Sirmaur District Fairs & Festivals in Hindi | सिरमौर जिले के मेले और त्यौहार

Sirmaur District Fairs & Festivals in Hindi :- 

हिमाचल प्रदेश के मेले और त्योहार यहां के रहने वाले लोगों की,वेश- भूषा ,कला ,संस्कृति ,नृत्य ,सामाजिक रीती- रिवाजों ,समाजिक और धार्मिक आस्था के साथ काफी जुड़ी हुई है। हिमाचल प्रदेश के मेले और त्योहार हिमाचल प्रदेश के देवी देवताओं और आस्था से भी काफी जुड़े हुए है। हिमाचल प्रदेश के रीती रिवाज अलग अलग क्षेत्र मैं अलग अलग कलाओं से जुड़े हुए हैं। यहां के मेले और त्योहारों मैं लोग मधुर सयंत्रों के साथ नाच और नृत्य का प्रदर्शन कर अपनी प्रथा का प्रचार और कला को कायम करते हैं। 


 Gk Pustak के इस भाग में हम हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के Fairs and Festivals के बारे में discuss करेंगे कि जिला सिरमौर में कौन -कौन से मेले और त्योहार मनाये जाते हैं। ये सामान्य ज्ञान (Gk ) का बहुत जरूरी भाग है क्यों की इससे संबंधित एक सवाल हिमाचल में होने वाली परीक्षाओं में जैसे TET ,Police Exam ,HAS ,Patwari Exam ,Secretary Exam में जरूर पूछा जाता है। इस संबधी विस्तार में जानकारी नीचे  दी गई है।  

 

 

सिरमौर जिले के मेले और त्यौहार:

रेणुका मेला (Renuka Fair ) :-- यह मेला हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में मनाया जाता है यह मेला छह दिनों के लिए हर साल नवंबर के महीने में मनाया जाता है। यह सिरमौर जिले का राजकीय (राज्य स्तर का मेला) है। यह भारत दिवाली के प्रसिद्ध त्योहार के दस दिन बाद शुरू होता है। पौराणिक विचारों के अनुसार ये माना जाता है कि मां रेणुका के सबसे छोटे बेटे परशुराम हर साल अपनी मां से मिलने आते थे। मेला परशुराम और रेणुका की वार्षिक बैठक को याद को समर्पित करता है।


परशुराम को भगवान विष्णु का छठा अवतार माना जाता है। इस मेले में पहाड़ी संस्कृति की झलक साफ़ देखने को मिलती है। यहां ग्रामीण लोग अखरोट, सूखे और गीले अदरक आदि के अपने उत्पाद का प्रदर्शन करते हैं। लोक नृत्य, जादू के शो, करियाला नाटक, थोडा नृत्य, कुश्ती मुकाबलों, आग का काम, पुलिस और होमगार्ड का बैंड प्रदर्शन, विकासात्मक प्रदर्शनियां, सिनेमा शो और भजन-कीर्तन सप्ताह भर चलने वाले मेले में आकर्षण का केंद्र बनते हैं।

त्रिलोकपुर मेला (Trilokpur Mela ) :-- ये मेला सिरमौर जिले का राज्य स्तर का मेला है ये मेला माता बाला सुंदरी को समर्पित है। ये मेला त्रिलोकपुर में मनाया जाता है। ये मेला नवरात्रों वाले दिन मनाया जाता है। प्रसिद्ध शक्तिपीठ महामाया बालासुंदरी मंदिर में चैत्र नवरात्र पर आयोजित होने वाला 17 दिवसीय नवरात्र मेला हर साल बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है।

ब्यास मेला :-- ब्यास मेला मेला सिरमौर जिले के चैत्र माह में होली के त्योहार से पांच दिन पहले होता है। ऐसा कहा जाता है कि व्यास ऋषि ने इस मेला स्थल पर तपस्या की थी तब से ये स्थान प्रसिद्ध ऋषि को समर्पित एक मंदिर है। जहां पर मेला होता है उस से लगभग 4 किमी की दूरी पर एक बर्बाद शहर के अवशेष हैं। इस गाँव के विनाश के साथ कोई दिलचस्प जुड़ी हुई हैं।

मेले में कुश्ती के मैच मेले की एक महत्वपूर्ण विशेषता है। भगवान शिव और व्यास ऋषि को अपना व्रत अर्पण करने के लिए यहां दूर दूर से लोग आते हैं।

विशु महोत्सव :-- सिरमौर जिले का विशु त्यौहार चैत्र के महीने के अंतिम दो दिनों और वैशाख के पहले दो दिनों में मनाया जाता है जो हर साल यह मेला अप्रैल के महीने में मनाया जाता है। यह मेला कमोबेश मैदानी इलाकों के बैसाखी समारोह के समान है। सिरमौर में विशु मेला कई गांवों में आयोजित होता है, और इस मेले की तारीख अलग-अलग होती है।


सिरमौर के पांवटा साहिब तहसील के पहाड़ी क्षेत्रों में यह 1 से 12 वीं बैसाख तक मनाया जाता है। तीरंदाजी इस मेले का मुख्य आकर्षण है। तीरंदाजी अलावा लोक नृत्य , लोगों को दावत देना,शराब पीना और सामान्य नृत्य है इस मेले के आकर्षण का केंद्र हैं।

पावन द्वादशी मेला :-
ये मेला सिरमौर जिले का जिला स्तर का मेला है। ये मेला सुरहा नामक स्थान पर मनाया जाता है। ये मेला सितम्बर महीने में मनाया जाता है। ये मेला सराहा में मनाया जाता है इस मेले में लोग बहुत बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हैं।

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Rakesh Kumar

दो Blogs Gkpustak सामान्य ज्ञान के लिए और Grammarpustak अंग्रेजी ग्रामर का हिंदी में जानकारी हासिल करवाना।

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