हिमाचल प्रदेश के दर्रे और जोत | Darare and Jotes of Himachal Pradesh in Hindi :

भारत एक उपमहाद्वीप है इसे उपमहाद्वीप इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहां पर हर तरह की Landscape मिलती है। हम सभी जानते हैं की हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी राज्य है। यहां पर पांच नदियां बहती हैं। और इसकी अपनी भौगोलिक स्थिति है। 

हिमाचल प्रदेश में होने वाली परीक्षाओं में अक्सर हिमाचल प्रदेश में पाए जाने वाले दरों के बारे में सवाल पूछा जाता है। GK Pustak के इस भाग में मैं हिमाचल प्रदेश के दर्रों के सामान्य ज्ञान की जानकारी दूंगा। .सबसे पहले जानते हैं दर्रा होता क्या है ?

हिमाचल प्रदेश के दर्रे और जोत | List of Passes and holdings of Himachal Pradesh in Hindi

दर्रा क्या होता है ?


अगर दो पहाड़ों के बीच की जगह जो नीचे की और दब गई हो और उस जगह से लोंगो का आना जाना भी संभव हो उसे दर्रा कहते हैं। अब सवाल ये है कि दर्रा बनता कैसे है ? वैसे तो ऐसी जगह की संरचना लगातार नदियों के बहने से होती है पर कुदरती भौगोलिक कारण भी दर्रे के बनने के कारण हैं।

हिमाचल प्रदेश में कई पर्वतीय पर्यटन स्थल हैं, जिनमें जोत और दर्रे शामिल हैं।

जोत: जोत हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में स्थित है। यह एक पर्वतीय इलाका है जिसे देश की सबसे ऊँची ऊचाईयों में से एक माना जाता है। यहां से आप हिमालयी पर्वत श्रृंगों की सुंदर झलक देख सकते हैं। जोत में पर्यटन आवास सुविधाएं, ट्रेकिंग मार्ग, विभिन्न प्रकार के पर्वतीय खेल और धर्मिक स्थल भी हैं।

दर्रे: दर्रे हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में स्थित हैं। यह एक पर्यटन स्थल है जो पर्वतीय इलाका में स्थित है। दर्रे घाटी में स्थित होने के कारण इसे अपार प्राकृतिक सुंदरता के रूप में मान्यता प्राप्त है। यहां आप पर्यटन आवास, ट्रेकिंग, नदी राफ्टिंग और माउंटेन बाइकिंग जैसे विभिन्न आवासीय गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं।

जोत और दर्रे दोनों ही पर्यटन स्थल हैं जो हिमाचल प्रदेश के पर्यटन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। यहां पर्यटकों को प्राकृतिक सुंदरता, शांति और पर्यटन गतिविधियों का आनंद मिलता है।

हिमाचल प्रदेश के दर्रों का सामान्य ज्ञान नीचे दिया गया है इस पोस्ट में ये बताया गया है की हिमाचल प्रदेश में कौन सा दर्रा कहाँ और किन जिलों के बीच में है और उसकी ऊंचाई कितनी है ? 

1. शिपकी ला दर्रा या शिपकी दर्रा :- इस दर्रे को शिपकी ला या शिपकी दर्रा के नाम से भी जाना जाता है। यह हिमाचल प्रदेश का ही नहीं हिमालय पर्वत का प्रमुख दर्रा है। यह दर्रा भारत के हिमाचल प्रदेश के किन्नौर ज़िले को तिब्बत के न्गारी विभाग के ज़ान्दा ज़िले से जोड़ता है। यह दर्रा सतलुज नदी पर है और तिब्बत से गुजरकर भारत में प्रवेश करता है। यह दर्रा भारत के 4 राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है। याद रहे इसे 'ला' इसलिए कहा जाता है किउंकि 'ला' शब्द तिब्बती भाषा का शब्द है जिसका अर्थ दर्रा होता है।  

2. बारालाचा ला या बारालाचा दर्रा :-

यह हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति जिले का दूसरा महत्व पूर्ण दर्रा है। यह दर्रा हिमालय की ज़ंस्कार पर्वतमाला से गुजरता है। इसकी उतपति भी तिबत भाषा के शब्द "ला" से हुई है। जहां तक इस दर्रे के प्रवेश की बात करें यह भारत के जम्मू कश्मीर राज्य में प्रवेश करता है यह लेह जिले में प्रवेश करता है। 


गौरतलब है लेह लद्दाख पहले जम्मू कश्मीर राज्य का हिस्सा था पर 31 अक्टूबर 2019 में ये एक केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है। यह दर्रा हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति और लेह को आपस में जोड़ता है। अगर लेह लेह मनाली राजमार्ग पर जायें तो ये दर्रा स्थित है। इस दर्रे की समुन्दर तक से ऊंचाई 4,890 मीटर या फिर 16,040 फुट है।

3. कुंजम दर्रा :

इस दर्रे को कुंजम ला कुंज़ुम या फिर कुंज़ोम के नाम भी जाना जाता है। यह हिमाचल प्रदेश का तीसरा महत्व पूर्ण दर्रा है जो हिमाचल के लाहौल स्पीति जिले में गुजरता है। यह दर्रा हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति जिले के दो भागों लाहौल और स्पीति को आपस में जोड़ता है। इस दर्रे की समुन्द्र तल से ऊंचाई 4590 मीटर या फिर 15059.06 फीट है।

तामसर दर्रा : - तामसर दर्रा हिमाचल प्रदेश में स्थित है यह दर्रा कांगड़ा और बड़ा भंगाल के बीच स्थित है इस दर्रे की ऊंचाई समुन्दर तल से 4572 मीटर या फिर 15000 Feet) फ़ीट है।

दराती दर्रा :

यह दर्रा हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में स्थित है। यह दर्रा काँगड़ चम्बा और पांगी तहसील को बांटता है। इस दर्रे की समुन्दर तल से ऊंचाई 4720 मीटर (15485 Feet) है।

छोबिया दर्रा :- छोबिया दर्रा हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले में स्थित है इस दर्रे की समुन्दर तल से ऊंचाई लगभग 4934 मीटर या फिर 16167 फीट है। यह दर्रा हिमाचल के लाहौल स्पीति जिले के लाहौल से चम्बा के भरमौर के बीच में फैला हुआ है।

गुलारी दर्रा :

गुलारी दर्रा हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति जिले के लाहौल क्षेत्र में फैला हुआ है ईद दर्रे की समुन्दर तल से ऊंचाई 4960 मीटर या फिर 16272 Feet है।


कुगति दर्रा :- कुगति दर्रा हिमाचल प्रदेश में स्थित है और यह दर्रा हिमाचल प्रदेश के दो जिलों चम्बा और लाहौल स्पीति को दो भागों में बांटता है है। इस दर्रे की समुन्द्र तल से ऊंचाई 4961 मीटर या फिर (16276.25 Feet) है।

तेन्दु दर्रा :

तेन्दु दर्रा हिमाचल प्रदेश में स्थित है और हिमाचल के दी जिलों को काँगड़ा और कुल्लू जिले को दो भागों में बांटता है जिनके नाम कुल्लू और काँगड़ा है इस दर्रे की ऊंचाई समुन्दर ताल से 5000 मीटर या फिर (16404 Feet) है


दुग्गी जोत :- दुग्गी जोत हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले की भरमौर तहसील और लाहौल स्पीति जिले की लाहौल तहसील के बीच स्थित है इस दर्रे की ऊंचाई समुन्द्र तल से ऊंचाई 5060 मीटर (16601 Feet) है इस जिले का पिन कोड 175139 है।

मकोड़ी जोत :- मकोड़ी जोत हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा जिले में है और इस जोत की ऊंचाई समुन्दर ताल से 5190 मीटर या पहर (17027 Feet) है।

पिन पार्वती :- पिन पार्वती हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले और लाहौल -स्पीति के बीच स्थित है। इस दर्रे की ऊंचाई समुन्द्र तल से 5319 मीटर या फिर (17450 Feet हैं।


लालुनि जोत :- लालुनि जोत हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति जिले में स्थित है इस जोट की ऊंचाई समुन्द्र तल से ऊंचाई 5440 मीटर (17847 Feet) है।

भीम घसोतडी जोत :- भीम घसोतडी जोत हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा जिले में है इस जोत की समुन्द्र तल से ऊंचाई 5440 मीटर (17847 Feet) है।

पादरी दर्रा :- पादरी दर्रा हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले को जम्मू कश्मीर राज्य को जोड़ता है। इस दर्रे की ऊंचाई समुन्द्र तल से 3050 मीटर (10006 Feet ) है।

इंद्रहार दर्रा :- इंद्रहार दर्रा हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले की भरमौर तहसील और काँगड़ा जिले को आपस में जोड़ता है। इस जिले की समुन्द्र तक से ऊंचाई 4320 मीटर या फिर 14173 फुट है।

कालीछो दर्रा :- कालीछो दर्रा हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा जिले और चम्बा जिले के भरमौर क्षेत्र को आपस में जोड़ता है। इस दर्रे की समुन्द्र टल से ऊंचाई 4729 मीटर (15515 फुट ) है

वासोदन दर्रा :- वासोदन दर्रा हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले में स्थित है और चम्बा जिले की दो तहसीलों भटियात और भरमौर को आपस में जोड़ता है। इस दर्रे की समुन्द्र तल से ऊंचाई 2400 मीटर (7874 फुट) है।

दुलाची दर्रा :- दुलाची दर्रा हिमाचल प्रदेश के दो जिलों मंडी और कुल्लू जिले को आपस में जोड़ता है इस दर्रे की समुन्द्र तल से ऊंचाई 2788 मीटर (9146 Feet) है।

निकोड़ा जोत :- निकोड़ा जोत हिमाचल प्रदेश में स्थित है और हिमाचल प्रदेश के दो जिलों को आपस में जोड़ता है। यह जोत चम्बा की भरमौर तहसील और काँगड़ा जिले को आपस में जोड़ता है। इस जोत की समुन्द्र तल से ऊंचाई 4750 मीटर (15583 Feet) है।

जालोरी दर्रा :- जालोरी दर्रा हिमाचल प्रदेश के दो जिलों काँगड़ा जिले और कुल्लू जिले को आपस में जोड़ता है इस दर्रे की समुन्द्र तल से ऊंचाई 3135 मीटर है।


जालसू दर्रा :- जालसू दर्रा हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले और काँगड़ा जिले को आपस में जोड़ता है। इस दर्रे की समुन्द्र तल से ऊंचाई 3450 मीटर (11318 Feet) है।

चंद्र खेरनी दर्रा :- चंद्र खेरनी दर्रा हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित है इस दर्रे की समुन्द्र तल से ऊंचाई 3600 मीटर (11811 Feet) है।

रोहतांग दर्रा :- रोहतांग दर्रा हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले और लाहौल स्पीति जिले को आपस में जोड़ता है। इस जिले की समुन्द्र तल से ऊंचाई 3798 मीटर (12460 Feet) है।

हमटा दर्रा :- हमटा दर्रा हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले और लाहौल -स्पीति जिले को आपस में जोड़ता है। इस दर्रे की ऊंचाई समुन्द्र तल से 4336 मीटर (14225 Feet) है।

साच दर्रा :- साच पास साच दर्रा हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले में है और पांगी वैली या पांगी तहसील को आपस में जोड़ता है। इस दर्रे की ऊंचाई 4395 मीटर (14419 Feet) है।

नोट -- हिमाचल प्रदेश होने वाली सभी परीक्षाओं में जोट और दर्रों से सवाल जरूर पूछे जाते है जैसे पूछा जाता है रोहतांग दर्रे की ऊंचाई कितनी है ? या रोहतांग दर्रा किस जिले में स्थित है ? इसलिए इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें ताकि किसी भी किस्म का सवाल रह न जाये।

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