नमस्कार दोस्तों चूरू जिला राजस्थान का एक जिला जिला है और राजस्थान में होने वाली लगभग सभी परीक्षाओं में एक या दो सवाल इस जिले में से जरूर पूछे जाते हैं। इसलिए राजस्थान के चूरू जिले के सामान्य ज्ञान की जानकारी हम हिंदी में यहां पर GK Pustak के माधयम से लाये है। इस भाग में राजस्थान के चूरू जिले के इतिहास,भौगोलिक स्थिति, जनसांख्यिकी 2011, प्रशासनिक ढांचे, पर्यटन स्थल,और अन्य मत्वपूर्ण जानकारी लाये हैं। इस पोस्ट को जरूरत है तो ध्यान से पढ़ने की।
Churu District GK | राजस्थान के चूरू जिले के सामान्य ज्ञान की जानकारी
राजस्थान के चूरू जिले का इतिहास | Churu District History GK
राजस्थान के चूरू जिले की स्थापना 1120 ई में राजपूत कबीले के नर्बन दुआरा की गई थी। इस देश का नाम राजा चुरामन के नाम से पड़ा था। 1871 में राठोड़ों के साथ लड़ाई हुई और ये रियासत राजस्थान के वीकानेर रियासत में मिला ली गई। ये रियासत वीकानेर रियासत का हिस्सा रहा और शेखावतों के साथ लड़ाई में शेखावतों ने भी इस भाग में कुछ समय के लिए राज किया। 1947 में भारत की आजादी से पहले यह बीकानेर राज्य का एक हिस्सा रहा।यह जिला 1948 में अस्तित्व में आया और जब ये अस्तित्व में आया उस वक्त एक नवम्बर को 1956 को जब राजस्थान का एकीकरण हुआ तब इसे पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था। इसकी तीन तहसीलें शामिथीं- चूरू, राजगढ़ और तारानगर। जब बीकानेर राज्य का प्रशासन पुनर्गठित किया गया तब यह जिले के रूप में सामने आया था। इस वक्त चूरू जिले की चूरू, सिधमुख, सादुलपुर, रतनगढ़, सुजानगढ़, सरदार शहर, तारानगर और बीदासर सहित आठ तहसीलें हैं।
राजस्थान के चूरू जिले की भौगोलिक स्थिति और भूगोल | Geography GK
- चूरू जिले का मुख्यालय कहां स्थित है - चूर शहर में
- मानचित्र में अक्षांश स्थिति - 27°24′ से 29°0′ उत्तरी
- मानचित्र में देशांतर स्थिति - 73°40′ से 75°41′ पूर्वी
- चूरू जिला राजस्थान के किस हिस्से में स्थित है - उत्तर में
- उत्तर में स्थित स्थान - राजस्थान का हनुमानगढ़ जिला
- पूर्व में स्थित स्थान - भारत का हरियाणा राज्य
- दक्षिण में स्थित स्थान - राजस्थान के झुंझुनूं और सीकर जिले
- पश्चिम में स्थित स्थान - राजस्थान का वीकानेर जिला
- जिले की सड़क लम्बाई - 1901 KM
- समुद्र तल से ऊंचाई - 292 मीटर (958 फीट)
- जिले का उच्तम तापमान - 50.8 ° C (123.4 ° F)
इसके आलावा इसे भी पढ़ें -- चूरू जिले को बड़े शिफ्टिंग रेत के टीलों से घेरा गया है। अगर वनस्पति की बात करें तो यह इलाका काफी डरावना और शुष्क है। यहां रेत के छोटे - छोटे टीले पाए जाते हैं जिसमे चुना पत्थर की अधिक मात्रा मिलती है।
इस क्षेत्र क्षेत्र गर्मियों में दोपहर के समय सर्दियों में तापमान को 50 डिग्री से अधिक नीचे तक रिकॉर्ड हुआ है। दिसंबर और जनवरी के महीनों में सुबह होने से पहले छोटे वनस्पतियों पर बर्फ या छोटे वनस्पति पर जमे हुए पानी के ओस को नोटिस करना आश्चर्यचकित नहीं हो सकता है। अर्थात गर्मियों में यहाँ गर्मी और सर्दियों में अधिक सर्दी होती है।
Note - अगर हम चूरू जिले में बहने वाली नदियों की बात करें तो इस जिले में कोई भी नदी नहीं बहती है।
चूरू जिले में तालछापर अभयारण्य राजस्थान राज्य के शेखावाटी क्षेत्र में स्थित है। अभयारण्य अपने दुर्लभ ब्लैकबक के लिए जाना जाता है। ताल छप्पड़ अभयारण्य रतनगढ़-सुजानगढ़ राजमार्ग पर थार रेगिस्तान के किनारे लगभग 210 किमी की दूरी पर है।
सेठानी का जोहरा
सेठानी का जोहरा भगवानदास बागला की पत्नी द्वारा बनाया गया था। भगवानदास बागला पहले मार वाड़ी शेखावाटी करोड़पति थे। वह एक बहुत अमीर लकड़ी व्यापारी था और कई सॉ मिल्स का मालिक था। भगवानदास जी मूल रूप से चूरू, राजस्थान के थे। सेठानी का जोहरा रतनगढ़ रोड से पश्चिम में लगभग 3 किमी दूर है। एक परियोजना 'छप्पनिया अकाल' के दौरान जो लगभग, 1899-1900 में आया था शुरू की गई थी।
ये जगह 'नीलगाय' (नीले बैल) जैसे पक्षियों और स्तनधारियों को आकर्षित करता है। - एक बड़ा मृग)। चूरू में गाँव के बुजुर्ग कहते हैं कि जोहरा में पानी आज तक नहीं सूखा है।
सालासर बालाजी मंदिर
चूरू जिले के सुजानगढ़ के पास सालासर शहर में स्थित, सालासर बालाजी भगवान हनुमान का मंदिर है। सालासर बालाजी मंदिर में हर साल चैत्र पूर्णिमा और आश्विन पूर्णिमा पर मेलों का आयोजन किया जाता है। इस स्थान पर रानी सती मंदिर और खाटू श्यामजी मंदिर भी हैं।
कोठारी और सुराना हवेलियाँ
चूरू जिले में पर्यटकों के लिए एक और स्थान है हवेलियों की श्रृंखला जो कोठारी और सुराणा व्यापारियों द्वारा इस क्षेत्र में अपने कबीलों के शासन के दौरान बनाई गई थी। सबसे प्रसिद्ध हवेली मालजी की हवेली जिसका काम 1925 में चलाया गया था। यह शुरुआत में एक गेस्ट हाउस के रूप में बनाया गया था, लेकिन जल्द ही यह कलाकारों के लिए एक मनोरंजन स्थल बन गया। हवेली प्रसिद्ध इतालवी और शेखा वाटी वास्तुशिल्प डिजाइनों पर बनाई गई है।
Note - अगर हम चूरू जिले में बहने वाली नदियों की बात करें तो इस जिले में कोई भी नदी नहीं बहती है।
- चूरू जिले की कुल जनसंख्या - 2,039,547
- पुरुष जनसंख्या - 1,051,446
- स्त्री जनसंख्या - 988,101
- जिले का क्षेत्रफल - 16830
- जनसंख्या में दशकीय वृद्धि दर - 6.01%
- जनसंख्या घनत्व - 147
- राजस्थान राज्य का जनसंख्या अनुपात - 2.98%
- लिंगानुपात - 940/1000
- शिशु लिंगानुपात - 902 /1000
- कुल साक्षरता दर - 66.75
- पुरुष साक्षरता दर - 78.78
- स्त्री साक्षरता दर - 54.04
- जिले में 0-6 साल के बच्चों की संख्या - 696,729
- जिले में 0-6 साल के बच्चों लड़कों की संख्या- 167,084
- जिले में 0-6 साल के बच्चों लड़कियों की संख्या - 150,729
- जिले में कुल साक्षर व्यक्तियों की संख्या - 1,149,269
- जिले में महिला साक्षर की संख्या - 452,540
- जिले में पुरुष साक्षर की संख्या- 696,729
- जिले में वनों के अंदर क्षेत्रफल - लगभग 28 लाख हेक्टेयर
- जिले में फसल योग्य भूमि - लगभग 80 लाख हेक्टेयर
राजस्थान के चूरू जिले का प्रशासनिक ढांचा
- जिले का मुख्यालय - चूरू
- राजस्थान के चूरू जिले के Blocks की संख्या - 7 - राजगढ़, रतनगढ़,सरदारशहर, सुजानगढ़, तारानगर,चूरू , डूंगरगढ़
- चूरू जिले की पंचयतों की संख्या - 8 - राजगढ़, रतनगढ़,सरदारशहर, सुजानगढ़, तारानगर,चूरू , डूंगरगढ़
- जिले पंचायत समितियों की संख्या - 16
- जिले में गांव की संख्या - 109
- जिले की पंचायतों की संख्या - 312
- विधानसभा क्षेत्रों की संख्या - 6 1. सादुलपुर 2. तारानगर 3. सरदारशहर 4. चुरु 5. रतनगढ़ 6. सुजानगढ़
चूरू जिले के ऐतिहासिक स्थान या फिर पर्यटन स्थान
चूरू जिले में तालछापर अभयारण्य राजस्थान राज्य के शेखावाटी क्षेत्र में स्थित है। अभयारण्य अपने दुर्लभ ब्लैकबक के लिए जाना जाता है। ताल छप्पड़ अभयारण्य रतनगढ़-सुजानगढ़ राजमार्ग पर थार रेगिस्तान के किनारे लगभग 210 किमी की दूरी पर है।
सेठानी का जोहरा
सेठानी का जोहरा भगवानदास बागला की पत्नी द्वारा बनाया गया था। भगवानदास बागला पहले मार वाड़ी शेखावाटी करोड़पति थे। वह एक बहुत अमीर लकड़ी व्यापारी था और कई सॉ मिल्स का मालिक था। भगवानदास जी मूल रूप से चूरू, राजस्थान के थे। सेठानी का जोहरा रतनगढ़ रोड से पश्चिम में लगभग 3 किमी दूर है। एक परियोजना 'छप्पनिया अकाल' के दौरान जो लगभग, 1899-1900 में आया था शुरू की गई थी।
ये जगह 'नीलगाय' (नीले बैल) जैसे पक्षियों और स्तनधारियों को आकर्षित करता है। - एक बड़ा मृग)। चूरू में गाँव के बुजुर्ग कहते हैं कि जोहरा में पानी आज तक नहीं सूखा है।
सालासर बालाजी मंदिर
चूरू जिले के सुजानगढ़ के पास सालासर शहर में स्थित, सालासर बालाजी भगवान हनुमान का मंदिर है। सालासर बालाजी मंदिर में हर साल चैत्र पूर्णिमा और आश्विन पूर्णिमा पर मेलों का आयोजन किया जाता है। इस स्थान पर रानी सती मंदिर और खाटू श्यामजी मंदिर भी हैं।
कोठारी और सुराना हवेलियाँ
चूरू जिले में पर्यटकों के लिए एक और स्थान है हवेलियों की श्रृंखला जो कोठारी और सुराणा व्यापारियों द्वारा इस क्षेत्र में अपने कबीलों के शासन के दौरान बनाई गई थी। सबसे प्रसिद्ध हवेली मालजी की हवेली जिसका काम 1925 में चलाया गया था। यह शुरुआत में एक गेस्ट हाउस के रूप में बनाया गया था, लेकिन जल्द ही यह कलाकारों के लिए एक मनोरंजन स्थल बन गया। हवेली प्रसिद्ध इतालवी और शेखा वाटी वास्तुशिल्प डिजाइनों पर बनाई गई है।
राजस्थान के चूरू जिले की अन्य महत्व पूर्ण जानकारी
- राजस्थान का सर्वाधिक ठंडा व गर्म जिला चूरू है।
- पहले मिनी बैंक राजस्थान में सबसे पहले यहां पर स्थापित किया गया था।
- प्रसिद्ध उद्योगपति लक्ष्मी निवास मित्तल सुजानगढ़ नामक जगह चूरू जिले के निवासी है।
- किसान आंदोलन यहां के दूधवा खारा नामक जगह से शुरू किया गया था।
- राजस्थान में सबसे कम वन चूरू जिले में पाए जाते हैं।
- यहां का कबूतरी नृत्य पूरी दुनिया में Famous है।
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