Rajasthan Rivers in Hindi : Rajasthan GK | राजस्थान की नदियां

राजस्थान में होने वाली परीक्षाओं में हमेशा राजस्थान में बहने वाली नदियों के बारे में सवाल जरूर पूछा जाता है कभी ये जानकारी अधूरी रह जाती अर्थात पूरा व्योरा नहीं मिलता है इस लिए GK Pustak के इस भाग में हम राजस्थान के नदियों का सामान्य ज्ञान लाये है। इस भाग में राजस्थान की नदियों अरब सागर नदियों, बंगाल की खाड़ी में बहने वाली नदियों, और राजस्थान की आंतरिक प्रवाह वाली नदियों की जानकारी दी गई है।

राजस्थान की नदियां मुख्य रूप से चम्बल नदी, बनास नदी, काली सिंध नदी,पार्वती नदी, मेज़ नदी,बाणगंगा नदी,लूणी नदी, माही नदी, साबरमती नदी, कतली नदी, सबी नदी,काकनेय नदी, घघर नदी हैं इन सभी व्योरा इस पोस्ट में दिया गया है। और इसमें ये Clear किया गया है कि राजस्थान के कसी जिले में कौन सी नदी बहती है।







Rajasthan Rivers GK in Hindi : राजस्थान की नदियां


राजस्थान भारत के सूखे क्षेत्रों में से एक है। अगर राजस्थान के जल संसाधनों की बात करें तो सभी झीलों, नदियों और,लनलकूपों से 1 से कम प्रतिशत पानी मौजूद है। राज्य में 59 ऐसी उप घाटियां हैं जो वर्षा का पानी एकत्रित करती है और 14 ऐसी प्रमुख घाटियां हैं जो वर्षा का पानी एकत्रित करती हैं। राजस्थान की अरावली पर्वत श्रृंखला ऐसी है जो राजस्थान को पानी देती है। राजस्थान के नदी तंत्र की बात करें तो ये तीन भागों में विभाजित की जा सकती है।


  • नदियाँ जो कि अरब सागर में गिरती हैं।
  • नदियाँ जो कि बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं।
  • राजस्थान की अंतर्देशीय जल निकासी वाली नदियां।



नदियाँ जो कि अरब सागर में गिरती हैं--- चम्बल नदी, बनास नदी, काली सिंध नदी,पार्वती नदी, मेज़ नदी,बाणगंगा नदी।

नदियाँ जो कि बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं -- लूणी नदी, माही नदी, साबरमती नदी।

राजस्थान की अंतर्देशीय जल निकाली वाली नदियां -- कतली नदी, सबी नदी,काकनेय नदी, घघर नदी.



 

A -- नदियाँ जो कि अरब सागर में बहने वाली नदियॉं की व्याख्या




चम्बल नदी

यह नदी राजस्थान के चौरासी गढ़ नामक स्थान पर मिलती है और राजस्थान के कोटा और बूँदी जिले में Border का निर्माण करती है। यह राजस्थान के करो ली जिले, धौलपुर जिले और सवाई माधोपुर जिले में बहती है। चम्बल नदी यमुना नदी की सहायक नदी है। और
चम्बल नदी की सहायक नदियां शिप्रा, सिन्ध (सिंध), काली सिन्ध, ओर कुनू नदी हैं।


यह नदी "जानापाव पर्वत " बाचू पाईट महू से निकलती है। इस नदी का प्राचीन नाम चर्मवती है। राजस्थान के बाद उत्तर प्रदेश से गुजरती हुई यह नदी यमुना नदी में मिलती है। यह नदी भारत के मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच भी सीमा बनाती है। इसकी कुल लम्बाई 135 किलोमीटर है। राजस्थान का कोटा जिला इसी नदी किनारे पर स्थित है।


बनास नदी

राजस्थान के नदी तंत्र में बनास नदी एक ऐसी नदी है जो पुरे राजस्थान में फैली हुई है। इस नदी का उद्गम स्थान राजस्थान के राजसमंद जिले से है। इसका उदगम भारत की प्राचीन पर्वत श्रृंख्ला अरावली के कुंभलगढ़ नामक स्थान के 'खमनोर की पहाडी' की पहाड़ियों से है।


अगर राजस्थान की बात करें तो यह राजसमंद और भीलवाड़ा जिलों में बहती हुई टौंक, सवाई माधोपुर के पश्चात रामेश्वरम सवाई माधोपुरके समीप चंबल में गिर जाती है। इसकी कुल लम्बाई 480 किलोमीटर है। इसकी सहायक नदियां बेडच, कोठरी, मांसी, खारी, मोरेल हैं।


काली सिंध नदी

इस नदी का उद्गम स्थान मध्यप्रदेश के देवास जिले सा है जो विंध्याचल पहाड़ियों से निकलती है। यह नदी देवास जिले का बागली नामक गाँव से निकलती है।


काली नदी चम्बल नदी की सहायक नदी है। यह राजस्थान के झालावाड़ व कोटा ज़िलों से बहती हुई, नौनेरा नामक स्थान में चम्बल नदी से मिल जाती है। इस नदी की कुल लम्बाई 150 किलोमीटर है।



 

पार्वती नदी

यह नदी ज्यादातर मध्यप्रदेश में बहती है। इसे पारा के नाम से भी जाना जाता है। यह नदी विन्ध्याचल की पश्चिमी श्रेणियों में घने जंगल से सिद्दीकगंज ग्राम के पास से निकलती है। यह चम्बल नदी की सहायक नदी है ये दोनों नदियां बाद में यमुना नदी के साथ मिल जाती हैं। जहां पर ये नदियां पारवती नदी, चम्बल नदी और यमुना नदी मिलती हैं उसे त्रिवेणी संगम कहा जाता है।




यह नदी राजस्थान और मध्यप्रदेश के बीच 14 किलोमीटर की सीमा बनाती है। राजस्थान के यर बारां जिले में प्रवेश करती है। उसके बाद राजस्थान के पाली जिले र सवाई माधोपुर जिले में बहने का बाद चंबल नदी में मिल जाती है। इसकी सहायक नदियां ल्हासी, अंधेरी, विलास, बरनी, बैँथली हैं।




राजस्थान में मेज नदी

यह नदी राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में प्रवेश करती है और भीलवाड़ा जिले के मांडलगढ़ जिले प्रवेश करती है मांडलगढ़ जिले के बाद यह नदी कोटा जिले में बहती है और कोटा जिले के बाद बूंदी जिले में बहकर ये नदी बूंदी जिले के भैंस खाना नामक स्थान पर चम्बल नदी में मिल जाती है। इस नदी की सहायक नदियां बाजन,कुरान और मंगली नदियां है।

 


बाणगंगा नदी

बाणगंगा पुरे भारत की एक प्रमुख नदी है। इसका दूसरा नाम अर्जुन की गंगा है। इसे ताला नदी भी कहा जाता है किउंकि यह ताला नामक स्थान से निकलती है। इसका उद्गम स्थान राजस्थान के जयपुर जिले से है यह नदी जयपुर जिले की बैराड़ पहाड़ियों से निकल कर पूर्व में बहती है और फिर राजस्थान के भारत पुर जिले में प्रवेश करती है। इस नदी का पानी भरतपुर में घना पक्षी राष्ट्रीय उद्यान में भूमिगत होकर नम भूमि का निर्माण करता है।


बाणगंगा नदी राजस्थान के तीन जिलों में बहती है जयपुर, दौसा एवं भरतपुर। यह नदी यमुना नदी की सहायक नदी है। एक बहुत ही महत्व पूर्ण तथ्य है की इसके उद्गम से लेकर यमुना नदी के साथ विलय तक कोई भी सहायक नदी नहीं है।





B--- नदियाँ जो कि बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं।




लूणी नदी

लूणी नदी राजस्थान के अरावली पर्वत श्रृंखला से निकलती है इसका उद्गम स्थान राजस्थान के अजमेर जिले के नाग पहाड़ियों से है। यह राजस्थान में नागौर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालौर जिले में बहती है। इस नदी का कुल जल परवाह 330 किलोमीटर है। 330 किलोमीटर का रास्ता तय पर्ने के बाद ये नदी गुजरात के रण ऑफ़ कच में जाकर मिलती है।


यह नदी जैतारण के लोटोती से भी निकलती है व रास से भी निकलती है। एक सामान्य ज्ञान का प्रश्न ये है की ये नदी अपने उद्गम स्थान से लेकर राजस्थान के बाड़मेर जिले तक पानी मीठा है पर बालोतरा में पहुंच कर इस नदी का पानी खरा हो जाता है।


बाण्डी, सुकडी जवाई, खारी,सगाई, सागी,जोजडी, मीठडी,लीलडी, गुहिया इसकी सहायक नदियां हैं। जिस स्थान से इस नदी का उदगम आता है उस स्थान पर इसे सागर मति के नाम से जाना जाता है।


माही नदी

यह नदी पशिचमी भारत की प्रमुख नदी है। इस नदी का उदगम मध्यप्रदेश के डहर जिला से है। धार जिले के नज़दीक मिण्डा गौंव  है वहां से ये नदी निकलती है। दूसरे शब्दों में कहें तो विंध्याचल पर्वत श्रेणी इसका उदगम स्थान है। राजस्थान में ये जयसमन्द झील से शुरू होती और इसी जिले में प्रवेश करती है।


गुजरात से होकर ये नदी अर्ब सागर में जाकर गिरती है। राजस्थान में ये नदी बांसवाड़ा जिले में भी बहती है। इसकी कुल लम्बाई लगभग 576 किलोमीटर है।पुरे भारत के नदी तंत्र में ये एक ऐसी नदी है जो कर्क रेखा को दो बार काटती है। सोम, जाखम, चाप, अनास, मोरेन, इरू माही नदी की सहायक नदियां हैं।



साबरमती नदी

साबरमती नदी भारत की एक प्रमुख नदी है। इस नदी का उद्गम स्थान राजस्थान के उदयपुर जिले से है। यह अरावली पर्वत श्रेणी से निकलती है जिन पहाड़ियों का नाम झाड़ोल पहाड़ियां हैं। इस नदी का परवाह राजस्थान में 14 किलोमीटर है। गुजरात में बहकर ये नदी अरब सागर की खंभात की खाड़ी में गिर जाती है। इस नदी की कुल लम्बाई 371 किलोमीटर है। इस नदी की सहायक नदियां है


  • वाकल नदी हथमती नदी
  • मे सवा नदी वेतरक नदी
  • शेही नदी हरनाम नदी
  • गुईई नदी माजम नदी
  • खारी नदी मोहर नदी




C-- राजस्थान की अंतर्देशीय जल निकाली वाली नदियां


कातली नदी

इस नदी को कातली नदी इसलिए कहा जाता है किउकी इस नदी का बहाव इतना तेज की यह राजस्थान के झुंझुन जीके में बहकर बड़ी तेजी से जमीं को कटती है।इस नदी का उदगम स्थान सीकर जिले की गणेश्वर पहाड़ियों से है।



साहिबी नदी / साबी नदी

साहिबी नदी / साबी नदी का उद्गम स्थान राजस्थान के सीकर जिले से है। साबी नदी ही है। यह नदी ज्यादातर वर्ष पर निर्भर करती है। इस नदी की जल धारा कम होने के कारण ये एक नाले में परवर्तित हो गई है। यह नदी राजस्थान हरियाणा और दिल्ली में बहती है। इस नदी की कुल लम्बाई 300 किलोमीटर है।




साबी नदी अरावली पहाड़ी से निकलने वाली एक नदी है. इस नदी को सहा बी नदी के नाम से भी जाना जाता है. यह नदी राजस्थान हरियाणा और दिल्ली में



काकनेय नदी

काकनेय नदी राजस्थान की आंतरिक प्रवाह वाली नदी है इसका बहाव क्षेत्र फल कुल 17 किलो मीटर है। इस नदी का उदगम राजस्थान के जैसलमेर जिले से होता है। यह एक मौसमी नदी है और वर्षा पर निर्भर करती है। राजस्थान की लोकल भाषा में इसे मसूरदी के नाम से जाना जाता है। यह नदी वर्षा पर निर्भर करती है इसलिए इसका सिंचाई के लिए अत्यधिक उपयोग नहीं होता है।



घग्गर / हकरा नदी

यह भारत और पाकिस्तान में बहने वाली नदी है। यह भी एक मौसमी नदी है। हरियाणा में जो बांध बना हुआ है जिसका नाम ओटू वीयर है वहां तक इसका नाम घग्गर नदी है और इसके बाद इस नदी का नाम हकरा नदी पड़ जाता है। अगर हम प्राचीन इतिहास की बात करें तो ये नदी सुखी हुई सरस्वती नदी का ही एक रूप है।




इसका उद्गम चंडीगढ़ के निकट हिमाचल व हरियाणा की सीमाओं पर शिवालिक पर्वत है। हरियाणा और पंजाब में बहने के बाद ये नदी राजस्थान में प्रवेश करती है और तलवारा नामक झील बनाती है जो राजस्थान में सिंचाई के लिए उपयोग में लाई जाती है। राजस्थान में ये नदी हनुमानगढ़ और श्री गंगा नगर जिले में बहती है।




राजस्थान की नदियां / राजस्थान का नदी तंत्र

चलो अब डिसकस केते हैं की राजस्थान के किस जिले में कौन सी नदी बहती है।

  • नागौर जिला - लूनी नदी
  • जिला पाली - लीलड़ी, बांडी, और सूकड़ी जवाई नदी
  • सवाई माधोपुर जिला - चंबल, बनास और मोरेल नदी
  • जिला सीकर - काटली, मन्था, पावटा और कावंट नदी
  • जिला सिरोही - प. बनास, सूकड़ी, पोसालिया, खाती, किशनावती, झूला और सुरवटा नदी
  • टोंक नदी - बनास, मासी और बांडी नदी
  • जिला उदयपुर - बनास, बेडच, बाकल, सोम, जाखम और साबरमती नदी
  • चित्तौडगढ़ जिला - वनास, बेडच, बामणी, बागली, बागन, औराई, गंभीरी, सीवान, जाखम और माही नदी
  • अजमेर जिला - साबरमती नदी , सरस्वती, खारी, ड़ाई, और बनास नदी
  • बूंदी जिला - कुराल नदी
  • चुरु जिला - कोई नदी नही
  • धौलपुर जिला - चंबल नदी
  • जिला डूंगरपुर - सोम, माही और सोनी नदी
  • श्रीगंगानगर जिला - धग्धर नदी
  • जयपुर जिला - बाणगंगा, बांड़ी, ढूंढ, मोरेल, साबी, सोटा, डाई, सखा और मासी नदी
  • जैसलमेर जिला - काकनेय, चांघण, लाठी, धऊआ और धोगड़ी नदी
  • जालौर जिला - लूनी, बांड़ी, जवाई और सूकड़ी नदी
  • झालावाड़ जिला - काली सिन्ध, पर्वती, छौटी काली सिंध और निवाज नदी
  • झुंझुनू जिला - काटली नदी
  • जोधपुर जिला - लूनी, माठड़ी, और जोजरी नदी
  • कोटा जिला - चम्बल, काली सिंध, पार्वती, आऊ निवाज और परवन नदी
  • अलवर जिला - साबी नदी, रुपाढेल, काली, गौरी और सोटा नदी
  • बाँसबाड़ा जिला - माही, अन्नास और चैणी नदी
  • बाड़मेर जिला - लूनी और सूंकड़ी नदी
  • भरतपुर जिला - चम्बल, बराह, बाणगंगा, गंभीरी और पार्वती नदी
  • भीलवाडा जिला - बनास, कोठारी, बेडच, मेनाली, मानसी और खारी नदी
  • बीकानेर जिला - कोई नदी नही

Rakesh Kumar

दो Blogs Gkpustak सामान्य ज्ञान के लिए और Grammarpustak अंग्रेजी ग्रामर का हिंदी में जानकारी हासिल करवाना।

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