नमस्कार दोस्तों राजस्थान में नागौर भी एक जिला है और नागौर जिले से भी राजस्थान में होने वाली परीक्षाओं में एक या दो सवाल जरूर पूछे जाते हैं। इस लिए GK Pustak आपकी परीक्षा के लिए नागौर जिले के सामान्य ज्ञान की जानकारी हिंदी में लाया है। इस भाग में राजस्थान नागौर जिले के इतिहास, भौगोलिक स्थित, जनसांख्यिकी (Demographics) 2011, प्रशासनिक ढांचे ( Administrative Setup), मेले और त्यौहार, मंदिरों, बहने वाली नदियों के सामान्य ज्ञान की जानकारी हिंदी में दी गई है।
Nagaur District GK | राजस्थान के नागौर जिले का सामान्य ज्ञान
राजस्थान के नागौर जिले का इतिहास | Nagaur District History GK
राजस्थान के नागौर का किला ऐतिहासिक महत्व का है। यह किला भारत के प्राचीन क्षत्रियों द्वारा बनाया गया किला है। इस किले के मूल निर्माता नागवंशी क्षत्रिय थे । ऐसा माना जाता है कि क्षत्रिय शासकों ने नागौर पर लंबे समय तक शासन किया था। इस जिले की जमीनें बाद में राठौरों द्वारा छीन ली गई थी।
इस जिले का प्राचीन नाम अहिछत्रपुर था।1306 में मंगोल सेना ने लगभग तबाह कर दिया था। इतिहास कहता है की खिलजी वंश के राजपूतों ने इस जगह पर कब्ज़ा करना शुरू कर दिया था। पर राजपूत गोरिल्ला युद्ध जानते थे और उन्होंने मुस्लिम सेना को इस जिले में कब्ज़ा करने से रोका। जब 1351 में दिल्ली सल्तनत में हलचल हुई तो राजपूतों ने इस किले को भी खो दिया था।1388 में फिरोज शाह तुगलक की मृत्यु के बाद इस जिले में राज्यपालों का शासन हो गया।
25 जुलाई 1755 को गाजी खान खोखर और डोटलाई राजपूत ने का आपस में युद्ध हुआ। और बाद में दोनों जय अप्पा सिंधिया के पास पहुँचे। गाजी खान ने जय अप्पा को मार डाला। और जब जय अप्पा को मारा तब गाजी खान ने कहा की यह नागौर है। इसके बाद इस जिले का नाम नागौर पड़ा।
राजस्थान के नागौर जिले की भौगोलिक स्थिति और भूगोल | Geography GK
- नागौर जिले की अक्षांश स्थिति - 27.2 ° उतर
- नागौर जिले की दिशांतर स्थिति - 73 ° पूर्व
- नागौर जिले का क्षेत्र फल - 17,718 किमी or (6,841 वर्ग मील)
- नागौर जिले के उतर में स्थित स्थान - राजस्थान का चूरू जिला
- नागौर जिले के दक्षिण में स्थित स्थान -- राजस्थान जिले के पाली,अजमेर,और जोधपुर जिले
- नागौर जिले के पूर्व में स्थित स्थान - राजस्थान का जयपुर और सीकर जिला
- नागौर जिले के पश्चिम में स्थित स्थान -- राजस्थान का बीकानेर जिला
- नागौर जिले का अधिकतम तापमान - 117 F
- नागौर जिले का न्यूनतम तापमान - 32 F
- नागौर जिले का औसत तापमान - 74 ° F (23 ° C)
- नागौर जिले में औसत वर्षा - 36.16 सेमी
- नागौर जिले में सापेक्ष आर्द्रता (Humidity) - 59%
- नागौर जिले में वनों का क्षेत्र फल - 240.92 किमी (कुल भौगोलिक क्षेत्र का 1.3 प्रतिशत
- वन संसाधनों में नागौर जिला गरीब है। पहाड़ियों सहित कुल क्षेत्र फल 240.92 किमी 2 बताया गया है। यह जिले के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 1.3 प्रतिशत है। इस जिले का बड़ा हिस्सा रेत के टीलों से घिरा हुआ है। और इन टीलों की ऊंचाई लगभग 30 मीटर से भी ज्यादा है।
- इस जिले के दक्षिण और पूर्व में अरावली पर्वत शृंखला है। जिले में छोटी छोटी पहाड़ियों भी हैं जिनकी औसत ऊंचाई लगभग 310 मीटर के करीब है। गर्मियों में यहां की जलवायु शुष्क होती है। वर्षा बहुत कम होती है। रेत के टीलों के कारण यहां पर रेत के तूफान आम हैं।
राजस्थान नागौर जिले की जनसांख्यिकी | Demographics GK
- नागौर जिले का कुल क्षेत्रफल - 17718 वर्ग किलोमीटर
- नागौर जिले की कुल जनसंख्या - 33,07,743 व्यक्ति
- नागौर जिले की पुरुष जनसंख्या - 16,096,325
- नागौर जिले की स्त्री जनसंख्या - 16,11,418
- नागौर जिले का लिंग अनुपात - 950 /1000
- नागौर जिले की कुल साक्षरता दर - 62.80%
- नागौर जिले की पुरुष साक्षरता दर - 77.17%
- नागौर जिले की स्त्री साक्षरता दर - 47.82%
- नागौर जिले हिन्दू जनसंख्या - 85.66%
- नागौर जिले मुश्लिम जनसँख्या - 13.74%
- नागौर जिले श्रम भागीदारी - 52.5%
- नागौर जिले की प्रति व्यक्ति आय - 144,69
- नागौर जिले का वन क्षेत्र - 147.04 हेक्टेयर
- नागौर जिले का फसली क्षेत्र - 16,50,700 हेक्टेयर
- नागौर जिले का जनसँख्या घनत्व - 187 व्यक्ति प्रति वर्ग KM
- नागौर जिले का शिशु लिंग अनुपात - 897 /1000
- नागौर जिले की जनसंख्या में दशकीय वृद्धि दर - 19.20%
राजस्थान के नागौर जिले का प्रशासनिक ढांचा
- नागौर जिले का मुख्यालय - नागौर
- नागौर जिले के उप - मंडलों की संख्या - 12
- नागौर जिले की पंचायतों की संख्या - 13 (नागौर, खिंवसर, जयल, मेड़ता सिटी, डेगाना, डिडवाना,लाडनूं, परबतसर, मकराना, कुचामन सिटी, नावा, मुंडवा)
- नागौर जिले की उप -तहसीलों की संख्या - 9
- नागौर जिले के पटवार मंडलों की संख्या - 465
- नागौर जिले के राजस्व गांव की संख्या - 1631
- नागौर जिले की पंचायत समितियों की संख्या - 14
- नागौर जिले की नागपालिकाओं की संख्या - 9
- नागौर जिले की ग्राम पंचायतों की संख्या - 461
- नागौर जिले के गांव की संख्या - 1610
राजस्थान नागौर जिले के मेले और त्यौहार | Fairs and Festivals GK
नागौर मेला
यह मेला हर वर्ष जनवरी और फरवरी महीने में मनाया जाता है। यह मेला चार दिनों तक चलता है। यह मेला राजपूत महानगर से शुरू होता है। यह मेला पुरे भारत में प्रसिद्ध है और इसका भारत में दूसरा स्थान है। इस मेले में बैल, घोड़े, और ऊंट हिस्सा लेते हैं। इसे पशु मेला भी कहा जा सकता है किउकी इस मेले में हजारों के हिसाब से पशु भाग लेते है।
नागौर जिले बलदेव पशु मेला
राजस्थान के नागौर जिले का यह मेला भी प्रसिद्ध है यह मेला छत्र शुक्ल की पूर्णिमा वाले दिन लगता है। इस मेले में भी पशुओं की प्रदर्शनी लगाई जाती है।
रामदेव पशु मेला
यह मेला नागौर जिले में मानासर में मनाया जाता है। यह मेला माघ महीने की पूर्णिमा वाले दिन लगता है। इस मेले में भी अच्छी नस्लों के पशुओं की प्रदर्शनी लगती है। अन्य मेले भी इस जिले में मनाये जाते हैं पर उनके मनाने का ढंग और तरीका वही होता है जो पुरे भारत में होता है।
नागौर जिले के मंदिर
इस मदिर की मूर्ति अजित सिंह ने स्थापित की थी यह मंदिर किनसरिया में स्थित है। इस मंदिर की माता को दहिया राजवंश की कुलदेवी माना जाता है।
दधिमति माता का मंदिर
नगर जिले में दधिमति माता का मंदिर मांगलोदजायल में स्थित है। यह माता दाधीच ब्राह्मणों की कुल देवी है। इस मंदिर में नवरात्रों वाले दिन बहुत पूजा की जाती है। इस मंदिर की गाथा कहीं न कहीं रामायण काल से जुडी हुई है। किउकी इस मंदिर में राम के वनवास से लेकर रावण के वध तक का सभी विवरण मिलता है।
भंवाल माता का मदिर
यह मंदिर नागौर में ही में स्थित है और इस मंदिर में बकरे की बलि दी जाती है।
वीर कल्लाजी का स्थान
कल्लाजी को शेष नाग का अवतार माना जाता है। इनका जन्म मेड़ता नामक स्थान पर हुआ है। कल्ला जी ने 23 फरवरी, 1568 को अपने चाचा जयमल को कन्धों पर बिठा कर अकबर के साथ युद्ध किया था। कहीं न कहीं ये स्थान नागों के साथ जुड़ा हुआ है।
गुसाई मंदिर
यह प्रसिद्ध मंदिर जुंजाला मानक स्थान पर स्थित है। इस मंदिर के बारे में ये विशेषता है कि इस मंदिर के दर्शन से Depression से मुक्ति मिलती है।
जसनगर का शिव मंदिर
यह मंदिर नागौर जिले के जसनगर में स्थित है यह मंदिर शिव पूजा के लिए माना जाता है।
चतुर दास जी का मंदिर
यह मंदिर नागौर जिले की बुटाटी गाँव में स्थित है। यह मंदिर पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है इस मंदिर में उनका इलाज होता है जो व्यक्ति लक वे का शिकार हों
जीण माता का मंदिर
यह मंदिर नागौर जिले में मारोठ में स्थित है। और इस मंदिर को दुःख निवारण माता भी कहा जाता है हर नवरात्रों वाले दिन यहां पूजा होती है ,
मीरा बाई मंदिर
यह मंदिर लगभग 400 साल पुराना है और इस मंदिर को चार भुजा मंदिर भी कहा जाता है। इस मंदिर का इतिहास ये दर्शाता है कि इसमें लोगों की बहुत ज्यादा आस्था है और इतनी जयदा आस्था है की जहर को अमृत में बदल दे।
भंवाल माता का मन्दिर
यह मंदिर मेड़ता सिटी से 25 किमी दूर है। एक बहुत ही दिलचस्प कहानी है कि जब चोरों को जीवन की धमकी मिली तो उन्होंने दिल से माँ को याद किया, उनके बचाव के लिए माँ ने दर्शन दिए, मंदिर का निर्माण किया गया। बचकर भागने की कसम कभी नहीं चुराई, माँ एक सच्चे साधक से ढाई कप शराब लेती है।
राजस्थान नागौर जिले की नदियां और झीलें | Rivers GK
जोजड़ी नदी
इस आदि का उद्गम क्षेत्र नागौर जिले के पोंडलू गाँव की पहाडिय़ों से है। यह नदी लूणी नदी की सहायक नदी है और ये नदी एकमात्र ऐसी नदी है जो अरावली की पर्वत श्रृंखला से नहीं होता है। लूणी नदी भी इस जिले में बहती है। हरसौर नदी भी इस जिले में बहती है।
नागौर जिले की झीलें - डीडवाना झील, नावां झील डेगाना, भैरोंदा, कुचामन झील
नागौर जिले की झीलें - डीडवाना झील, नावां झील डेगाना, भैरोंदा, कुचामन झील
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