बिलासपुर जिले के मेले और त्यौहार | District Bilaspur Fairs & Festivals in Hindi

Fairs and Festivals District Bilaspur :


हम सभी जानते हैं की हिमाचल प्रदेश के मेले और त्योहार हिमाचल प्रदेश के देवी देवताओं और आस्था से भी काफी जुड़े हुए है। हिमाचल प्रदेश के रीती रिवाज अलग अलग क्षेत्र में अलग अलग कलाओं से जुड़े हुए हैं

यहां के मेले और त्योहारों में लोग मधुर सयंत्रों के साथ नाच और नृत्य का प्रदर्शन कर अपनी प्रथा का प्रचार और कला को कायम करते हैं। Gk Pustak के इस भाग में हम जिला बिलासपुर के "Fairs and Festivals District Bilaspur" के बारे में विस्तार पूर्वक हिंदी में बताएंगे ताकि अगर किसी भी हिमाचल की परीक्षा में सवाल पूछा जाता है तो आपको आसानी हो सके।


                               

 

 1. नलवाड़ी मेला (Nalwadi Fair )

ये मेला हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर ज़िले का एक महत्वपूर्ण मेला है। जब ये मेला शुरू हुआ तब केहलूर के शासक अमर चंद थे। इसका दूसरा नाम "पशु मेला " है अर्थात इसे पशु मेले के नाम से भी जाना जाता है। ये मेला W Gold-stein ने 1889 में शुरू करवाया था। इस मेले में बैलों की पूजा की जाती है। ये मेला जहनु मैदान में मार्च महीने में शुरू होता है।

बिलासपुर का नलवाड़ी पशु मेला सुंदर राज्य की सबसे रोमांचक घटनाओं में से एक माना जाता है। मेले के उत्साह का आनंद लेने के लिए बड़ी संख्या में आगंतुक दूर-दूर से आते हैं। इस आयोजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और लगभग 5 दिनों के चक्कर में कई गतिविधियों में से एक है। स्थानीय एथलीटों को अपने व्यायाम कौशल और शारीरिक कौशल का प्रदर्शन करने के लिए एक मंच मिलता है।

2. नैना देवी मंदिर मेला (Naina Devi Fair )

ये राज्य स्तरीय मेला भी बिलासपुर में आयोजित होता है। ये मेला अगस्त महीने में नैना देवी मंदिर में हर साल आयोजित किया जाता है। श्री नैना देवी जी हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर में सबसे उल्लेखनीय पूजा स्थलों में से एक हैं।

जिला बिलासपुर में स्थित, शक्ति पीठ यह उन 51 शक्तिपीठों में से एक है जहाँ सती के अंग पृथ्वी पर गिरे थे। यह पवित्र स्थान वर्ष भर और विशेष रूप से श्रावण अष्टमी के दौरान और चैत्र और आश्विन के नवरात्रों में तीर्थयात्रियों और भक्तों की भारी भीड़ का कारण बना होता है।

 3.गुगा मेला (Guga Fair )

बिलासपुर का चौथा राज्य स्तरीय मेला गुगा मेला है ये मेला gedadi नामक स्थान पर मनाया जाता है। ये अगस्त के शुरू में या सितंबर के शुरुआत में मनाया जाता है। गुग्गा मेला गुग्गा नवमी से शुरू होता है जो अगस्त से सितंबर के महीने में पड़ता है।

इस मेले में गुग्गा को मनाने का एक अनूठा उद्देश्य है, एक हिंदू राजपूत युवा राजकुमार ने इतिहास के पन्नों में अपनी पहचान जमा ली है, क्योंकि उसने अपने दुश्मनों को अपनी वीरता और पराक्रम की शिष्टता के कारण मात दी थी। आमतौर पर यह माना जाता है कि गुग्गा की पूजा से सांपों के खतरे से बचा जाता है। गायकों का समूह गुग्गा के वीर कार्यों की प्रशंसा करता है।

 4.मारकंडा मेला (Markanda Fair)

बिलासपुर का ये मेला अप्रैल month में मनाया जाता है। ये मेला बिलासपुर जिले के जुखाला नामक स्थान पर मनाया जाता है।

अन्य मेले जैसे होली ,दशहरा ,दिवाली ,जिला बिलासपुर में आम Festivals की तरह मनाए जाते हैं। 

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