नमस्कार दोस्तों सवाई जिला राजस्थान का जिला है और राजस्थान में होने वाली परीक्षाओं में इस जिले से जरूर एक सवाल पूछा जाता है। इसलिए मैं GK Pustak के माध्यम से आज आपके लिए राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के सामान्य ज्ञान की पूरी जानकारी हिंदी में लाया हूँ। इस पोस्ट में राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के इतिहास, भौगोलिक स्थिति, जमसंख्यिकी (Demographic),Administrative Structure (प्रशासनिक ढाँचा, पर्यटन या ऐतिहासिक स्थलों, रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान की जानकारी हिंदी में दी गई है।
राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले की भौगोलिक स्थिति राजस्थान का सवाई माधोपुर जिला दक्षिण पूर्व राजस्थान में स्थित है। जयपुर जिले से लगभग 121 KM दूर है। यह जिला मानचित्र में 25 ° 45 ′ से 26 °41' उत्तरी अक्षांश और 75 ° 59.0' से 77 °.0' पूर्वीदेशांतर के बीच स्थित है।इस जिले के पूर्व में चम्बल नदी है और मध्यप्रदेश से घिरा हुआ है। इस जिले के दक्षिण में राजस्थान का कोटा जिला है।
दक्षिण में राजस्थान का बूंदी जिला है। पश्चिम में टोंक जिला है। और उत्तर में दौसा जिले ने घेरा हुआ है । यह जिला उत्तर पूर्व में करौली जिले और उत्तर पश्चिम में जयपुर जिले से घिरा हुआ है। सवाई माधोपुर जिले का कुल क्षेत्रफल 5042 वर्ग किलोमीटर है। इस जिले की कुल आठ Tehsils हैं जिनका नाम सवाई माधोपुर, गंगापुर, बामनवास, बोनली, खण्डार, चौथ का बरवाड़ा, मलारना डूंगर, और वज़ीरपुर है।
सवाई माधोपुर जिले के इस राष्ट्रीय उद्यान पहले वन्य जीव अभयारण के रूप में जाना जाता था। ये 1955 की बात है। वर्ष 1973-74 में यहाँ बाघ परियोजना की शुरुआत की गई और 1 नवम्बर 1980 को इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया। हम आपको बता दें ये भारत देश की सबसे बड़ी बाघ परियोजना है। ये राष्ट्रीय उद्यान लगभग 400 वर्ग KM तक फैला हुआ है।
Sawai Madhopur District GK | राजस्थान सवाई जिले का सामान्य ज्ञान
राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले का इतिहास | Sawai Madhopur District History GK
सवाई माधोपुर जिले का नाम जयपुर के महाराज माधोसिंह प्रथम से जुड़ा हुआ है अर्थात इस जिले का निर्माण महाराजा माधोसिंह ने 1751 और 1768 के बीच करवाया था। उनके नाम से ही इस जिले का नाम सवाई माधोपुर रखा गया है। 19 जनवरी 1763 को इस जिले का काम शुरू हुआ था इसलिए इस दिन हर वर्ष इस जिले का स्थापना दिवस मनाया जाता है। सवाई माधोपुर में जो माधोसिंह ने महल बनाया था अब वह लॉज में परिवर्तित हो गया है और इस लॉज का दौरा महारानी एलिजावेथ ने 1763 में किया था।
Sawai Madhopur District Geography GK in Hindi
राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले की भौगोलिक स्थिति राजस्थान का सवाई माधोपुर जिला दक्षिण पूर्व राजस्थान में स्थित है। जयपुर जिले से लगभग 121 KM दूर है। यह जिला मानचित्र में 25 ° 45 ′ से 26 °41' उत्तरी अक्षांश और 75 ° 59.0' से 77 °.0' पूर्वीदेशांतर के बीच स्थित है।इस जिले के पूर्व में चम्बल नदी है और मध्यप्रदेश से घिरा हुआ है। इस जिले के दक्षिण में राजस्थान का कोटा जिला है।
दक्षिण में राजस्थान का बूंदी जिला है। पश्चिम में टोंक जिला है। और उत्तर में दौसा जिले ने घेरा हुआ है । यह जिला उत्तर पूर्व में करौली जिले और उत्तर पश्चिम में जयपुर जिले से घिरा हुआ है। सवाई माधोपुर जिले का कुल क्षेत्रफल 5042 वर्ग किलोमीटर है। इस जिले की कुल आठ Tehsils हैं जिनका नाम सवाई माधोपुर, गंगापुर, बामनवास, बोनली, खण्डार, चौथ का बरवाड़ा, मलारना डूंगर, और वज़ीरपुर है।
Demographic 2011 की जनगणना के अनुसार सवाई माधोपुर के आंकड़े
- सवाई माधोपुर की कुल जनसंख्या - 13,35,557
- सवाई माधोपुर की पुरुष जनसंख्या - 7,04,031
- सवाई माधोपुर की स्त्री जनसंख्या - 6,31,520
- सवाई माधोपुर का लिंग अनुपात - 897/1000
- सवाई माधोपुर की दशकीय जनसँख्या वृद्धि दर— 19.6%
- सवाई माधोपुर का जनसंख्या घनत्व— 297
- सवाई माधोपुर की साक्षरता दर— 65.4%
- सवाई माधोपुर की पुरुष साक्षरता दर - 81.5%
- सवाई माधोपुर की स्त्री साक्षरता दर - 47.5%
- सवाई माधोपुर में हिंदी को पहली भाषा के रूप में मानने वाले - 97 %
- सवाई माधोपुर में उर्दू को पहली भाषा मानने वाले - 3 %
- सवाई माधोपुर जिले का कुल क्षेत्रफल – 4,498 वर्ग किलोमीटर
- सवाई माधोपुर जिले में कुल वनक्षेत्र – 939.98 वर्ग किलोमीटर
सवाई माधोपुर का प्रशासनिक ढाँचा
- सवाई माधोपुर जिले के उपखंडों की संख्या - 4
- जिले के तहसीलों की संख्या - 8
- जिले की उप-तहसीलों की संख्या - 3
- पंचायत समितियों की संख्या – 6
- सवाई माधोपुर जिले के विधानसभा क्षेत्रों की संख्या - 4 1. गंगापुर सिटी 2. सवाई माधोपुर 3.
बामनवास तथा 4. खंडार
- सवाई माधोपुर जिले के गांव की संख्या - 832
- सवाई माधोपुर जिले की ग्राम पंचयतों की संख्या - 200
- सवाई माधोपुर नगर परिषदों की संख्या - 2
सवाई माधोपुर जिले का रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान
सवाई माधोपुर जिले के इस राष्ट्रीय उद्यान पहले वन्य जीव अभयारण के रूप में जाना जाता था। ये 1955 की बात है। वर्ष 1973-74 में यहाँ बाघ परियोजना की शुरुआत की गई और 1 नवम्बर 1980 को इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया। हम आपको बता दें ये भारत देश की सबसे बड़ी बाघ परियोजना है। ये राष्ट्रीय उद्यान लगभग 400 वर्ग KM तक फैला हुआ है।
इस उद्यान का गरुड़ पक्षी भी बहुत प्रशिद्ध है। रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान में 1985 में राजीव गाँधी, 2000 में बिल क्लिंटन , अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति, 1960 में इंग्लैंड की महारानी ऐलिजा बेथ, मनमोहन सिंह ने भ्रमण किया। इस उद्यान में एक मछली नाम की बा घिन थी जिसका देहांत हो गया था इसका नाम मछली इसलिए रखा गया था किउंकि उस के चेहरे पर कुदरती मछली की चित्र कला हुई थी।
1 - सवाई माधोपुर जिले का रणथम्भौर दुर्ग
राजस्थान जिले के सवाई माधोपुर पर्यटन स्थल या ऐतिहासिक स्थल
इस दुर्ग को चित्तौड़ के दुर्ग का छोटा भाई या फिर दुर्गाधिराज तथा बख्तर बंद के नाम से भी जाना जाता है। इस दुर्ग का निर्माण ठाकुर रति देव ने 8 वीं शताब्दी में करवाया था। इस दुर्ग की आकृति अंडकार की है और चारों और से पहाड़ियों से घिरा हुआ है।
2 - सवाई माधोपुर जिले का खण्डार का किला
2 - सवाई माधोपुर जिले का खण्डार का किला
इसका उपनाम रणथम्भौर का सहायक दुर्ग या रणथम्भौर का पृष्ठ रक्षक है। इस मंदिर में ही में जैन मंदिर है और यहां पर महावीर स्वामी की विशाल मूर्ति भी विराजमान है। अष्ट धातु से बनी टॉप इसी किले में स्थित है।
3- सवाई माधोपुर जिले का जोगीमहल
इस महल का नर्माण 1961 में वन विभाग ने पूरा करवाया था। यहां पर देश के सारे पर्यटक आकर अपना वसेरा बनाते हैं इसलिए इसे पर्यटकों की शरण स्थली के नाम से भी जाना जाता है।
4 - सवाई माधोपुर जिले का सुपारी महल
3- सवाई माधोपुर जिले का जोगीमहल
इस महल का नर्माण 1961 में वन विभाग ने पूरा करवाया था। यहां पर देश के सारे पर्यटक आकर अपना वसेरा बनाते हैं इसलिए इसे पर्यटकों की शरण स्थली के नाम से भी जाना जाता है।
4 - सवाई माधोपुर जिले का सुपारी महल
यह महल सरे धर्मों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है किउंकि यहां पर मंदिर मस्जिद और गिरजाघर तीनों ही बने हुए हैं। इसलिए ये मंदिर एकता का प्रतीक भी माना जाता है
5 - सवाई माधोपुर जिले का त्रिनेत्र गणेश मंदिर
5 - सवाई माधोपुर जिले का त्रिनेत्र गणेश मंदिर
इस मंदिर में गणेश जी की लेते हुई मुद्रा में मूर्ति है। यहाँ पर देश का सबसे प्राचीन गणेश मेला भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को लगता है। इस मंदिर में गणेश जी के मुख की पूजा की जाती है। गणेश ज के हाथ और पैर को छोड़ भारत में यहां पर ही मुख की पूजा की जाती है।
6 - घुश्मेश्वर महादेव का मन्दिर
यह मंदिर शिव जी महाराज को समर्पित है। यह देश के 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक माना जाता है । इस मंदिर में जो शिव लिंग है वह सदैव पानी में डूबा रहता है इसलिए पर्यटकों को या दर्शन करने वालों को शीशे से दर्शन करवाए जाते हैं।
6 - घुश्मेश्वर महादेव का मन्दिर
यह मंदिर शिव जी महाराज को समर्पित है। यह देश के 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक माना जाता है । इस मंदिर में जो शिव लिंग है वह सदैव पानी में डूबा रहता है इसलिए पर्यटकों को या दर्शन करने वालों को शीशे से दर्शन करवाए जाते हैं।
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