नमस्कार दोस्तों राजस्थान की परीक्षाओं में अक्सर राजस्थान के डूंगरपुर जिले के सामान्य ज्ञान के बारे में प्र्शन पूछे जाते हैं। इसलिए GK Pustak के इस भाग में हम राजस्थान के डूंगरपुर जिले के सामान्य ज्ञान की जानकारी हिंदी में दे रहे हैं। इसमें डूंगरपुर जिले के इतिहास,प्रसाशनिक ढांचे, भूगोलिक स्थिति, मंदिरों का सामान्य ज्ञान दिया गया है। इसलिए डूंगरपुर के सामान्य ज्ञान के लिए इस पोस्ट को जरूर पड़ें।
Dungarpur District GK | राजस्थान के डूंगरपुर जिले के सामान्य ज्ञान की जानकारी
डूंगरपुर राजस्थान का एक जिला है। राजस्थान के डूंगरपुर जिले की की स्थापना लगभग 13 वी शताब्दी हुई। इस रियासत की स्थानिक राजा डूंगरिया भील ने की थी। भारतीय इतिहास के अनुसार रावल वीर सिंह नेे भील प्रमुख डुंगरिया को हराया था। जिस राजा को हराया था उसी के नाम पर इस जगह का नाम डूंगरपुर पड़ा था। 1818 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने इसे अपने अधिकार में ले लिया था। यह जगह डूंगरपुर प्रिंसली स्टेट की राजधानी थी।आजादी के बाद ये भारत के जिले के रूप में सामने आया।
राजस्थान के डूंगरपुर जिले की भौगोलिक जानकारी | Dungarpur District Geography GK
राजस्थान का डूंगरपुर जिला राजस्थान के दक्षिणी भाग है। अगर इसके मानचित्र की बात करें तो यह जिला 23.200 से 24.010 अक्षांश और 73.210 से 74.230 देशांतर में स्थित है। इस जिले के सीमायें पूर्व और उत्तर में राजस्थान के बांसवाड़ा और उदयपुर जिले के साथ लगती हैं। यह जिला दक्षिण और पश्चिम में भारत के गुजरात राज्य से जुड़ा हुआ है। अगर इसके क्षेत्रफल की बात करें तो डूंगरपुर जिला राज्य का सबसे छोटा जिला है। यह जिला कुल 385592 हेक्टेयर में फैला हुआ है।
Dungarpur District GK | राजस्थान के डूंगरपुर जिले के सामान्य ज्ञान की जानकारी
राजस्थान के डूंगरपुर जिले का इतिहास | Dungarpur District History GK
डूंगरपुर राजस्थान का एक जिला है। राजस्थान के डूंगरपुर जिले की की स्थापना लगभग 13 वी शताब्दी हुई। इस रियासत की स्थानिक राजा डूंगरिया भील ने की थी। भारतीय इतिहास के अनुसार रावल वीर सिंह नेे भील प्रमुख डुंगरिया को हराया था। जिस राजा को हराया था उसी के नाम पर इस जगह का नाम डूंगरपुर पड़ा था। 1818 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने इसे अपने अधिकार में ले लिया था। यह जगह डूंगरपुर प्रिंसली स्टेट की राजधानी थी।आजादी के बाद ये भारत के जिले के रूप में सामने आया।
राजस्थान के डूंगरपुर जिले की भौगोलिक जानकारी | Dungarpur District Geography GK
राजस्थान का डूंगरपुर जिला राजस्थान के दक्षिणी भाग है। अगर इसके मानचित्र की बात करें तो यह जिला 23.200 से 24.010 अक्षांश और 73.210 से 74.230 देशांतर में स्थित है। इस जिले के सीमायें पूर्व और उत्तर में राजस्थान के बांसवाड़ा और उदयपुर जिले के साथ लगती हैं। यह जिला दक्षिण और पश्चिम में भारत के गुजरात राज्य से जुड़ा हुआ है। अगर इसके क्षेत्रफल की बात करें तो डूंगरपुर जिला राज्य का सबसे छोटा जिला है। यह जिला कुल 385592 हेक्टेयर में फैला हुआ है।
डूंगरपुर जिले का कुल क्षेत्रफल राजस्थान के कुल क्षेत्रफल का 1.13% है। इस जिले का अधिकांश भाग पहाड़ी है। इस जिले का तापमान गर्मियों में बहुत ज्यादा और शर्दियों में कम हो जाता है। इस जिले का तापमान न्यूनतम 41 और उच्चतम 450 है। इस जिले का सबसे ठंडा महीना जनवरी में तापमान रात के दौरान + 50c के आसपास गिरने के साथ होता है। जिले की औसत वर्षा 710 मिमी है और साल-दर-साल बड़ी विविधताएं आती हैं। वर्षा कम होने के कारण सूखे की स्थति बनी रहती है।
राजस्थान के डूंगरपुर जिले की Demographic (जनसांख्यिकी) यह आंकड़े 2011 जनगणना के अनुसार दिए गए हैं।
डूंगरपुर जिले का प्रशासनिक ढांचा | Administrative Structure of Dungarpur
2001 की भारतीय जनगणना में डूंगरपुर जिले को चार तहसीलों में विभाजित किया गया था। इन तहसीलों के नाम थे आसपुर, डूंगरपुर, सागवाड़ा और सीमलवाड़ा। 2007 के आसपास बिछिवारा (बिछीवारा) की नई तहसील डूंगरपुर तहसील के पश्चिमी भाग से बाहर बनाई गई थी। दो नगर पालिका डूंगरपुर और सागवाड़ा। और दो जनगणना शहर सीमलवाड़ा और गलियाकोट। 2011 की जनगणना के अनुसार जिले में 976 गाँव थे।
- डूंगरपुर जिले के उपखण्डों की संख्या – 3 तीन
- डूंगरपुर जिले की तहसीलों की संख्या – 5 तीन
- डूंगरपुर जिले की उप तहसीलों की संख्या – 2 दो
- डूंगरपुर जिले की ग्राम पंचायतों की संख्या – 188
- डूंगरपुर में विधानसभा क्षेत्रों की संख्या- 4
- डूंगरपुर में विधानसभा क्षेत्रों नाम - सागवाड़ा, चौरासी, आसपुर, डूंगरपुर
राजस्थान के डूंगरपुर जिले की Demographic (जनसांख्यिकी) यह आंकड़े 2011 जनगणना के अनुसार दिए गए हैं।
डूंगरपुर की कुल जनसँख्या - 13,88,552
पुरष जनसँख्या - 6,96,532
स्त्री जनसंख्या - 6,92,020
जनसंख्या घनत्व - 369
साक्षरता दर - 59.5%
पुरुष साक्षरता दर - 72.9%
महिला साक्षरता दर - 46.2%
लिंगानुपात - 994 /1000
कुल क्षेत्रफल – 3,770 वर्ग किलोमीटर है।
नगरीय क्षेत्रफल - 31.27 वर्ग किलोमीटर
ग्रामीण क्षेत्रफल – 3,738.73 वर्ग किलोमीटर
कुल वन क्षेत्रफल – 646.82 वर्ग किलोमीटर है।
जाखम नदी (Jakhm River)
यह नदी प्रतापगढ़ जिले के सादड़ी नामक तहसील से निकलती है। प्रतापगढ़ की जिन पहाड़ियों से ये निकलती है उसका नम्म भवरमाला है। ये नदी बेणेश्वर धाम में माहीं नदी के साथ विलीन हो जाती है।
माही नदी (Mahi River)
पुरष जनसँख्या - 6,96,532
स्त्री जनसंख्या - 6,92,020
जनसंख्या घनत्व - 369
साक्षरता दर - 59.5%
पुरुष साक्षरता दर - 72.9%
महिला साक्षरता दर - 46.2%
लिंगानुपात - 994 /1000
कुल क्षेत्रफल – 3,770 वर्ग किलोमीटर है।
नगरीय क्षेत्रफल - 31.27 वर्ग किलोमीटर
ग्रामीण क्षेत्रफल – 3,738.73 वर्ग किलोमीटर
कुल वन क्षेत्रफल – 646.82 वर्ग किलोमीटर है।
राजस्थान के डूंगरपुर जिले की प्रमुख नदियां का सामान्य ज्ञान
यह नदी प्रतापगढ़ जिले के सादड़ी नामक तहसील से निकलती है। प्रतापगढ़ की जिन पहाड़ियों से ये निकलती है उसका नम्म भवरमाला है। ये नदी बेणेश्वर धाम में माहीं नदी के साथ विलीन हो जाती है।
माही नदी (Mahi River)
इस नदी का उद्गम क्षेत्र मध्यप्रदेश से है। यह नदी विंध्याचल पर्वत माला से निकलती है। यह नदी बाँसवाड़ा के खांदू ग्राम में राजस्थान में प्रवेश करती है। सबसे सामान्य ज्ञान की बात ये है की यह नदी कर्क रेखा को दो बार कटती है। यह नदी बाद में दक्षिण में प्रवेश करती है। जाखम नदी इस नदी की उपनदी है जो बेणेश्वर धाम में माही नदी के साथ मिलती है। बेणेश्वर धाम को आदवासियों का कुम्भ मन जाता है और यहां पर तीन नदियों का संगम होता है।
सोम नदी ( Som River)
इस नदी का उद्गम क्षेत्र उदयपुर जिले से है। ये नदी उदयपुर जिले का पास ऋषभदेव के पास से बीछामेड़ा की पहाड़ियों से निकलती है। ये नदी भी डूंगरपुर की अन्य नदियों की भांति बेणेश्वर धाम में माही नदी के साथ विलीन हो जाती है। सोम नदी उदयपुर और डूंगरपुर के बीच सीमा बनाती है।
त्रिवेणी संगम तीन (नदियों का संगम )
जैसे इसके नाम से ही पता चलता है कि यहां पर तीन नदियों का संगम होता है। डूंगरपुर की तीनों नदियां माही, जाखम और सोम बेणेश्वर धाम में में एक दूसरे के साथ मिलती हैं। इस स्थान को आदिवासियों का कुंभ मन जाता है और पर यहां के आदिवासी पवित्र स्नान करने आते हैं।
त्रिवेणी संगम तीन (नदियों का संगम )
जैसे इसके नाम से ही पता चलता है कि यहां पर तीन नदियों का संगम होता है। डूंगरपुर की तीनों नदियां माही, जाखम और सोम बेणेश्वर धाम में में एक दूसरे के साथ मिलती हैं। इस स्थान को आदिवासियों का कुंभ मन जाता है और पर यहां के आदिवासी पवित्र स्नान करने आते हैं।
राजस्थान के डूंगरपुर जिले में मिलने वाले खनिज पदार्थों का सामान्य ज्ञान
डूंगरपुर में लोहा तलवारा में,संगमरमर नयागांव में,फ्लोराइड मांडो की पाल में, हरा ग्रेनाइट डूंगरपुर में, सीसा-जस्ता घुंघराव मांडो में, फ्लोरस्पार बेनीफिशियल संयंत्र मांडो की पाल (डूंगरपुर) में मिलते हैं। डूंगरपुर जिले में पारेवा पत्थर निकलता है। पारेवा पत्थर के लिए डूंगरपुर जिला प्रसिद्ध है।
1 - क्षेत्रपाल का मंदिर - यह मंदिर खरदड़ा गाँव में स्थित है।
2 - डूंगरपुर में ही में धन माता का मंदिर है।
3 - एक थम्बिया महल— यह महल डूँगरपुर में है जिसका निर्माण महारावल शिवसिंह ने करवाया था। इसका निर्माण 1730 से 1785 ई. के बीच में करवाया गया था। महारावल शिवसिंह ने इसका निर्माण अपनी राजमाता ज्ञान कुँवरी की स्मृति में करवाया था ।
4 - जूना महल - यह महल डूंगरपुर में स्थित है इसकी स्थापना वीरसिंघ ने 1939 ई में करवाया था।
5 - देव सोमनाथ मंदिर—सफेद पत्थरों से निर्मित देव सोमनाथ मंदिर डूँगरपुर में है। इस मंदिर की बड़ी बात ये है कि इसके निर्माण में चूने का इस्तेमाल नहीं हुआ है। यह सारा ही पत्थर का बना हुआ है।
6 - पत्थर मन्दिर— यह मंदिर भी डूंगरपुर में है। यहाँ पर पत्थरों की पूजा होती है।
7 - जैन मन्दिर— डूँगरपुर के मुख्य बाजार में भगवान आदिनाथ का मन्दिर, नेमीनाथ स्वामी का डंडा मंदिर और मामा-भान्जा के मन्दिर हैं।
डुंगरपुर जिले की Famous Personalities का सामान्य ज्ञान
भोगीलाल पांड्या,कालीबाई, महारावल लक्ष्मण सिंह, गाबरिबई ,डॉ नरेन्द्र सिंह आदि हैं।
डूंगरपुर में लोहा तलवारा में,संगमरमर नयागांव में,फ्लोराइड मांडो की पाल में, हरा ग्रेनाइट डूंगरपुर में, सीसा-जस्ता घुंघराव मांडो में, फ्लोरस्पार बेनीफिशियल संयंत्र मांडो की पाल (डूंगरपुर) में मिलते हैं। डूंगरपुर जिले में पारेवा पत्थर निकलता है। पारेवा पत्थर के लिए डूंगरपुर जिला प्रसिद्ध है।
डूंगरपुर जिले के मंदिर और पर्यटन स्थल
1 - क्षेत्रपाल का मंदिर - यह मंदिर खरदड़ा गाँव में स्थित है।
2 - डूंगरपुर में ही में धन माता का मंदिर है।
3 - एक थम्बिया महल— यह महल डूँगरपुर में है जिसका निर्माण महारावल शिवसिंह ने करवाया था। इसका निर्माण 1730 से 1785 ई. के बीच में करवाया गया था। महारावल शिवसिंह ने इसका निर्माण अपनी राजमाता ज्ञान कुँवरी की स्मृति में करवाया था ।
4 - जूना महल - यह महल डूंगरपुर में स्थित है इसकी स्थापना वीरसिंघ ने 1939 ई में करवाया था।
5 - देव सोमनाथ मंदिर—सफेद पत्थरों से निर्मित देव सोमनाथ मंदिर डूँगरपुर में है। इस मंदिर की बड़ी बात ये है कि इसके निर्माण में चूने का इस्तेमाल नहीं हुआ है। यह सारा ही पत्थर का बना हुआ है।
6 - पत्थर मन्दिर— यह मंदिर भी डूंगरपुर में है। यहाँ पर पत्थरों की पूजा होती है।
7 - जैन मन्दिर— डूँगरपुर के मुख्य बाजार में भगवान आदिनाथ का मन्दिर, नेमीनाथ स्वामी का डंडा मंदिर और मामा-भान्जा के मन्दिर हैं।
डुंगरपुर जिले की Famous Personalities का सामान्य ज्ञान
भोगीलाल पांड्या,कालीबाई, महारावल लक्ष्मण सिंह, गाबरिबई ,डॉ नरेन्द्र सिंह आदि हैं।
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