राजस्थान में झुझुनू भी 33 जिलों में से एक है और इस जिले में भी कोई न कोई सवाल राजस्थान की परीक्षाओं में अवश्य पूछा जाता है। इसलिए GK Pustak के इस भाग में हम राजस्थान के झुंझुनू जिले के सामान्य ज्ञान की जानकारी हिंदी में लाये है जिससे आने वाली परीक्षाओं में एक या दो सवाल जरूर पूछे जा सकते हैं।
इस भाग में राजस्थान के झुंझुनू जिले के इतिहास,भौगोलिक स्थिति, जनसांख्यिकी 2011, प्रशासनिक ढांचे,नदियों,मंदिरों, हावलियों की सामान्य ज्ञान की जानकारी हिंदी में दे रहे हैं। इसलिए परीक्षा की दृस्टि से इस भाग को पढ़ना बहुत जरूरी है।
Jhunjhunu District GK | राजस्थान के झुंझुनू जिले के सामान्य ज्ञान की जानकारी
राजस्थान के झुंझुनू का जिले इतिहास | Jhunjhunu District History GK
इसके इलावा 1045 की बात है जब ये रियासत चौहान वंश के शासन में आती थी। लगभग 1450 में मुस्लिम शासक मोहम्मद खान और उनके बेटे समस खान ने चौहानों को हराया और झुंझुनू पर विजय प्राप्त की। मोहम्मद खान पहले झुंझुनू के नवाब थे। और1459 में, उनके बेटे समास खान सिंहासन पर बैठे और राज किया।
ऐसा भी माना जाता है कि इस शहर का नाम झुंझ या जुझार सिंह नेहरा नामक जाट की स्मृति में रखा गया था। पहले यह शेखावाटी क्षेत्र का एक हिस्सा था। इस क्षेत्र पर 1730 ई तक कैमखानी नवाबों का शासन था। उन्होंने ने ही यहां पशर नवाबों का काम किया था।
ऐसा भी माना जाता है कि इस शहर का नाम झुंझ या जुझार सिंह नेहरा नामक जाट की स्मृति में रखा गया था। पहले यह शेखावाटी क्षेत्र का एक हिस्सा था। इस क्षेत्र पर 1730 ई तक कैमखानी नवाबों का शासन था। उन्होंने ने ही यहां पशर नवाबों का काम किया था।
इस क्षेत्र पर लगभग 280 वर्षों तक नवाबों का शासन रहा। रोहिला खान के शासन काल में रोहिल्ला खान ने शार्दुल सिंह पर बहुत विश्वास किया था और उन्होंने उनके दीवान के रूप में काम किया था। शार्दुल सिंह एक बहुत साहसी, साहसी, बहादुर और कुशल प्रशासक थे। उन्होंने 1730 में रोहिल्ला खान की मृत्यु के बाद झुंझुनू पर कब्जा कर लिया।
राजस्थान का झुंझुनूं जिला ऊन, मवेशियों, खाल और चने का एक स्थानीय व्यापार केंद्र माना जाता है। शहर के प्रमुख उद्योगों में एक डाई फैक्ट्री और ऊनी मिलें शामिल हैं। आसपास का क्षेत्र काफी हद तक कृषि योग्य है।
राजस्थान के झुंझुनू जिले की भौगोलिक स्थिति | Geography GK
- झुंझुनू जिले के पूर्व में स्थित स्थान - हरियाणा
- झुंझुनू जिले के उत्तर में स्थित स्थान - हरियाणा
- झुंझुनू जिले के दक्षिण में स्थित स्थान - राजस्थान का सीकर जिला
- झुंझुनू जिले के पश्चिम में स्थित स्थान - राजस्थान का सीकर जिला
- झन्झुनू जिले की अक्षांश स्थिति - 27.5' से 28.5 उत्तरी
- झन्झुनू जिले की देशान्तर स्थिति - 75 से 76 डिग्री पूर्वी
बाजरा मोती बाजरा ,मोती बाजरा, चना , मूंग, और जौ इस क्षेत्र की प्रमुख फसलों में से एक हैं। ये ठीक है कि यहां का क्षेत्र शुष्क है पर हरियाणा के साथ होने के कारण इसकी मिटटी में अन्य राजस्थान की मिटटी से फर्क है इसलिए यहां की उर्वरकता ज्यादा है।
याद रखो - एक बात याद रखने वाली है की राजस्थान में सभी जिलों में से पुरुष साक्षरता दर सबसे ज्यादा इस जिले की है।
Demographic GK | राजस्थान के झुंझुनू जिले की जनसांख्यिकी 2011 जनगणना के अनुसार
- झुंझुनू जिले की जनसंख्या - 118,473
- पुरुष जनसंख्या - 61,548
- स्त्री जनसंख्या - 56,925
- औसत साक्षरता दर - 73.58%
- लिंगानुपात - 925/ 1000
- शिशु लिंग अनुपात - 866 /1000
- जिले गांव में रहने वाली जनसंख्या - %- 77.11%
- जिले की कुल साक्षरता दर - 76.53%
- जिले की महिला साक्षरता दर - 65.03%
- पुरुष साक्षरता दर 87.3 9%
- जिले की जनसंख्या में दसकीय वृद्धि दर - 21 %
- जिले का कुल क्षेत्र फल – 5928 वर्ग किलोमीटर
- नगरी क्षेत्र फल – 175.64 वर्ग किलोमीटर
- ग्रामीण क्षेत्र फल – 5752.36 वर्ग किलोमीटर
याद रखो - एक बात याद रखने वाली है की राजस्थान में सभी जिलों में से पुरुष साक्षरता दर सबसे ज्यादा इस जिले की है।
झुंझुनू जिले का प्रशासनिक ढांचे संबंधी सामान्य ज्ञान
- झुंझुनू जिले का मुख्यालय - झुंझुनू
- झुंझुनू जिले के को उप खंड - 8 - झुंझुनू मालसीसर, बुहाना, उदयपुरवाटी, नवल गढ़, खेतड़ी, चिरवा, सूरजगढ़
- झुंझुनू जिले की कुल तह सील की संख्या - 8 - झुंझुनू, मालसीसर, बुहाना, उदयपुरवाटी, नवल गढ़, खेतड़ी, चिरवा, सूरज गढ़
- झुंझुनू जिले की उप - कुल तह सील की संख्या - 6 - मंडावा, बिसाऊ, मुकनगढ़, सिंघाना, गुढ़ागोरजी, सिंघाना
- झुंझुनू जिले की ब्लॉक समितियों की संख्या - 11 - झुंझुनू, अलसीसर, बुहाना, उदयपुरवाटी, नवल गढ़, खेतड़ी, चिरवा, सूरज गढ़, सिंघाना, पिलानी, मंडावा
- झुंझुनू जिले की कुल पंचायतें - 337
- झुंझुनू जिले के कुल गांव की संख्या - 972
- झुंझुनू जिले की नगर पालिका की संख्या - 1 झुंझुनू
- झुंझुनू जिले की कुल नगर- पालिका - 12 - झुंझनू (नगर परिसद), मंडावा, बग्गर, बिसाऊ, पिलानी, विद्याविहार, सूरज गढ़, चिरावा, खेतड़ी, मुकुंद गढ़, नवल गढ़, उदयपुरवाटी
झुंझुनूं की नदियां और जलाशयों का सामान्य ज्ञान
कांतली नदी का उद्गम खण्डेला की पहाड़ी रेवासा के सीकर जिले से होता है। पर एक बात यद् रहे ये एक मौसमी नदी है इसका पानी कभी गर्मियों में सूख भी जाता है। ये नदी इस जिले को दो भागों में बांटती है। इसकी कुल लम्बाई इस जिले में 99 KM तक है। अजीत सागर बांध भी इस जिले में स्थित है। और एक परियोजना जर्मनी की सहायता से चलाई जा रही थी जो अब बनकर त्यार हो गई है।
Copper - राजस्थान में भारत में सबसे ज्यादा Copper का उत्पादन होता है और झुन्झुनूं का इसमें सबसे आगे स्थान है।
लोहा— डाबला-सिंघाना क्षेत्र खानें-नाई की ढ़ाणी, सिओरी, काली पहाड़ी से मिलता है।
ताँबा— खेतड़ी-सिंघाना क्षेत्र ,बलवास, आकवाली, सतकुई, बाबाई क्षेत्र से प्राप्त होता है।
कैल्साइट— झुन्झुनूं जिले के माधोगढ़, पापरना से प्राप्त होता है।
राजस्थान में खेतड़ी में एक महल है जिसे दूसरे हवा महल के नाम से जाना जाता है और इसका निर्माण भूपाल सिंह ने करवाया था। ये चारों तरफ से खुला है और हवादार है।
रघुनाथ चूण्डावत जी का मन्दिर
वैसे तो भारत में श्री राम और लक्ष्मण के कई मंदिर मिलते हैं पर इस जिले के खेतड़ी में एक मंदिर है जिसकी अलग ही विशेषता है अर्थात यहां पर भगवन राम और लक्ष्मण की दाढ़ी और मोछ वाली मूर्ति है। और इसका निर्मण चूडावत इसलिए पड़ा है किउंकि इसका निर्माण बख्तावर की पत्नी चूण्डावत ने करवाया था।
मालकेतु मन्दिर
इस जिले में मालकेतु मंदिर या फिर सूर्यकुंड मंदिर स्थित है। इस मंदिर में 24 कोसीय परिक्रमा हर साल होती है और ये परिक्रमा जन्मास्टमी से अमावश्य तक शुभ मानी जाती है।
सकराय माता का मन्दिर
यह मंदिर उदयपुरवाटी स्थित है इस मंदिर की विशेषता यह है कि इस देवी ने स्थानीय लोगों के लिए फसलों में प्रगति लाई। ये इसलिए कि यहां के लोग मॉस से दूर रहें इसलिए इसे शाकम्भरी माता भी कहा जाता है। यहां पर हर नवरात्रों को मेला लगता है।
राणी सती का मंदिर
विश्व के मंदिरों में दूसरा सबसे बड़ा मंदिर झुन्झुनू जिले में है ये सब शक्तिपीठों में से एक है। इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि नारायणी नाम की स्त्री को हिसार के नवाब ने मर दिया था और गुस्से में उन्होंने माँ चामुंडा का रूप धारण किया था। इसके बाद इसे शक्ति पीठ मन जाता है। ये माता हिन्दू धर्म के अग्रवालों जाति की कुल देवी मानी जाती है।
जिले की हवेलियां
झुन्झुनूं जिले में कौन से खनिज पदार्थ पाए जाते हैं ?
लोहा— डाबला-सिंघाना क्षेत्र खानें-नाई की ढ़ाणी, सिओरी, काली पहाड़ी से मिलता है।
ताँबा— खेतड़ी-सिंघाना क्षेत्र ,बलवास, आकवाली, सतकुई, बाबाई क्षेत्र से प्राप्त होता है।
कैल्साइट— झुन्झुनूं जिले के माधोगढ़, पापरना से प्राप्त होता है।
झुझुनू जिले के पर्यटन स्थल/मंदिर /हवेलियां
राजस्थान में खेतड़ी में एक महल है जिसे दूसरे हवा महल के नाम से जाना जाता है और इसका निर्माण भूपाल सिंह ने करवाया था। ये चारों तरफ से खुला है और हवादार है।
रघुनाथ चूण्डावत जी का मन्दिर
वैसे तो भारत में श्री राम और लक्ष्मण के कई मंदिर मिलते हैं पर इस जिले के खेतड़ी में एक मंदिर है जिसकी अलग ही विशेषता है अर्थात यहां पर भगवन राम और लक्ष्मण की दाढ़ी और मोछ वाली मूर्ति है। और इसका निर्मण चूडावत इसलिए पड़ा है किउंकि इसका निर्माण बख्तावर की पत्नी चूण्डावत ने करवाया था।
मालकेतु मन्दिर
इस जिले में मालकेतु मंदिर या फिर सूर्यकुंड मंदिर स्थित है। इस मंदिर में 24 कोसीय परिक्रमा हर साल होती है और ये परिक्रमा जन्मास्टमी से अमावश्य तक शुभ मानी जाती है।
सकराय माता का मन्दिर
यह मंदिर उदयपुरवाटी स्थित है इस मंदिर की विशेषता यह है कि इस देवी ने स्थानीय लोगों के लिए फसलों में प्रगति लाई। ये इसलिए कि यहां के लोग मॉस से दूर रहें इसलिए इसे शाकम्भरी माता भी कहा जाता है। यहां पर हर नवरात्रों को मेला लगता है।
राणी सती का मंदिर
विश्व के मंदिरों में दूसरा सबसे बड़ा मंदिर झुन्झुनू जिले में है ये सब शक्तिपीठों में से एक है। इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि नारायणी नाम की स्त्री को हिसार के नवाब ने मर दिया था और गुस्से में उन्होंने माँ चामुंडा का रूप धारण किया था। इसके बाद इसे शक्ति पीठ मन जाता है। ये माता हिन्दू धर्म के अग्रवालों जाति की कुल देवी मानी जाती है।
जिले की हवेलियां
- बिड़ला की हवेली - पिलानी में
- सागरमल लाड़िया की हवेली - मण्डावा में
- रामदेव चौखाणी की हवेली - मण्डावा में
- रामनाथ गोयनका की हवेली - मण्डावा में
- ईश्वरदास मोदी की हवेली, खींचन की हवेली, टीबड़ वाले की हवेली - नवलगढ़ में
- पौद्दारों की हवेली - नवलगढ़ में
- भक्तों की हवेली - नवलगढ़ में सबसे बड़ी हवेली
- सेठ जयदयाल केडिया की हवेली - बिसाऊ में
- सीताराम सिंगतिया की हवेली - बिसाऊ में
- सेठ हीराराम बनारसी लाल की हवेली - बिसाऊ में
- सोना चाँदी की हवेली महनसर में