उत्तर प्रदेश झाँसी जिला, सामान्य ज्ञान : UP Jhansi District GK in Hindi

नमस्कार दोस्तों, झाँसी उत्तर प्रदेश का जिला है उत्तर प्रदेश में होने वाली विभिन्न परीक्षाओं में इस जिले से सवाल जरूर पूछे जाते हैं इसलिए Gk Pustak के माध्यम से आज हम झाँसी जिले के बारे में कुछ जानकारी दी रहे जिसमें झाँसी जिले के इतिहास, भूगोल, नदियां मेले और त्योहारों की जानकरी दी गई है।

उत्तर प्रदेश झाँसी जिले का सामान्य ज्ञान | Uttar Pradesh Jhansi District GK in Hindi

 

इतिहास | Jhansi District History GK


झाँसी उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में से एक जिला है। इस जिले का इतिहास बहुत पुराना है। प्राचीन काल में ये जिला मुन्देलखण्ड का एक हिस्सा था। प्राचीन काल में इस जिले में चंदेल राजाओं राजाओं का गढ़ माना जाता था जो राजपूत वंश से माने जाते थे। प्राचीन काल में इस जिले को बलवंत नगर के नाम से जाना जाता था। 11 वीं शताब्दी में इस जिले में राजपूतों की शोहरत में थोड़ी कमी आई थी।


 

पर 17 वीं शताब्दी में ओरझा का एक बीर शासक हुआ जिसे आज भी झाँसी के इतिहास के पन्नों में पढ़ा जाता है जिसका नाम बीर सिंह देव था इनके शासनकाल में उन्होंने अपने शासन में कई सुधार किये। राजा बीर सिंह देव का ऐसा शासक था जिसके मुग़लों के साथ अच्छे सम्बन्ध थे और मुग़ल जहांगीर उनका ही समकालीन था। 1613 में झाँसी के किले का निर्माण राजा बीर सिंह देव ने ही करवाया था। 


सन‍‍् 1627 में उनके पुत्तर जिनका नाम जुझार सिंह था ने अपना शासन प्रबंध चलाया। 18 वीं शताब्दी में पन्ना में का और राजा हुए जिनका नाम छत्रसाल था। इनके शासनकाल में मुग़लों के साथ आपस में सबंध बिगड़ गए और 1729 में मोहम्मद खान बे उनका राज्य हड़पने के लिए उनके ऊपर हमला कर दिया। 

 

छत्रसाल के एक समकालीन थे उनका नाम पेशवा बाजी राव -1 था जिन्होंने छत्रसाल की सहायता की और दोनों ने मुग़लों को हराकर मुग़लों से अपना साम्राज्य वापिस ले लिया। छत्रसाल ने इस काम के लिए बाजी राव -1 को अपने राज्य का कुछ हिस्सा तोहफे के रूप में दिया। 

 

झाँसी में सन‍‍् 1742 से लेकर 1757 तक पंद्रह साल के लिए इस जिले में नरोशंकर ने शासन किया और अपने राज्य का विस्तार किया। 1766 से 1769 तक विश्वास राव लक्ष्मण को झाँसी का सूबेदार नियुक्त किया गया। 

 

1769 में रघुनाथ राव-2 को इस जिले का सूबेदार नियुक्त किया गया। अंग्रेजों के भारत आक्रमण के बाद 1803 में झाँसी के राजा और ब्रिटश ईस्ट इण्डिया के बीच आपस में संधि हुई और रामचंद्र राव इस जिले के सूबेदार थे। 1835 में रघुनाथ राव-2 की मृत्यु हो गई और उसके बाद रघुनाथ राव को झाँसी का उत्तराधिकारी बनाया गया। 

 

झाँसी के एक राजा हुए जिनका नाम राजा गंगाधर राव था। राजा गंगाधर राव अपने कुशल शासन के लिए जाने जाते थे। सन 1842 ईसवी में राजा गंगाधर राव ने एक वीरांगना से शादी की जिसका नाम मणिकर्णिका से शादी कर ली और बाद में वह झाँसी की रानी के नाम से जानी गई जिसने अंग्रेजों से युद्ध का विगुल वजाया। अग्रेजों की पक्षपाती नीतियों के कारण 1858 में रानी लक्ष्मी बाई वीरगति को प्राप्त हुई। 


अंग्रेजों ने सन‍‍् 1861 में ब्रिटिश सरकार ने झांसी किला और झांसी शहर को जीवाजी राव सिन्धिया को दिया। तब झांसी, ग्वालियर राज्य का एक हिस्सा बन गया। सन‍‍् 1886 में अंग्रेजों ने ग्वालियर राज्य से झांसी को वापस ले लिया। स्वतंत्र भारत में झांसी को उत्तर प्रदेश में शामिल किया गया था। वर्तमान में झांसी डिवीजनल कमिश्नर का मुख्यालय है, जिसमे झाँसी, ललितपुर और जालौन जनपद शामिल हैं।



 

झाँसी जिले का भूगोल | Uttar Pradesh Jhansi District Geography GK



उत्तर प्रदेश का झाँसी जिला विंध्याचल पर्वत पर स्थित है। इस जिले की भौगोलिक स्थिति कुछ ऐसी है कि ये जिला समतल और ढलानदार पहाड़ियों से घिरा हुआ है। आइये जानते है झाँसी जिले के भूगोल के बारे में।


  • झाँसी जिले का मुख्यालय का नाम -- झाँसी
  • जिले के पूर्व में स्थित राज्य या जिला -- उत्तर प्रदेश का हमीरपुर जिला
  • जिले के पश्चिम में स्थित राज्य या जिला -- मध्यप्रदेश का टीकम गढ़ जिला
  • जिले के उत्तर में स्थित राज्य या जिला -- उत्तर प्रदेश का जालौन जिला
  • जिले के दक्षिण में स्थित राज्य या जिला -- उत्तर प्रदेश का ललितपुर जिला
  • झाँसी जिले की मानचित्र में दिशांतर स्थिति -- 25.4333 उत्तर
  • झाँसी जिले की मानचित्र में अक्षांश स्थिति -- 78.5833 पूर्व



शहर के उत्तर में एक प्राकृतिक ढलान है क्योंकि यह उत्तर प्रदेश में विशाल तराई मैदानों के दक्षिण-पश्चिमी किनारे पर स्थित है और ऊंचाई दक्षिण की ओर बढ़ती है। भूमि खट्टे प्रजातियों के लिए उपयुक्त है और फसलों में गेहूं, फलियां, मटर और तिलहन शामिल हैं। यह क्षेत्र सिंचाई के लिए मानसूनी बारिश पर बहुत अधिक निर्भर करता है। 

एक महत्वाकांक्षी नहर परियोजना (राजघाट नहर) के तहत, सरकार झांसी और ललितपुर और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में सिंचाई नहरों का एक नेटवर्क बना रही है। कृषि उत्पादों (अनाज और तिलहन सहित) के व्यापार का अत्यधिक आर्थिक महत्व है।

झाँसी जिले में बहने वाली नदियां 


पहुज नदी उत्तर प्रदेश में स्थित ऐतिहासिक शहर झांसी से होकर बहने वाली नदी और जलमार्ग है। यह सिंध नदी की सहायक नदी है जो आगे उत्तर प्रदेश राज्य के इटावा में यमुना नदी में मिलती है। कई धार्मिक ग्रंथों में नदी को एक और नाम "पुष्पावती" भी दिया गया है।



 

 

झाँसी जिले के मेले और त्यौहार |Jhansi District Fairs and Festivals GK in Hindi



 

त्यौहार के समय झाँसी की यात्रा आपकी यात्रा को और अधिक योग्य और रोमांचक बनाती है। झांसी महोत्सव हर साल फरवरी के दौरान यहां आयोजित होने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्योहार शहर की महान संस्कृति और परंपरा से परिचित होने का अच्छा समय है। शहर में मनाए जाने वाले अन्य त्योहार दिवाली, होली, जन्माष्टमी, ईद आदि हैं।


झाँसी जिले के स्कूल और कॉलेज
 

रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय

बुंदेलखंड विश्वविद्यालय

मेडिकल और तकनीकी कॉलेज झाँसी

एमएलबी मेडिकल कॉलेज झाँसी

अक्टूबर 2009 में, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एम्स के समकक्ष एक संस्थान स्थापित करने की मंजूरी दी, जो बुंदेलखंड क्षेत्र में पहला और केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय विकसित कर रहा था।

महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज झाँसी जिसकी स्थापना 1968 में की गई थी।

बुंदेलखंड गवर्नमेंट आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल

बुंदेलखंड इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी

गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक झांसी

सैनिक स्कूल झांसी

भानी देवी गोयल सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज झाँसी

क्राइस्ट द किंग कॉलेज, झांसी

आर्मी पब्लिक स्कूल, झांसी

मॉडर्न पब्लिक स्कूल, झांसी


Rakesh Kumar

दो Blogs Gkpustak सामान्य ज्ञान के लिए और Grammarpustak अंग्रेजी ग्रामर का हिंदी में जानकारी हासिल करवाना।

Please Select Embedded Mode To Show The Comment System.*

और नया पुराने