Gk Pustak के इस भाग में हम मंडी जिले के "Fairs and Festivals Districts Mandi" के बारे में विस्तार पूर्वक हिंदी में बताएंगे ताकि अगर किसी भी हिमाचल की परीक्षा में सवाल पूछा जाता है तो आपको आसानी हो सके। क्योंकि परीक्षा में इससे संबंधित सवाल जरूर पूछा जाता है।
मंडी जिले के मेले और त्यौहार:
महासू नाग मेला | Mahasu Nag Mela
ये मेला ज़िला मंडी का ज़िला स्तर का मेला है। ये मेला मंडी जिले के करसोग मैं मनाया जाता है। ये मेला साल के मई महीने में मनाया जाता है। 'महासू देवता' नाग का मंदिर प्रकृति की गोद में बसा एक प्रसिद्ध मंदिर है। ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति यहां सच्चे दिल से कुछ मांगता है कि महासू देवता उसकी मुराद पूरी करते हैं।
दिलचस्प है कि यहां हर साल दिल्ली से राष्ट्रपति भवन की ओर से नमक भेंट किया जाता है। मिश्रित शैली की स्थापत्य कला को संजोए यह मंदिर देहरादून से 190 किमी और मसूरी से 156 किमी दूर है। यह मंदिर चकराता के पास हनोल गांव में टोंस नदी के पूर्वी तट पर स्थित है।
सैचू मेला | Saichu mela
ये मेला मंडी जिले का राज्य स्तरीय मेला है। ये मेला मंडी जिले के रिवालसर मैं मनाया जाता है। 13 अप्रैल को इस मेले को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। ये मेला सभी धर्म हिन्दू ,सिख,और बौद्ध धर्म के लिए महत्वपूर्ण है और इक्कठा बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
नलवाड़ मेला (Nalwadi फेयर )
ये मेला सुंदर नगर तहसील में मनाया जाता है। हर साल ये मेला अप्रैल महीने में मनाया जाता है। नलवाड़ मेला मंडी जिला का एक प्रसिद्ध मेला है। यह मेला हर साल 22 मार्च से 28 मार्च तक मनाया जाता है। यह माना जाता है है की अच्छी नस्ल के मवेशियों की कमी से प्रेरित था। विशेष रूप से बैल, जो कृषि के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं और पहाड़ी इलाकों की अर्थव्यवस्था की एक प्रमुख विशेषता हैं। नलवाड़ी मेले में बड़ी संख्या में मेले के झूले खरीदे और बेचे जाते हैं।
हर कोई मवेशी खरीदार सबसे स्वस्थ मवेशियों की तलाश करता है और एक विक्रेता यह सुनिश्चित करना चाहता है कि उसके द्वारा बेचे जा रहे पशु के सबसे अच्छे दाम मिले। इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश के अन्य राज्यों के विभिन्न हिस्सों से लोग अच्छी नस्ल के बैल लेकर आते थे। इस मेले में विभिन्न प्रकार के खेल जैसे कबड्डी, कुश्ती, हाफ मैराथन आदि भी आकर्षण का केंद्र बनते हैं।
मंडी का शिवरात्रि मेला (Shivratri Fair of Mandi District )
मंडी जिले का ये मेला राष्ट्रीय स्तर का है। ये त्यौहार मंडी जिले में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। ये मेला मंडी जिले का बहुत पुराना और famous मेला है। ये मेला मंडी जिले के पड्डल मैदान में मनाया जाता है। इसे मंडी के राजा अकबर सेन ने 1527 ई मैं शुरू करवाया था।
महाशिवरात्रि त्योहार फरवरी महीने के दौरान मनाया जाता है। सभी मंदिरों में भी इस त्योहार का बहुत महत्व है। भारत के सभी हिस्सों के लोगों के समान, मंडी के लोग इस दिन उपवास करते हैं।मंडी में, भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्तियों को या तो गाय के गोबर या मिट्टी से तैयार किया जाता है। फिर, मूर्तियों को पूजा (पूजा) अर्पित की जाती है। बाद में, भगवान शिव और पार्वती की स्तुति के लिए गीत गाए जाते हैं।
मंडी में हिसार महोत्सव:
हिसार महोत्सव त्योहार केवल मंडी में आयोजित नहीं होता है, बल्कि हिमाचल प्रदेश के कुल आदिवासी क्षेत्रों में भी मनाया जाता है। शिमला के मनाली क्षेत्र में स्थित तिब्बत उपनिवेश, धर्मशाला, सोलन और बैजनाथ मर भी ये मेला मनाया जाता है।
पुराने बौद्ध मंदिर में श्री पद्म-संभव और पास के क्षेत्र में एक स्थानीय राज-कुमारी की शादी मनाई जाती है। जिसे मंडी जिले में रिवालसर कहा जाता है। जो मंडी जिले के महान आकर्षणों में से एक है। रेवाल्सर का यह स्थान धार्मिक समारोहों के लिए कई धार्मिक या आध्यात्मिक पर्यटकों के लिए आकर्षण कस केंद्र है।
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