राजस्थान के प्रमुख मेले और त्यौहार | Major Fairs and Festivals of Rajasthan in Hindi : Rajasthan GK

हर कोई आज कल सरकारी नौकरी की तलाश में रहता है और राजस्थान में होने वाली विभिन्न परीक्षाओं में राजस्थान के मेले और त्योहारों से दो या तीन सवाल राजस्थान के मेले और त्योहारों से जरूर पछे जाते हैं इसलिए GK Pustak यहां पर राजस्थान के मेले और त्योहारों के सामान्य ज्ञान की जानकारी हिंदी में लाया है जो आने वाली परीक्षाओं में आपके लिए लाभदायक सिद्ध होगा।




Major Fairs and Festivals of Rajasthan | राजस्थान के प्रमुख मेले और त्यौहार



राजस्थान का रेगिस्तान का त्यौहार ( Desert Festival)


हम सभी जानते हैं की राजस्थान में सबसे बड़ा भारत का सबसे बड़ा desert या रिगिस्तान है। राजस्थान के मेलों में एक मेला Desert Festival है। यह मेला पर्णिमा से पहले तीन दिन पहले शुरू हो जाता है। यह मेला राजस्थान के जैसलमेर जिले में आयोजित होता है। यह मेला तीन दिन तक लगातार चलता है। यह मेला हर साल फरवरी और मार्च महीने में मनाया जाता है। यह मेला सैम टिब्बा में थार रेगिस्तान के खूबसूरत टीलों के बीच मनाया जाता है। त्योहार के प्रमुख आकर्षण कठपुतली, कलाबाज, ऊंट दौड़, ऊंट पोलो, लोक नृत्य आदि होते हैं। 




राजस्थान में  (Elephant Festival)


राजस्थान के मेले और त्योहारों में ( Elephant Festival) प्रमुख है। ये राजस्थान के जयपुर जिले में मनाया जाता है। यह त्यौहार जयपुर में मानसिंह स्टेडियम है वहाँ पर मनाया जाता है। उस ग्राउंड का नाम पोलो ग्राउंड है। यह मेला हर वर्ष होली वाले दिन मनाया जाता है। 




राजस्थान में कबीर यात्रा 


राजस्थान में कबीर यात्रा नाम का एक त्यौहार है यह मेला संत कबीर से जुड़ा हुआ है। लोग संगीत के साथ एक झांकी निकलते हैं और फिर कबीर के दोहे का गुणगान करते है। ये त्यौहार राजस्थान के वीकानेर जिले में ज्यादा Famous है और कबीर के जन्म दिन पर निकला जाता है। 




बाणेश्वर महोत्सव


राजस्थान का यह ऐसा मेला है जो आदिवासियों दुआरा मनाया जाता है। यह आदिवासियों का लोकप्रय मेला है। बाणेश्वर मेला प्रतिबर्ष माघ शुक्ल पूर्णिमा को डूंगरपुर के बाणेश्वर मंदिर में लगता है। यह मेला राजस्थान के साथ मध्यप्रदेश और गुजरात में भी महाया जाता है। इस मेले में ज्यादातर भील जनजाति के लोग हिस्सा लेते हैं। भील जनजाति के लोग माहि नदी और सोम नदी में पवित्र स्नानं करते हैं। यह मेला राजस्थान के डूंगरपुर जिले में मनाया जाता है। 



राजस्थान में पुष्कर मेला 


यह मेला राजस्थान की पुष्कर झील के किनारे आयोजित होता है। यह लगातार पांच दिन तक चलता है। यह मेला राजस्थान में आयोजित होने वाले सबसे बड़े मेलो में से एक है। इस मेले में ऊंटों की खरददारी और बेचदारी होती है। यह मेला कार्तिक पूर्णिमा वाले दिन लगता है। हर साल 22 से 30 नवंबर को यह मेला मनाया जाता है। 




पुष्कर मेला 


राजस्थान के पुष्कर शहर में पुष्कर झील के किनारे आयोजित होने वाला यह वार्षिक पांच दिवसीय ऊंट मेला है, जो राजस्थान के प्रसिद्ध मेले में से एक है। बता दे यह मेला राजस्थान में आयोजित होने वाले सबसे बड़े मेलो में से एक है, जहाँ दुनिया के सबसे बड़े ऊँटों को देखा जा सकता हैं।वाली पर्तियोगिताएं जैसे सबसे लंबी मूंछें, मटका फोड़, और दुल्हन प्रतियोगिता जैसी विभिन्न प्रतियोगिताएं हैं।




राजस्थान में नागौर मेला 


यह मेला राजस्थान के नागौर जिले में मनाया जाता है जो जोधपुर से 137 KM दूर है। यह भारत में होने वाले पशु मलों में से पसिद्ध दूसरा पशु मेला है। इस में गाय,भैंसों,बेलों,ऊंटों की खरदो फ्रॉस्ट होती है। ही मेला हर साल फरवरी के महीने में आयोजित किया जाता है। यह मेला लगातार चार दिन के लिए चलता है। 



राजस्थान में उर्स मेला 


राजस्थान में यह मेला मुस्लिम समुदाय से संभंधित है। यह मेला राजस्थान के अजमर जिले में मनाया जाता है। उर्स त्योहार मुस्लिम समुदाय के लिए राजस्थान में मनाये जाने वाले प्रमुख त्यौहारों में से एक है, जो हर साल रजबयह लगातार 6 दिन के लिए चलता है। मुस्लिम समुदाय के कैलेंडर के अनुसार ये सातवें महीने मनाया जाता है। यह त्यौहार राजस्थान के अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के पवित्र मकबरे पर मनाया जाता है। 




राजस्थान में तीज Festival 


यह मेला पुरे राजस्थान में मनाया जाता है। यह मेला मुख्य रूप से विवाहित हिंदू महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इस मेले में एक शोभा पालकी का आयोजन किया जाता है। पालकी को सजे-धजे हाथी, घोड़े और ऊंटों के साथ पूरे शहर में ले जाया जाता है। इस त्यौहार को कहीं न कहीं वहां की लड़कियां और औरतें होने जीवन साथी से जोड़ती हैं और अपने जीवन साथी की लम्बी उम्र की कामना करती हैं। 




राजस्थान में गणगौर त्यौहार 


यह त्यौहार राजस्थान के मेलों में से सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार है। यह मेला हर साल मार्च महीने में होली के त्यौहार के बाद मनाया जाता है। इस मेले को माँ पार्वती को समर्पित किया जाता है। इस मेले में अविवाहित महिलाएं एक अच्छे वर के लिए और विवाहित महिलाएं अपने पति की सलामती के लिए प्रार्थना करती है और पारवती माँ को प्रसाद चढ़ाते हैं। यह मेला सबसे लम्बे दिनों तक चलने वाला मेला है यह मेला 18 दिन तक चलता है। यह पुर राजस्थान में मनाया जाता है। 




राजस्थान में समर फेस्टिवल 


राजस्थान का माउंट आबू पर्यटकों के लिए प्रशिद्ध है। इसलिए यह मेला राजस्थान में हर साल राजस्थान के माउंट आबू में पूर्णिमा के दिन शुरू होता है और लगातार 3 दिन के लिए चलता है। 



राजस्थान में Winter फेस्टिवल 

यह मेला भी ज़्यदातर माउंटआबू जिले में मनाया जाता है। यह मेला हर साल दिसम्बर महीने में मनाया जाता है और यह मेला भी 3 दिन के लिए चलता है। 




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 👉👉👉 उत्तर प्रदेश के मेले और त्योहारों के सामान्य ज्ञान की जानकारी



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Rakesh Kumar

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