हम सभी जानते हैं की भारत वर्ष में कई दिवस मनाये जाते हैं अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस (International Mother Language Day) इन दिवसों में से एक है और हर किसी के मन में ये सवाल होता है कि अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस (International Mother Language Day) कब मनाया जाता है और किउं मनाया जाता है इसके पीछे क्या इतिहास है और इसे मान्यता कब मिली। तो Gk Pustak के माध्यम से हम इस दिवस से संबंधित कुछ जानकारियाँ ला रहे हैं। जो आपके लिए आने वाली परीक्षाओं में काम आ सकती है।
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस (International Mother Language Day)
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस (International Mother Language Day) का इतिहास या पृष्ठभूमि
अगर हम अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस क्र इतिहास या फिर पृष्ट भूमि की बात करें तो इसको एक दिवस के रूप में मनाने का श्रेय बंगलादेश को जाता है। आजकल की बंग्लादेश की राजधानी ढाका में 21 फरवरी के एक भाषाई आंदोलन किया था। यह आंदोलन ढाका यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया था।
ये घटना 21 फरवरी 1952 की है। उस वक्त बांग्लादेश पाकिस्तान का हिस्सा था। ढाका यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान सरकार की भाषायी नीति का विरोध किया और एक बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया पर सरकार ने उन पर दमनकारी नीति अपनाई पाकिस्तान सरकार ने उन पर गोलिओं की बौछार कर दी। इस आंदोलन का मकसद बांग्ला भाषा को आधिकारिक दर्जा दिलवाना था।
पर सरकार की दमन कारी नीतिओं के आगे विद्यार्थी और सामाजिक कार्यकर्ता नहीं माने और सरकार को आखिर झुकना पड़ा। मामला यूनेस्को तक पहुंच गया और इसके बाद 1999 में 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा कर दी।
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस (International Mother Language Day) 2021
इस वर्ष भी हर वर्ष की भांति 21 फरवरी को रविवार के दिन अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस (International Mother Language Day) मनाया जा रहा है। भारत एक ऐसा देश है जसमे कई भाषायें पाई जाती हैं इसलिए भारत सरकार का गृह मंत्रालय भी इस वर्ष हर साल की भांति अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस (International Mother Language Day) मनाने जा रहा है। पुरे विश्व में यूनेस्को विभिन्न देशों में 7000 से अधिक भाषाओं की पहचान की है। भाषा वह होती है जिसे हम बोल सकें पढ़ सकें और लिख सकें। और पूरा विश्व बहुभाषी होने के कारण हर साल 21 फरवरी को यूनेस्को ने ये दिन चुना है।
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 2021 का विषय
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा ((International Mother Language Day) दिवस 2021 के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा चुना गया विषय है। 21 फरवरी 2020 में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा ((International Mother Language Day) था -- Languages without borders इस वर्ष अलग लग भाषाओँ को बढ़ावा देने के लिए यूनेस्को और संयुक्त राष्ट्र भाषाओँ में विविधता के चलते नए कार्यक्रम आयोजित कर सकती है। जिसमे अलग अलग भाषाओँ को बढ़ावा दिया जा सकता है।
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस (International Mother Language Day) भारत के लिए महत्व जरूरत
हम सभी जानते हैं कि हमारे सविंधान में Unity in Diversity एकता में अनेकता का सिद्धांत दिया गया गया है ये शब्द हमारे सविधान की प्रस्तावना में अंकित है। इस वक्त भारत में आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त 22 भाषाएँ हैं। और 1640 के करीब ऐसी भाषाएँ हैं जिनकी पहचान की जा सकती है या फिर तर्कसंगत हैं। भारत में वे भाषाएँ जिन्हे सविधान में दर्जा प्राप्त है असमिया, बंगाली, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, सिंधी, तमिल, तेलुगु, उर्दू, बोडो, संथाली, मैथिली और डोगरी। इसके इलावा कई कई क्षेत्रीय भाषायें है पर उन्हें भाषा नहीं बोली कहा जाता है।