Aligarh Muslim University - GK in Hindi

नमस्कार दोस्तों अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी भारत की एक बहुत बड़ी यूनिवर्सिटी है और यह उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है। और इस यूनिवर्सिटी से उत्तर प्रदेश में होने वाली परीक्षा में एक सवाल जरूर पूछा जाता है। इस लिए Gk Pustak के इस भाग में हम अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के सामान्य ज्ञान की जानकारी हिंदी में लाये हैं इसमें अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना और अन्य महत्व पूर्ण जानकारी हिंदी में दी गई है। 



अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का सामान्य ज्ञान 


अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी भारत में एक प्रमुख यूनिवर्सिटी है। इस यूनिवर्सिटी की स्थापना मूल रूप से सर सैयद अहमद खान द्वारा 24 May 1875 में मुहम्मडन एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज के रूप में स्थापित किया गया था। मोहम्मद एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज 1920 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय था। भारत में इस यूनिवर्सिटी के प्रमुख केंदर हैं। 

केरल में मलप्पुरम

पश्चिम बंगाल में मुर्शिदाबाद

बिहार में किशनगंज


यह विश्व विद्यालय भारत में लगभग 300 से अधिक शाखायें रखता है जो आधुनिक शिक्षा प्रदान करता है। यह एक राष्ट्रीय महत्व का विषय है और इसे भारतीय सविधान की आठवीं अनु सूची में भी दर्ज किया गया है। विश्वविद्यालय के तत्वावधान में विभिन्न क्लब और समाज कार्य करते हैं और इसके विभिन्न पूर्व शिक्षाविदों, साहित्य कारों, राजनेताओं, न्यायविदों, वकीलों, खिलाड़ियों के साथ-साथ इसके पूर्व छात्रों के रूप में काम करते हैं।



अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का कॉलेज से यूनिवर्सिटी में परवर्तित 


1900 पहले यह एक कॉलेज था। 1900 में CIRCA का गठन किया गे था इसका गठन इस लिए किया गया ताकि इस कॉलेज को यूनिवर्सिटी में बदला जा सके। इन्ही प्रयासों की चलते भारत सरकार ने संघ को सूचित किया कि विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए तीस लाख रुपये की राशि एकत्र की जानी चाहिए। फंड को एकत्रित करने के लिए मुस्लिम विश्वविद्यालय फ़ाउंडेशन समिति का गठन किए गया। इस फंड को इकठा करने के लिए न की मुस्लिम ने साथ दिया पर गैर मुस्लिम ने भी साथ दिया।


1920 में इस कॉलेज को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत एक विश्व विद्यालय में परिवर्तित किया गया। 1927 में अहमदी विद्या पीठ की स्थापना की गई और आज स्कूल भी खोला गया। 1927 में ही में एक मेडिकल कॉलेज भी इस यूनिवर्सिटी से जोड़ गया। इस यूनिवर्सिटी के कारण अजमल खान तिब्बिया कॉलेज की स्थापना 1927 में हुई और ये भी इस यूनिवर्सिटी के साथ जुड़ गया। 1962 में जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और अस्पताल भी इस संस्था के साथ जुड़ गया। 1935 में जाकिर हुसैन कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी भी इस संस्था के साथ जुड़ गया और इसका ही भाग बन गया। 



अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के लिए Funding 


यह पहले एक कॉलेज था और इसी कॉलेज के चलते एक समिति का गठन किया गया था। इस यूनिवर्सिटी के लिए उस वक्त के जिंहोने ने इस यूनिवर्सिटी के लिए धन का योगदान दिया वे निम्न लिखित हैं। 

उस वक्त के भारत के वायसराय और गवर्नर जनरल, थॉमस बैरिंग द्वारा योगदान --  10,000 रूपये 

विभिन प्रांतों द्वारा दिया गे योगदान ---  1,000 रूपये 

पटियाला के महाराजा राजा महामदर सिंह महामदर बहादुर द्वारा दिया गया योगदान --- 58,000 रूपये 

मीर उस्मान अली खान ने 5 लाख रुपये का योगदान दिया। 



अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी 

इस यूनिवर्सिटी में 100 से अधिक विभागीय और कॉलेज पुस्तकालय शामिल हैं। और इनमे मुग़ल साम्राज्य के शाही फरमान भी अंकित किये गए हैं। इस लाइब्रेरी में बाबर, अकबर, शाहजांह के शाही फरमान देखने को मिल सकते हैं। इस पुस्तकालय का गठन उस वक्त के  वाइस राय 1877 में रॉबर्ट बुलवर-लिटन द्वारा किया गया था। इसी कारण इस पुस्तकालय का नाम पहले लिटन लाइब्रेरी रखा गया था।


बाद में आजादी के बाद इस  लाइब्रेरी की सात मंजिला ईमारत बनाई गई और उसका उद्घाटन भारत के पहले प्रधान मंत्री  पंडित जवाहरलाल नेहरू ने किया था। बाद में इस पुस्तकालय का नाम 1960 में बदल दिया गया और इसका नाम मौलाना आज़ाद के नाम से रखा गया। वे स्वतंत्र भारत के पहले राज्य मंत्री थे और उनका आजादी के लिए बहुत योगदान था। 








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