हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में एक मेला मनाया जाता है है और यह मेला आज पुरे भारत में अपनी पहचान बना चूका है। हिमाचल प्रदेश में होने वाली विभिन परीक्षाओं में इस मेले से सम्बंधित सवाल पूछे जाते हैं आईये Gk Pustak के माध्यम से जानते हैं शिमला के रामपुर बुशहर में आयोजित होने वाले लवी के मेले के बारे में कब मनाया जाता है यह मेला।
लवी मेला का मेला किस जिले में लगता है ?
इस मेले की यह विशेषता है कि इस मेले का इतिहास हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले और शिमला जिले के साथ जुड़ा हुआ है। किन्नौर के चरवाहे सर्दियों की शुरुआत से पहले गर्म स्थानों की यात्रा करते हैं, अपने रास्ते में रामपुर में रुकते हैं जो शिमला का हिस्सा है। इस मेले के दौरान भारत के ही नहीं सभी देशों के लोग इस मेले में हिस्सा लिया करते हैं।
कब शुरू हुआ था शिमला में लवी का मेला ?
अगर लवी के मेले के इतिहास की बात करें तो यह मेला लगभग 400 साल पुराना है जब भारत के ही नहीं तिब्बत, अफगानिस्तान, उज्बेकिस्तान और नेपाल के मशहूर कारोबारी इस मेले में अपने कारोबार के जोहर दिखाने के लिए आते थे। 400 साल पुराने मेले को जब शुरू लिया गया था तब इस मेले में पहुंचने के लिए व्यापारियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। पर आज इस मेले में लोग हवाई सेवा और बस के जरिये इस मेले में पहुँच सकते हैं।
क्या है लवी के मेले की विशेषता क्या हैं ?
इस मेले कि ये विशेषता है कि इस मेले में किसी एक चीज व्यापार नहीं होता है जैसे हिमाचल के नलवाड़ मेले में पशुओं का ही व्यापार होता है पर इस मेले में व्यापारी ऊनी कपड़े, मेवा और औषधीय जड़ी-बूटियाँ लाते हैं और उनका प्रदर्शन करके उनका आदान प्रदान करते हैं। ये ही नहीं इस मेले में तिब्बत से आये व्यापारी चामूर्ति घोड़ों की मूर्तियों का प्रदर्शन करते हैं जो एक आकर्षण का केंद्र होता है।
लवी का मेला कब लगता है ?
हिमाचल प्रदेश का शिमला का मशहूर मेला जिसे लवी के मेले से जाना जाता है यह मेला हर साल नवंबर महीने को लगता है और तीन दिन तक चलता है। तीन दिन चलने वाले इस मेले में यहां की स्थानीय सरकार द्वारा इस मेले की व्यवस्था की जाती है।
लवी के मेले में किन चींजो का व्यापार होता है ?
हिमाचल प्रदेश के रामपुर शहर में लगने वाले मेले में ऊन, ऊन से बने वस्त्रों, पट्टी, पश्मीना (जिनका निर्माण लाहौल स्पीति, शिमला और कुल्लू जिले में किया जाता है), चिलगोजा, हाइ ब्रीड के पशुओं का व्यापार किया जाता है। इस मेले में लाखों रुपये का व्यपार होता है और दिन भर की व्यपारिक गतिविधियों के बाद रात को सांस्कृतिक प्रोग्राम किये जाते हैं।
कब शुरू हुआ था शिमला में लवी का मेला ?
क्या है लवी के मेले की विशेषता क्या हैं ?
हिमाचल प्रदेश का शिमला का मशहूर मेला जिसे लवी के मेले से जाना जाता है यह मेला हर साल नवंबर महीने को लगता है और तीन दिन तक चलता है। तीन दिन चलने वाले इस मेले में यहां की स्थानीय सरकार द्वारा इस मेले की व्यवस्था की जाती है।
हिमाचल प्रदेश के रामपुर शहर में लगने वाले मेले में ऊन, ऊन से बने वस्त्रों, पट्टी, पश्मीना (जिनका निर्माण लाहौल स्पीति, शिमला और कुल्लू जिले में किया जाता है), चिलगोजा, हाइ ब्रीड के पशुओं का व्यापार किया जाता है। इस मेले में लाखों रुपये का व्यपार होता है और दिन भर की व्यपारिक गतिविधियों के बाद रात को सांस्कृतिक प्रोग्राम किये जाते हैं।