काँगड़ा जिले की झीलें : Lakes of Kangra District in Hindi : HP GK

काँगड़ा जिला हिमाचल प्रदेश का जनसँख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा जिला है। काँगड़ा के इतिहास की बातकरें तो इस जिले का इतिहास महाभारत काल से भी पुराना है। काँगड़ा जिले में पहला गवर्नर राजा घमंद चंद था जिसने 1758 में काँगड़ा में गवर्नर शिप की थी। घमंद चंद एक बहादुर और मजबूत शासक था जिसने कांगड़ा की प्रतिष्ठा को बहाल किया था। 

2011 की जनगणना के अनुसार कांगड़ा जिले की जनसंख्या 1,510,000 थी। इस जिले में पहाड़ी बोली जायदातर बोली जाती है। ये जिला धौलाधार पर्वत श्रेणी से ढका हुआ है। अपनी सुंदरता के लिए ये जिला जाना जाता है। इस जिले में सूंदर झीलें भी हैं। आइये जानते हैं Gk Pustak के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा जिले की झीलों के बारे में। 


हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा जिले की झीलें

1:- काँगड़ा की डल झील  

यह झील हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा जिले में स्थित है। इस झील की ऊंचाई समुन्दर तल से लगभग 1,775 मीटर है। यह झील जब धर्मशाला पहुंचते है तो उसके बाद जब नड्डी रोड पर जाते हैं तो यह मैक्लोडगंज से लगभग 2 किलोमीटर दूर है धर्मशाला से से इस झील की दूरी 11 किलोमीटर है। ये झील पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है क्योकि चारों और से देवदार के पहाड़ इस झील की शोभा बढ़ाते हैं। यह झील लगभग 10000 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई है। 

 


इस झील नजदीक भगवान शिव का मंदिर है। दूर दूर से आने वाले पर्यटक इस मंदिर के दर्शन जरूर करते हैं। इस मंदिर का इतिहास हिन्दू धर्म के भगवान् शिव से जुड़ा हुआ है। ऐसा माना जाता है कि दुर्वासा ऋषि ने यहां पर भगवान शिव के लिए कठोर तपस्या की थी। हमेशा सवाल पूछे जाते हैं कि डल झील का इतिहास पुराना है तो यहां स्थानीय लोगों का कहना है कि इस झील इतिहास दुर्वासा ऋषि से जुड़ा हुआ है।

2 ) :- करेरी झील 

यह झील  काँगड़ा जिले की सूंदर झील है। इस झील की ऊंचाई डल झील से अधिक है इसकी ऊंचाई की बात करें तो यह 9711 फ़ीट या 2960 मीटर है इस झील के इर्द गिर्द बर्फ से ढके हुए पहाड़ देखे जा सकते हैं। इस झील का व्यास 3.5 हैक्टेयर है। इस झील के किनारे शिव मंदिर है जो पर्यटकों के लिए आस्था का प्रतीक है। करेरी झील धर्मशाला से 12 किलोमीटर दूर है और काँगड़ा के गगल हवाई अड्डे से 22 किलोमीटर है। 



3 :-  पौंग झील

 

पोंग झील हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा जिले में स्थित है। इस झील की ऊंचाई समुन्द्र तल से 430 मीटर है। यह एक कृत्रिम झील है जिसे पोंग डैम झील या महाराणा प्रताप झील के नाम से भी जाना जाता है। इस झील में वन्य जीव अभ्यारण्य भी है जो सूंदर पशुओं और पक्षियों के रहने का केंद्र बना हुआ है। पौंग झील किस नदी पर बना है



पोंग बाँध को वर्ष 1975 में ब्यास नदी पर बनाया गया था। इसे पोंग जलाशय या महाराणा प्रताप सागर भी कहा जाता है। हिमाचल प्रदेश में पांच नदियां बहती हैं ये बांध 1975 में ब्यास नदी पर बनाया गया था। 1975 के बाद हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस झील को वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया था। 1994 में हिमाचल सरकार ने इस झील को "राष्ट्रीय महत्व" की दृष्टि से इस में बदलाव किये थे। 


Rakesh Kumar

दो Blogs Gkpustak सामान्य ज्ञान के लिए और Grammarpustak अंग्रेजी ग्रामर का हिंदी में जानकारी हासिल करवाना।

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