ञान की जानकारी हिंदी में दी गई है। ये भाग राजस्थान की परीक्षा के लिहाज से बहुत जरूरी है।
Ajmer District GK | अजमेर जिले का सामान्य ज्ञान
राजस्थान अजमेर जिले का इतिहास | Ajmer District History GK
राजस्थान के अजमेर रियासत की स्थापना 11 वीं शताब्दी में हुई थी। इस रियासत की स्थापना एक राजपूत शासक ने की थी जिसका नाम अजयदेव था। जब दिल्ली में गुलाम वंश था तब गुलाम वंश के अधीन था ये लगभग 1193 ई की बात है। पर बाद में इस रियासत को राजपूत शासकों को वापस क्र दिया गया था। पर मुग़ल सम्राट ने इसे फिर 1556 में अपने कब्जे में ले लिया गया।
श्रद्धांजलि के भुगतान पर इसे अपने राजपूत शासकों को वापस कर दिया गया था, लेकिन इसे 1556 में मुगल सम्राट अकबर (1556-1-1605) द्वारा लिया गया था। 1770 में इस रियासत पर मराठों द्वारा कब्जा कर लिया गया था। जब तक ये हिस्सा ब्रिटश उपनिवेश का हिस्सा बना तब तक यह राजपूत और मराठों के युद्ध का अखाडा बना हुआ था और 1818 में इसे ब्रिटिश ने अपने कब्जे में ले लिया। आजादी के बाद अजमेर भारत का हिस्सा बन गया।
राजस्थान अजमेर जिले की भौगोलिक स्थिति | Ajmer District Geography GK
- अजमेर जिले का कुल क्षेत्रफल -- 8484 किलोमीटर
- अजमेर जिले की मानचित्र में अक्षांश स्थिति - 26 ° 27 'उतर
- अजमेर जिले की मानचित्र में दिशांतर स्थिति -- 74 ° 44' पूर्व
- अजमेर जिले के उतर में स्थित स्थान -- राजस्थान का नागौर जिला
- अजमेर जिले के दक्षिण में स्थित स्थान -- राजस्थान का राजसमंद जिला
- अजमेर जिले के पूर्व में स्थित स्थान -- राजस्थान का टोंक और जयपुर
- अजमेर जिले के पश्चिम में स्थित स्थान -- राजस्थान का पाली जिला
- अजमेर जिले का साल का औसत तापमान -- 30 ° C (86 ° F)
अजमेर जिला राजस्थान राज्य के मध्य में स्थित है। यह जिला अरावली पर्वत माला से घिरा हुआ है। पहाड़ों की नागपाथर श्रेणी थार रेगिस्तान से जिले को अलग करती है और ये श्रेणी ही रेगिस्तान से बहने वाले रेतीले तूफानों से बचाती है। इस जिले के पूर्व में धरातल समतल है पर पश्चिम में यह जिला अरावली पर्वत श्रृंखला के नज़दीक होने के कारण पहाड़ी है। और बड़ी बात तो यह की अजमेर जिले का मुख्यालय नहीं इसी पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है।
राजस्थान के अजमेर जिले की जनसांख्यिकी (Demographics) 2011 के अनुसार
- राजस्थान के अजमेर जिले की कुल जनसंख्या — 25,83,05
- अजमेर जिले की पुरुष जनसंख्या -- 13,24,085
- अजमेर जिले की स्त्री जनसंख्या --- 12,58,967
- राजस्थान के अजमेर जिले का लिंग अनुपात -- 951/1000
- अजमेर जिले का जनसंख्या घनत्व --- 305
- अजमेर जिले की कुल साक्षरता दर -- 69.3%
- अजमेर जिले की पुरुष साक्षरता दर -- 82.4%
- अजमेर जिले की स्त्री साक्षरता दर -- 55.7%
- अजमेर जिले की दशकीय वृद्धि दर— 18.6%
- अजमेर जिले का शिशु लिंग अनुपात -- 901 /1000
- अजमेर जिले की शहरी जनसंख्या अनुपात - 40 %
- अजमेर जिले की ग्रामीण जनसंख्या -- 60 %
- अजमेर जले की हिन्दू जनसंख्या - 2,201,663 (85.23 %)
- अजमेर जिले की मुस्लिम जनसंख्या -- 314,159 (12.16 %)
- अजमेर जिले की ईसाई जनसंख्या -- 10,605 (0.41 %)
- अजमेर जिले की सिख जनसंख्या -- 6,799 (0.26 %)
- अजमेर जिले की बुद्धिस्ट जनसंख्या -- 417 ( 0.02 %)
- अजमेर जिले की जैन जनसंख्या -- 45,614 (1.77 %)
राजस्थान अजमेर जिले का प्रशासनिक ढांचा ( Administrative Setup)
- अजमेर जिले का मुख्यालय -- अजमेर
- अजमेर जिले के उपखंडों की संख्या --- 4 (अजमेर, ब्यावर, केकड़ी और किशनगढ़)
- अजमेर जिले की पंचायतों की संख्या --- 9 (अजमेर, ब्यावर, भिनाई, सरवर, पीसांगन, तांती, नसीराबाद, मसुदा, केकड़ी, किशनगढ़।)
- अजमेर जिले की उप - पंचायतों की संख्या --- 5
- अजमेर जिले के विधान सभा क्षेत्रों की संख्या ----- 8 (1. किशनगढ़ 2. पुष्कर 3. अजमेर दक्षिण 4 .अजमेर उत्तर 5. नसरीराबाद 6. ब्यावर 7. मसूदा 8. केकड़ी
- राजस्थान के अजमेर जिले की कुल जनसंख्या — 25,83,05
- अजमेर जिले के गांव की संख्या -- 40,439
- अजमेर जिले में शहरी संख्या - 1,16,262
राजस्थान अजमेर जिले के मेले और त्यौहार | Ajmer District Fairs and Festivals GK in Hindi
पुष्कर मेला
यह मेला अजमेर में हर साल अक्टूबर और नवंबर में लगता है। यह मेला भारत में होने वाले पशुमेलों में से एक है। सैकड़ों के हिसाब से पशुओं की ख़रीदोफरोस्त इस मेले में की जाती है। इस मेले में घोड़े,ऊंट,भैंसों की बिक्री होती है। पूरा शहर रंगीन पगड़ी पहने हुए पुरुषों के साथ आता है और महिलाएं भव्य ओढ़नी पहने होती हैं। ऊंट दौड़, परेड और अन्य कार्यक्रमों का मज़ा और उल्लास से भरा।सूर्य की स्थापना के साथ, वातावरण घंटी बजने और पूजा के साथ गूंजता है जिसे 'दीपदान' कहा जाता है और पूरी झील को तैरती रोशनी से रोशन किया जाता है। झील, बाजार में ही नहीं बल्कि थार और ऊंट सफारी की रेत पर भी यह दृश्य मंत्रमुग्ध कर देता है।
अजमेर में उर्स मेला
यह मेला भारत का सबसे बड़ा मुस्लिम मेला है। सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का सालाना उर्स राजस्थान के अजमेर में संत की दरगाह पर आयोजित होता है। यह मेला अजमेर में छे दिनों तक चलता है। जिन दिनों का पालन किया जाता है, मकबरे का शीशम और चंदन के पेस्ट से अभिषेक किया जाता है; कव्वालियों को सर्वशक्तिमान की प्रशंसा में गाया जाता है और कविताएं होती हैं, प्रार्थना में कहा जाता है, क्वैवेलिस और अन्य कई कार्यक्रम पूरी रात विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों के बीच भाईचारे और खुशी पैदा करने के लिए और भक्त नजारान या ज्योति प्रसाद चढ़ाते हैं।
अजमेर में उर्स मेला
यह मेला भारत का सबसे बड़ा मुस्लिम मेला है। सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का सालाना उर्स राजस्थान के अजमेर में संत की दरगाह पर आयोजित होता है। यह मेला अजमेर में छे दिनों तक चलता है। जिन दिनों का पालन किया जाता है, मकबरे का शीशम और चंदन के पेस्ट से अभिषेक किया जाता है; कव्वालियों को सर्वशक्तिमान की प्रशंसा में गाया जाता है और कविताएं होती हैं, प्रार्थना में कहा जाता है, क्वैवेलिस और अन्य कई कार्यक्रम पूरी रात विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों के बीच भाईचारे और खुशी पैदा करने के लिए और भक्त नजारान या ज्योति प्रसाद चढ़ाते हैं।
दरगाह परिसर के बाहर, दो बड़े पैमाने पर गोभी सूखे फल और मसालों के साथ गार्निश किए गए मीठे चावल को 'तबरुख' या पवित्र भोजन के रूप में परोसा जाता है।
अजमेर की इस झील का निर्माण महाराजा अम्बा जी ने करवाया था। उन्हें महाराजा पृथ्वी राज चौहान के पूर्वज माना जाता है। इस झील का निर्माण 1135 ई के बीच करवाया गया था। मुग़ल काल में इस झील का बहुत विकास हुआ था। ये एक मानव निर्मित झील है।
इसकी स्थापना 1949 में की गई थी। अजमेर के दिल-ए-अहराम बाग़ में स्थित इस संग्रहालय को तीन खंडों में विभाजित किया गया है और यह सर्वश्रेष्ठ अजमेर पर्यटन स्थलों में से एक है। इस स्थान पर आठवीं शताब्दी की पुरानी मूर्तियां स्थित हैं।
इस मंदिर का निर्माण 1865 में किया गया था। ये मंदिर अजमेर में पृथ्वी राज मार्ग पर स्थित है। यह जैन मंदिर, लाल आदि नाथ के नाम से भी जाना जाता है, जो पहले जैन 'तीर्थंकर' भगवान आदि नाथ को समर्पित है, मंदिर दो मंज़िल इमारत है और यह सर्वश्रेष्ठ अजमेर पर्यटन स्थलों में से एक है। मंदिर का एक खंड भगवान आदि नाथ की मूर्ति को धारण करने वाला प्रार्थना क्षेत्र है, जबकि दूसरा एक संग्रहालय बनाता है और इसमें एक हॉल भी शामिल है। सोने से बना, संग्रहालय की गैलरी भगवान आदि नाथ के जीवन में पांच चरणों को चित्रित करती है।
अजमेर जिले नरेली जैन मंदिर एक और जैन मंदिर है जो शहर के मध्य से 7 किलोमीटर दूर अजमेर के कोने पर स्थित है। आधुनिक नरेली मंदिर परंपरा और आधुनिक दिन की स्थापत्य शैली का एक प्रभावशाली मिश्रण है। और 24 अतिरिक्त लघु मंदिर ऊपर पहाड़ी पर रखे गए हैं। इन 24 मंदिरों में जैन के 24 तीथकरों की झलक दिखने को मिलती है।
राजस्थान अजमेर जिले के पर्यटन स्थल या ऐतिहासिक स्थान
राजस्थान के अजमेर जिले में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के दरगाह
एना सागर मानव निर्मित झील
अजमेर की इस झील का निर्माण महाराजा अम्बा जी ने करवाया था। उन्हें महाराजा पृथ्वी राज चौहान के पूर्वज माना जाता है। इस झील का निर्माण 1135 ई के बीच करवाया गया था। मुग़ल काल में इस झील का बहुत विकास हुआ था। ये एक मानव निर्मित झील है।
अढ़ाई दिन का झोंपड़ा
यह अजमेर जिले में स्थित है इस दरगाह को बनाते अढ़ाई दिन लगे थे इसलिए इसे अढ़ाई दिन के झोपड़ी के नाम से जाना जाता है। इसका निर्माण 1153 में में किया गया था। 1198 में मुग़ल शासक मुहमंद गोरी ने इसे मस्जिद में तब्दील कर गया था।
अजमेर जिले में पुरातत्व संग्रहालय
इसकी स्थापना 1949 में की गई थी। अजमेर के दिल-ए-अहराम बाग़ में स्थित इस संग्रहालय को तीन खंडों में विभाजित किया गया है और यह सर्वश्रेष्ठ अजमेर पर्यटन स्थलों में से एक है। इस स्थान पर आठवीं शताब्दी की पुरानी मूर्तियां स्थित हैं।
अजमेर जिले में नासियान मंदिर
इस मंदिर का निर्माण 1865 में किया गया था। ये मंदिर अजमेर में पृथ्वी राज मार्ग पर स्थित है। यह जैन मंदिर, लाल आदि नाथ के नाम से भी जाना जाता है, जो पहले जैन 'तीर्थंकर' भगवान आदि नाथ को समर्पित है, मंदिर दो मंज़िल इमारत है और यह सर्वश्रेष्ठ अजमेर पर्यटन स्थलों में से एक है। मंदिर का एक खंड भगवान आदि नाथ की मूर्ति को धारण करने वाला प्रार्थना क्षेत्र है, जबकि दूसरा एक संग्रहालय बनाता है और इसमें एक हॉल भी शामिल है। सोने से बना, संग्रहालय की गैलरी भगवान आदि नाथ के जीवन में पांच चरणों को चित्रित करती है।
अजमेर जिले में नरेली जैन मंदिर
अजमेर जिले नरेली जैन मंदिर एक और जैन मंदिर है जो शहर के मध्य से 7 किलोमीटर दूर अजमेर के कोने पर स्थित है। आधुनिक नरेली मंदिर परंपरा और आधुनिक दिन की स्थापत्य शैली का एक प्रभावशाली मिश्रण है। और 24 अतिरिक्त लघु मंदिर ऊपर पहाड़ी पर रखे गए हैं। इन 24 मंदिरों में जैन के 24 तीथकरों की झलक दिखने को मिलती है।
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