चंबा
उत्तर-पश्चिम में जम्मू
और
कश्मीर,
उत्तर-पूर्व और पूर्व
में
जम्मू
और
कश्मीर
राज्य
के
लद्दाख
क्षेत्र और
हिमाचल
प्रदेश
के
लाहौल
और
बारा-बंगाल क्षेत्र, दक्षिण-पूर्व और दक्षिण
में
जिला
कांगड़ा से
घिरा
है।
हिमाचल
प्रदेश
और
पंजाब
के
गुरदासपुर जिले।
चंबा
जिला
उत्तरी
अक्षांश 32° 11′ 30” और 33° 13′ 6” और पूर्वी
देशांतर 75°49 और 77° 3′ 30” के बीच
स्थित
है
का
जिसका
अनुमानित क्षेत्रफल 6522 वर्ग
किलोमीटर है
और
यह
चारों
तरफ
से
पहाड़ों
से
घिरा
हुआ
और
यहां
पर
पीर
पंजाल
जैसी
ऊँची
पर्वत
श्रृंखलाएँ हैं।
यह
क्षेत्र 2,000 से 21,000 फीट की
ऊंचाई
के
साथ
पूरी
तरह
से
पहाड़ी
है।
भगवान
शिव
की
भूमि
चंबा
अपनी
अछूती
प्राकृतिक सुंदरता के
लिए
प्रसिद्ध है।
जिले
में
डलहौजी,
खज्जियार, चंबा
टाउन,
पांगी
और
भरमौर
मुख्य
पर्यटन
स्थल
हैं।
हिमाचल
प्रदेश
के
चम्बा
जिले
में
आठ
झीलें,
पांच
वन्य
जीव
अभ्यारण्य और
अनगिनत
मंदिर
हैं।
आइये
जानते
हैं GK
Pustak के
माधयम
से
हिमाचल
प्रदेश
के
चम्बा
जिले
की
आठ
झीलों
के
बारे
में
कि
यहां
पर
कौन
झीलें
हैं।
हिमाचल प्रदेश की चम्बा जिले की झीलें:
1. मणिमहेश झील - मणिमहेश हिन्दुओं का पवित्र स्थान है और इसे भोले शंकर की धरती भी माना जाता है। चम्बा जिले में स्थित मणिमहेश झील भरमौर तहसील में स्थित है। यह झील चंबा के मुख्यालय से लगभग 100 किलोमीटर दूर है। इस झील की समुन्द्र तक से ऊंचाई लगभग 4200 मीटर या 13779.53 फीट है। इस झील की धार्मिक मान्यता ये है कि इस झील में हर साल कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर और राधाष्टमी वाले दिन मेला लगता है और भारत में जिसे मणिमहेश यात्रा के नाम से जाना जाता है। इस झील का व्यास लगभग 1 किलोमीटर का है।
2. खजियार झील : - खजियार झील हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले में स्थित है और इस झील की दूरी चम्बा के मुख्यालय से 24 किलोमीटर दूर है। ये झील पर्यटन स्थल डलहौज़ी से भी लगभग 24 किलोमीटर दूर है। यह एक पर्यटन स्थल है और मैनली उत्तर भारत के पर्यटकों के लिए एक बहुत अच्छा पर्यटन स्थल है। इस झील की समुन्दर तक से ऊंचाई लगभग 1920 मीटर है या फिर 6299.213 फ़ीट है। इस झील की कुदरत ने ऐसे बनावट की है कि इसे मिनी स्विट्जरलैंड भी कहते हैं। ये झील लगभग पांच हेक्टेयर के क्षेत्र फल में फैली हुई है और यहाँ पर स्थित नाग मंदिर पर्यटकों के लिए खिचाव का केंद्र है।
3. लामा डल झील : - लामा डल झील चम्बा जिले की तीसरी बड़ी झील है और यह भरमौर तहसील में स्थित है। इस झील की समुन्दर तल से ऊंचाई 3,960 फीट या फिर 12,990 फीट है। इस झील की विशेषता ये है की यहां पर आठ छोटी छोटी झीलें हैं और इसे आठ झीलों के समूह के नाम भी जाना जाता है। यह झील चम्बा मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर है। इस झील की यहाँ के गद्दी जनजाति के लिए बहुत मान्यता है और सावन के महीने में यहां पर मेला लगता है। धौलाधार पर्वत श्रृंखला पर स्थित ये झील हिन्दुओं के लिए एक पवित्र स्थान है और नाग मंदिर भी इस झील की शोभा बढ़ाता हैं। यहां का मनमोहक दृश्य किसी को भी मोह सकता है।
4. खुण्डी मराल झील :- यह झील
चम्बा
जिले
में
स्थित
है
और
चम्बा
जिले
के
चुराह
तहसील
में
स्थित
है।
चुराह
चम्बा
जिले
की
एक
तहसील
भी
है
और
घाटी
भी
है।
इस
झील
की
धार्मिक मान्यता ये
है
कि
इस
झील
के
किनारे
माता
काली
का
मंदिर
है
जिसके
दर्शन
के
लिए
दूर
दूर
से
लोग
आते
हैं।
ये
झील
चुराह
तहसील
की
चांजू
पंचायत
में
स्थित
है।
यह
झील
3 हेक्टेयर या
फिर
0.03 वर्ग
किलोमीटर में
फैली
हुई
है।
इस
झील
की
समुन्द्र तल
से
ऊंचाई
4,355 मीटर
है।
5. गुडासरू महादेव झील :- यह झील चम्बा
जिले
में
स्थित
है
पर
इसका
अर्थ
यह
नहीं
यह
झील
चम्बा
में
है
यह
झील
चम्बा
जिले
के
चुराह
तहसील
में
स्थित
है।
इस
झील
की
समुन्द्र तक
से
ऊंचाई
लगभग
4280 मीटर
या
फिर
14041 फीट
की
ऊंचाई
पर
स्थित
है।
दो
हेक्टेयर में
फैली
यह
झील
चुराह
तहसील
की
शोभा
बढ़ाती
है।
यहां
के
स्थानीय लोगों
के
लिए
इनकी
बहुत
मान्यता है
क्योंकि कि
यहां
का
काली
माता
का
मंदिर
इस
झील
की
शोभा
बढ़ाता
है।
यह
झील
अपर
चुराह
में
पाई
जाती
है।
6. मैहलनाग डल झील : - यह झील चम्बा जिले की छठी प्रमुख झील है और यह झील भी चम्बा जिले की चुराह तहसील में स्थित है। चुराह घाटी में स्थित इस झील की समुन्द्र तल से ऊंचाई 3200 मीटर है। इस झील के किनारे नाग देवता का मंदिर यहां के लोगों के लिए आस्था और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
7. बैसाखी चामुण्डा डल झील :- यह झील चम्बा जिले की चुराह तहसील में स्थित है यह झील एंथली जोत पर है और इस झील के किनारे माता जी का मंदिर इस झील की शोभा बढ़ाता है।
8. कालीका डल झील :- यह झील चम्बा
जिले
की
चुराह
तहसील
में
स्थित
है
और
नोसराधार की
गगनचुंबी पर्वत
श्रृंखलाओ मे
स्थित
है।
यह
झील
चम्बा
जिले
और
हिमाचल
प्रदेश
के
लिए
एक
पवित्र
पर्यटन
स्थल
है।
इस
झील
की
समुन्द्र तक
से
लगभग
ऊंचाई
3,470 है।