राजस्थान के जोधपुर जिले के बारे में जानकारी : Jodhpur District GK in Hindi
हम सभी जानते हैं कि जोधपुर जिला राजस्थान एक बड़ा जिला है और जब भी राजस्थान में कोई भ परीक्षा होती है तो इस जिले में से कोई न कोई सवाल जरूर पूछा जाता है। जैसे जोधपुर जिले की भौगोलिक स्थित क्या है ? इतिहास का एक सवाल पूछा जाता है। या मंदिरों में सवाल पूछा जाता है।
तो हम GK Pustak के इस भाग में राजस्थान के जोधपुर जिले सामान्य ज्ञान की जानकारी लाये हैं। इस भाग में जोधपुर जिले के इतिहास, भौगोलिक स्थिति, प्रशासनिक ढांचे,जनसांख्यिकी 2011,त्योहार और मेले, दुर्ग और महल, नदियों, मंदिरों के सामान्य ज्ञान की जानकारी हिंदी में दी गई है। ये भाग राजस्थान की परीक्षा के लिहाज से बहुत जरूरी है।
राजस्थान के जोधपुर जिले का इतिहास | Jodhpur District History GK
अगर जोधपुर के इतिहास की बात करें तो यहां पर पहले मारवाड़ जाति के राजपूत रहते थे। इन्हें राठौड़ भी कहा जाता था। और इनके शासन के यहां पर छोटी छोटी वस्तियां थी। राठौड़ वंश के राजपूत प्रमुख राव जोधा द्वारा 1459 में जोधपुर शहर की स्थापना की गई थी। जोधा ने यहां पर कई सालों तक शासन किया और आसपास के इलाके को अपने में मिला लिया था।
जोधपुर जिला शांति के लिए जाना जाता था। अगर ब्रिटिश राज्य की बात करें तो ये रियासत उस वक्त सबसे बड़ा राजपूताना राजाओं का राज्य था। 1901 में इसकी आबादी 44,73,759 थी।
तो हम GK Pustak के इस भाग में राजस्थान के जोधपुर जिले सामान्य ज्ञान की जानकारी लाये हैं। इस भाग में जोधपुर जिले के इतिहास, भौगोलिक स्थिति, प्रशासनिक ढांचे,जनसांख्यिकी 2011,त्योहार और मेले, दुर्ग और महल, नदियों, मंदिरों के सामान्य ज्ञान की जानकारी हिंदी में दी गई है। ये भाग राजस्थान की परीक्षा के लिहाज से बहुत जरूरी है।
Jodhpur District GK | राजस्थान के जोधपुर जिले का सामान्य ज्ञान
राजस्थान के जोधपुर जिले का इतिहास | Jodhpur District History GK
अगर जोधपुर के इतिहास की बात करें तो यहां पर पहले मारवाड़ जाति के राजपूत रहते थे। इन्हें राठौड़ भी कहा जाता था। और इनके शासन के यहां पर छोटी छोटी वस्तियां थी। राठौड़ वंश के राजपूत प्रमुख राव जोधा द्वारा 1459 में जोधपुर शहर की स्थापना की गई थी। जोधा ने यहां पर कई सालों तक शासन किया और आसपास के इलाके को अपने में मिला लिया था।
जोधपुर जिला शांति के लिए जाना जाता था। अगर ब्रिटिश राज्य की बात करें तो ये रियासत उस वक्त सबसे बड़ा राजपूताना राजाओं का राज्य था। 1901 में इसकी आबादी 44,73,759 थी।
भारत देश की आजादी के बाद जोधपुर जिला राज्य संघ में शामिल हुआ। जोधपुर के शासक हनवंत सिंह पहले भारत में शामिल नहीं होना चाहते थे पर सरदार बलभ भाई पटेल के प्रयासों से जोधपुर जिले को भारत का हिस्सा मान लिया गया। भारत के राज्यों के पुनर्गठन अधिनियम 1956 के तहत इसे जिले के रूप में राजस्थान में शामिल कर लिया गया।
राजस्थान जोधपुर जिले की भौगोलिक स्थिति या भूगोल | Jodhpur District Geography GK
- जोधपुर जिले का कुल क्षेत्र फल --- 22850 वर्ग किलोमीटर
- जोधपुर जिले की राजधानी जयपुर से दूरी ---- 335 KM
- जोधपुर जिले के उप नाम ---- "सन सिटी" और "ब्लू सिटी"
- जोधपुर जिले राजस्थान में स्थित ----- पश्चिमी भाग
- जोधपुर जिले के पूर्व में स्थित स्थान ---- राजस्थान का नागौर जिला
- जोधपुर जिले के पश्चिम में स्थित स्थान ---- राजस्थान का जैसलमेर जिला
- जोधपुर जिले के उत्तर में स्थित स्थान ---- राजस्थान का बीकानेर और बाड़मेर जिला
- जोधपुर जिले के दक्षिण में स्थित स्थान ---- राजस्थान का पाली जिला
- जोधपुर जिले की समुद्र तल से औसत ऊंचाई --- 250-300 मीटर
- जोधपुर जिले में वार्षिक औसत वर्षा ---- 366 मिलीमीटर
- जोधपुर जिले की जलवायु ---- बेहद गर्म और शुष्क
- जोधपुर जिले की मानचित्र में अक्षांश स्थिति --- 72 डिग्री 55 मिनट उतर
- जोधपुर जिले की मानचित्र में दिशांतर स्थिति --- 73 डिग्री 52 मिनट पूर्व
- जोधपुर जिले की उतर से दक्षिण तक कुल लंबाई -- 197 किलोमीटर
- जोधपुर जिले की पूर्व से पश्चिम तक कुल चौड़ाई --- 208 किलोमीटर
- जोधपुर जिले का वनों के अंदर कुल क्षेत्र फल --- 6648 हेक्टेयर
राजस्थान जोधपुर जिले का प्रशासनिक ढांचा
राजस्थान जोधपुर जिले का मुख्यालय --- जोधपुरराजस्थान जोधपुर जिले के Sub - Divisions की संख्या -- 11 (जोधपुर,बाप,बालेसर,बावरी,भोपालगढ़, बिलारा, लूणी, ओसियन,फलोडी,पीपर,शेरगढ़ )
जोधपुर जिले की तहसीलों की संख्या - 13 (जोधपुर,बालेसर,बावरी,बाप,भोपालगढ़,माटोडा,लूणी, ओसियन,फलोदी, पीपर सिटी,शेरगढ़,तिंवरी}
जोधपुर जिले की उप - तहसीलों की संख्या --- 8 ( सेतरावा,शेखसर,मतोड़ा,कुड़ी भगतासनी, झांसवार,
घंटयानी,दंगियावास, आउ )
जोधपुर जिले की पंचायत समितिओं की संख्या --- 16
जोधपुर जिले में पंचायतों की संख्या --- 466
राजस्थान जोधपुर जिले की जनसांख्यिकी संबंधी सामान्य ज्ञान
- जोधपुर जिले का कुल क्षेत्रफल - 22,850 Sq KM
- जोधपुर जिले की कुल जनसंख्या— 36,87,165 व्यक्ति
- जोधपुर जिले की पुरुष जनसंख्या —1 9,23,928
- जोधपुर जिले की स्त्री जनसंख्या — 17,63,237
- जोधपुर जिले का लिंगानुपात— 916 /1000
- जोधपुर जिले की जनसंख्या दशकीय वृद्धि दर— 27.7%
- जोधपुर जिले का जनसंख्या घनत्व — 161 Per Sq KM
- जोधपुर जिले की कुल साक्षरता दर — 65.9%
- जोधपुर जिले की पुरुष साक्षरता दर — 79%
- जोधपुर जिले की महिला साक्षरता— 51.8%
- जोधपुर जिले और राजस्थान के क्षेत्र फल का अनुपात - 5.38%
- जोधपुर जिले का शिशु लिंग अनुपात - 891/1000
- जोधपुर जिले में 0-6 साल के बच्चों की जनसंख्या - 606,49
- जोधपुर जिले में 0-6 साल के लड़कों की संख्या - 320,731
- जोधपुर जिले में साक्षर व्यक्तिओं की संख्या - 2,031,532
- जोधपुर जिले में साक्षर पुरषों की संख्या - 1,265,753
- जोधपुर जिले में साक्षर महिलाओं की संख्या - 765,779
जोधपुर जिले के मेले और त्यौहार | Jodhpur Fairs and Festivals GK
1- जोधपुर जिले में पुष्कर ऊंट मेला
जोधपुर जिले में ये मेला लगभग पांच दिनों के लिए लगता है। यह मेला नवंबर महीने में होता है। इस मेले में ऊंट की प्रजाति की प्रदर्शनी, ऊंटों की दौड़, कठपुतली शो, ऊंटों का व्यापार, आकर्षण का केंद्र बने होते हैं। इस में चारो तरफ ऊंट ही ऊंट नजर आते हैं।
2- मारवाड़ त्यौहार
2- मारवाड़ त्यौहार
जोधपुर जिले में मारवाड़ त्योहार सबसे ज्यादा चर्चित और लोकप्रिय त्योहार है। इस मेले में छोटे बच्चे हों या बूढ़े, सभी लोग धूमधाम से भाग लेते हैं।
3 - पतंग मेला
3 - पतंग मेला
हम सभ जानते हैं की पुरे राजस्थान में पतंग मेला बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। पर यह मेला जोधपुर में अलग ही तरीके से मन्या जाता है। ये मेला जनवरी महीने में मनाया जाता है ,पूरा जोधपुर रंग विरंगे पतंगों से भरा होता है। और पतंगों की प्रतियोगिताएं होती हैं।
4 - शीतला माता का मेला
4 - शीतला माता का मेला
यह मेला हर साल 8 मार्च को लगता है। इस मेले को स्थानीय भाषा में कागा कहा जाता है। इस मेले में शीतला माता की पूजा की जाती है और लगभग हजारों लोग इकठे होते है। शीतला माता को दुःख निवारण के रूप में माना जाता है।
5 - चामुंडा माता का मेला
5 - चामुंडा माता का मेला
चामुंडा माता का मेला जोधपुर के जिले में लगता है। इस माता को राजपूतों के राठौरों की कुल माता के रूप में माना जाता है। यह मेला हर साल सितम्बर या फिर अक्टूबर महीने में लगता है। चंदा माता की पूजा बड़ी ही धूमधाम से की जाती है।
6 - बाबा रामदेव का मेला
यह मेला जोधपुर जिले में अगस्त या सितम्बर म्हणे में लगता है यह मेला जोधपुर जिले के मसूरिया हिल पर लगता है। इस मेले में लोग बड़ी ही उत्साह से Bhag लेते हैं।
6 - बाबा रामदेव का मेला
यह मेला जोधपुर जिले में अगस्त या सितम्बर म्हणे में लगता है यह मेला जोधपुर जिले के मसूरिया हिल पर लगता है। इस मेले में लोग बड़ी ही उत्साह से Bhag लेते हैं।
जोधपुर जिले की नदियां और झीलें | Rivers GK
1- जोधपुर जिले की लूणी नदी
इसे नदी को पहले सागरमाटी के नाम से जाना जाता था। यह नदी गोविंदगढ़ से गुजरने के बाद यह अपनी सहायक सरस्वती से मिलती है। जब ये नदी पुष्कर झील से निकलती है तो इसका नाम लूणी पड़ जाता है। 1892 में, जोधपुर के महाराजा जसवंत सिंह ने जोधपुर जिले के बिलारा और भवी के बीच पिचियाक गाँव में जसवंत सागर का निर्माण किया।
2 - जोजरी नदी
यह नदी जोधपुर में बहुत कम क्षेत्र में बहती है इस नदी पर अभी अभी एक बांध के निर्माण के लिए भी मंजूरी मिली है।3 - मीठड़ी नदी
यह नदी राजस्थान के पाली जिले निकलती है और इसका उद्गम स्थान अरावली की पहाड़ियों से है। ये नदी एक मौसमी नदी है जो बरसात के मौसम में बहती है।4 - कायलाना झील
यह झील जोधपुर जिले की सबसे बड़ी झील है। यह एक प्राकृतिक झील है। राज्य की एकमात्र झील जिसमें इन्दिरा गाँधी नहर परियोजना का पानी ‘राजीव गाँधी लिफ्ट केनाल’ द्वारा डाला जाता है। इस झील को प्रताप सागर झील भी कहा जाता है।
5 - बालसमन्द झील
इस झील का निर्माण 1159 ई. में बालक राव ने करवाया था। यह झील जोधपुर-मण्डोर मार्ग पर स्थित है। इस झील में अष्ट खम्बा स्थित है जो आठ धातुओं का बना हुआ है।
जोधपुर जिले के किले / दुर्ग और महल | Forts and Castle
इस दुर्ग के उप नाम मयूरध्वजगढ़/गढ़ चिन्तामणी/ कागमुखी हैं। इस का निर्माण 1459 में राव जोधा ने करवाया था। ये मंदिर चिडया टोक पहाड़ी पर स्थित है।
2 - जिले में लोहापोल
इस स्थान अपर 10 खंबों की एक छतरी है। और एक संग्रहालय भी बना हुआ है जिसमे अकबर की तलवार राखी हुई है। इस दुर्ग का निर्माण अजीत सिंह ने करवाया था।
3 - उम्मेद महल
जोधपुर जिले में अकाल के दौरान जनता को रोजगार देने के उद्देश्य से इस महल का निर्माण उम्मेद सिंह ने 1928 से 1940 के मध्य छीतर पत्थरों से करवाया था। इसलिए इसे ”छीतर पैलेस” भी कहते हैं। एशिया के भव्य प्रासादों में जोधपुर का उम्मेद भवन का स्थान शीर्ष पर आता है। वर्तमान में उम्मेद भवन में मनोरम संग्रहालय, थियेटर, भू-तल तरणताल, नृत्य कक्ष, केन्द्रीय हॉल दर्शनीय है।
जोधपुर जिले के मंदिर का सामान्य ज्ञान
1 - जोधपुर जिले में आई माता का मन्दिर
यह मंदिर बिलाड़ा में स्थित है। आई माता को माता दुर्गा का अवतार माना जाता है। आई एक पंथ था। इस माता को सीरवी जाती की कुल माता माना जाता है। इस मंदिर की विशेस्ता ये है की यहां पर कोई भी मूर्ति नहीं है और केवल जोत ही जलती है। इस मंदिर मर गुज़र जाति लोगों को जाने की मनाही है।
2 - नागणेची माता
यह मंदिर जोधपुर जिले के मण्डोर में स्थित है। ये माता जोधपुर जिले के राठोड़ों की कुल देवी माना जाता है। इस मंदिर में माता की 18 भुजाओं वाली मूर्ति विराजमान है।
3 - चामुण्डा माता का मंदिर
ये मंदिर मेहरानगढ़ में स्थित है। इस माता को प्रति हार वंश की कुल देवी के र्रोप में माना जाता है। इस मंदिर में दो बार घटनायें हुई हैं एक बार 1857 में आसमानी बिजली ने यहाँ क्षति पहुंचाई थी और दूसरी बार 2008 में भगदड़ से यहां पर 200 से ज्यादा लोगों की मोत हो गई थी।
4 - सूर्य मन्दिर
यह मंदिर औंसिया में स्थित है। औंसिया को 24 मंदिरों की स्वर्ण नगरी भी कहा जाता है। इस मंदिर का निर्माण प्रति हार वंश के शाशकों ने करवाया था। इस का निर्माण लगभग 8 वीं शताब्दी में वतयराज ने करवाया था। इस मंदिर को ‘राजस्थान का कोणार्क” भी कहा जाता है।
5 - रावण का मन्दिर
यह मंदिर भी जोधपुर जिले के मण्डोर में स्थित है। यह उतर भारत का एकमात्र रावण मंदिर है। ऐसा माना जाता है की रावण की पत्नी मंदोदरी इस स्थान की रहने वाली थी।
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