5th article of Indian constitution | अनुच्छेद-5 | आर्टिकल पांच
Fifth Article of Indian constitution :
Article 5th of Indian Constitution:tel us Citizenship that :
This article discusses citizenship as outlined in the Constitution at its inception on January 26th, 1950. According to this provision, citizenship is granted to individuals who meet one of the following criteria:
- Individuals born in Indian territory.
- Individuals whose either parent was born in Indian territory.
- Individuals who have been residents of India for a minimum of 5 years leading up to the commencement of the Constitution.
भारतीय संविधान अनुच्छेद-5 | आर्टिकल पांच
भारतीय संविधान के अनुच्छेद-5 में भारतीय नागरिक के मौलिक अधिकारों का वर्णन है। इस अनुच्छेद को "मौलिक अधिकार" के रूप में भी जाना जाता है। इस अनुच्छेद में निम्नलिखित अधिकार शामिल हैं:
स्वतंत्रता और मानवाधिकार: इस अनुच्छेद के तहत हर भारतीय नागरिक को स्वतंत्रता, जीवन, व्यक्तिगत सुरक्षा, स्वतंत्र विचार और मताधिकार की सुरक्षा का अधिकार होता है।
अशांति और विपथ: यह अधिकार व्यक्तिगत आज़ादी की रक्षा करता है, जिसमें हड़ताल, धरना, संगठन और विरोधाभासी कार्यों का सम्मानित करता है।
भाषा, संस्कृति और जाति: इस अनुच्छेद के तहत, भाषा, संस्कृति और जाति संबंधित अधिकारों की सुरक्षा और संरक्षण का विधान है।
धार्मिक स्वतंत्रता: इस अनुच्छेद के तहत, प्रत्येक व्यक्ति को धर्मिक स्वतंत्रता, धर्म चुनने, धर्मानुयायी होने और धर्म के लिए व्यापारिक गतिविधियों का अधिकार होता है।
समानता: यह अनुच्छेद समानता के सिद्धांत को प्रमोट करता है, जिसमें सभी नागरिकों के सामान अधिकारों और अवसरों की सुरक्षा होती है। यह अनुच्छेद विभिन्न भेदभावों के खिलाफ संरक्षा प्रदान करता है, जैसे जातिगत, लिंगानुयायी, वर्गानुयायी, धार्मिक और संस्कृतिक भेदभाव।
ये मौलिक अधिकार भारतीय संविधान के लगभग सभी नागरिकों को सुरक्षित करते हैं और विवादास्पद मामलों में न्यायालयों की सुरक्षा और न्यायपालिका की स्वतंत्रता की गारंटी प्रदान करते हैं।
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