हिमाचल प्रदेश के वन्य जीव अभ्यारण्य | HP GK | Wild Life Sanctuaries in Hindi

हिमाचल प्रदेश में कुल 30 वन्य जीव अभ्यारण्य और पांच राष्ट्रीय उद्यान हैं हमारे मन में ये विचार रहता है कि हिमाचल प्रदेश में कौन सा राष्ट्रीय उद्यान किस जिले मने है और कौन सा वन्य जीव अभ्यारण्य किस जिले में है। वन्य जीव अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान से एक सवाल हिमाचल प्रदेश में होने वाली परीक्षाओं में पूछा जाता है एस्लिये इस पोस्ट में हिमाचल प्रदेश के जितने भी वन्य जीव अभ्यारण्य उनकी जानकारी जिलेवार दी गई है जो आपकी परीक्षा की दृष्टि से बहुत जरुरी है।

हिमाचल प्रदेश के वन्य जीव अभ्यारण्य | Himachal Pradesh Wild Life Sanctuaries in Hindi

हिमाचल प्रदेश राज्य में, वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 के धारा 18-26 के तहत एक वन्यजीव अभयारण्य की स्थापना की निगरानी की जाती है। इस प्रक्रिया के भीतर, कलेक्टर, उनके प्रशासन के दौरान, उन्हें विशिष्ट अधिकारों को स्वीकार करने की अधिकार रखते हैं, जो स्वीकृत सीमा के भीतर होते हैं, प्रदेश के मुख्य वन्यजीव रक्षा प्रधान की सहमति प्राप्त करने के बाद। इसके अलावा, राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों की सीमाओं को बदलने के लिए, जैसे कि वन्यजीव अभयारण्य स्वयं, राज्य की विधायिका के संकल्प की आवश्यकता होती है।

यह जरूरी है कि ध्यान दें कि सामान्य जनता को कानून द्वारा पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है कि वे इन अभयारण्यों में मौजूद किसी भी वन्यजीव को नष्ट करने, शोषण करने, हटाने या किसी भी प्रकार के क्षति पहुंचाने वाले कार्यों में लगें, और साथ ही, अभयारण्य में जीवों के प्राकृतिक आवास को भी बाधित न करें।

इन निर्धारित क्षेत्रों में, जिनमें वन्यजीव अभयारण्य, संरक्षण संरक्षित क्षेत्र, और राष्ट्रीय उद्यान शामिल हैं, व्यक्तियों को राज्य के प्राकृतिक जंगलों में खुद को डूबने का एक अद्वितीय अवसर प्रदान किया जाता है। खासकर, वन्यजीव अभयारण्य दर्शकों को हिमाचल प्रदेश की प्राकृतिक सौन्दर्य का आनंद लेने और उसे ग्रहण करने के लिए एक अत्यद्भुत माहौल प्रदान करते हैं। विशेष रूप से, राज्य के कुल भूमि क्षेत्र 55,673 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें लगभग 5,964.9731 वर्ग किलोमीटर वन्यजीव अभयारण्य के रूप में निर्धारित हैं।

हिमाचल प्रदेश के जितने भी वन्य जीव अभ्यारण्य हैं उनकी जानकारी नीचे दी गई है जिन्हे आप Detail में पढ़ सकते है ये जानकारी विस्तार में दी गई है। 












हिमाचल प्रदेश के वन्य जीव अभ्यारण्य की सूची : 

लड़ी नंबर

अभ्यारण्य का नाम

निर्माण वर्ष

क्षेत्रफल (वर्ग किलोमीटर)

जिले  का नाम

1

गांगुल वन्यजीव अभ्यारण्य

निर्माण वर्ष 1949

क्षेत्रफल 109 वर्ग किलोमीटर

चंबा

2

कुगति वन्यजीव अभ्यारण्य 

निर्माण वर्ष 1962

क्षेत्रफल 379 वर्ग किलोमीटर

चंबा

3

सेचुतुनाला  वन्यजीव अभ्यारण्य

निर्माण वर्ष 1962

क्षेत्रफल 103  वर्ग किलोमीटर

 

चंबा

4

 टूंढ़ाह  वन्यजीव अभ्यारण्य 

निर्माण वर्ष 1962

क्षेत्र फल 64 वर्ग किलोमीटर

चंबा

5

कालाटोप  वन्यजीव अभ्यारण्य

 निर्माण वर्ष जुलाई 1949 

क्षेत्रफल  69  वर्ग किलोमीटर

चंबा

6

पोंग झील वन्य जीव अभ्यारण्य

निर्माण वर्ष जून 1983

क्षेत्रफल 307 वर्ग किलोमीटर

कांगड़ा

7

धौलाधार वन्य जीव अभ्यारण्य

निर्माण वर्ष 1994

क्षेत्र फल 944 वर्ग किलोमीटर

कांगड़ा

8

कायस वन्य जीव अभ्यारण्य 

निर्माण वर्ष  26 फरवरी 1954

क्षेत्रफल 14 वर्ग किलोमीटर

 

कुल्लू

9

कनवर वन्य जीव अभ्यारण्य 

निर्माण वर्ष  26 फरवरी 1954

क्षेत्रफल 61 वर्ग किलोमीटर

 

कुल्लू

10

 खोकन वन्य जीव अभ्यारण्य

निर्माण वर्ष  26 फरवरी 1954 

क्षेत्रफल14  वर्ग किलोमीटर

कुल्लू

11

मनाली वन्य जीव अभ्यारण्य 

निर्माण वर्ष  26 फरवरी 1954

क्षेत्रफल 32  वर्ग किलोमीटर

कुल्लू

12

सैंज वन्य जीव अभ्यारण्य

निर्माण वर्ष  26 फरवरी 1954

क्षेत्रफल 90  वर्ग किलोमीटर

 

कुल्लू

13

बदली  वन्य जीव अभ्यारण्य

निर्माण वर्ष 1962

क्षेत्रफल 41  वर्ग किलोमीटर

मंडी

14

नार्गु वन्य जीव अभ्यारण्य

निर्माण वर्ष 1962

क्षेत्रफल  278 वर्ग किलोमीटर

मंडी

15

शिकारी देवी वन्य जीव अभ्यारण्य 

निर्माण वर्ष 1962

  क्षेत्रफल 72 वर्ग किलोमीटर

मंडी

16

चायल वन्य जीव अभ्यारण्य

निर्माण वर्ष 1976

क्षेत्रफल 109 वर्ग किलोमीटर

सोलन

17

डालडा घाट वन्य जीव अभ्यारण्य 

निर्माण वर्ष 1962

क्षेत्रफल वर्ग किलोमीटर

सोलन

18

मजाठल वन्य जीव अभ्यारण्य 

निर्माण वर्ष 1962

क्षेत्रफल 60 वर्ग किलोमीटर

सोलन

19

शिल्ली वन्य जीव अभ्यारण्य

निर्माण वर्ष 1963

क्षेत्रफल वर्ग किलोमीटर

 

सोलन

20

ध्रांगटी वन्य जीव अभ्यारण्य 

निर्माण वर्ष 1962

क्षेत्रफल 167 वर्ग किलोमीटर

शिमला

21

शिमला वॉटर कैचमेंट वन्य जीव अभ्यारण्य 

निर्माण वर्ष 1962 

क्षेत्रफल 167 वर्ग किलोमीटर

शिमला

22

तालरा वन्य जीव अभ्यारण्य

निर्माण वर्ष 1962

क्षेत्रफल 40  वर्ग किलोमीटर

शिमला

23

गोविन्द सागर वन्य जीव अभ्यारण्य 

निर्माण वर्ष  5 दिसम्बर 1962

क्षेत्रफल 100  वर्ग किलोमीटर

बिलासपुर

24

नैना देवी वन्यजीव अभ्यारण्य

निर्माण वर्ष  5 दिसम्बर 1962

क्षेत्रफल 123 वर्ग किलोमीटर

बिलासपुर

25

रकदम छितकुल वन्य जीव अभ्यारण्य 

निर्माण वर्ष 1962

क्षेत्रफल 304 वर्ग किलोमीटर

किन्नौर

26

लिप्पा असरंग छितकुल वन्य जीव अभ्यारण्य

निर्माण वर्ष 1962

क्षेत्रफल 304 वर्ग किलोमीटर

 

किन्नौर

27

रूपी भाभा वन्य जीव अभ्यारण्य

निर्माण वर्ष 28 मार्च 1982 

क्षेत्रफल 503 वर्ग किलोमीटर

किन्नौर

28

किब्बर वन्य जीव अभ्यारण्य 

निर्माण वर्ष 1992

क्षेत्रफल 1400 वर्ग किलोमीटर

लाहौल & स्पीति

29

चूड़धार वन्यजीव अभयारण्य

15 नवंबर 1985

 

56 वर्ग किलोमीटर

 

सिरमौर

30

रेणुका वन्यजीव अभयारण्य

सन 1964

4.02 वर्ग किलोमीटर

सिरमौर



हिमाचल में वन्य जीव अभ्यारण्य स्थापित करने के उद्देश्य:

हिमाचल प्रदेश में वन्य जीव अभ्यारण्य स्थापित करने के कई मुख्य उदेश्य हो सकते हैं:

जीवन धन की सुरक्षा: वन्य जीव अभ्यारण्य का मुख्य उद्देश्य जीवन धन की सुरक्षा और संरक्षण है। इन अभ्यारण्यों का स्थापना करके, हिमाचल प्रदेश से वन्य जीवों की बढ़ती जानसंख्या को सुनिश्चित किया जा सकता है और वन्य जीवों की अधिक मौजूदगी को बनाए रखा जा सकता है।

प्राकृतिक परिस्थितियों का संरक्षण: वन्य जीव अभ्यारण्य के माध्यम से प्राकृतिक परिस्थितियों का संरक्षण किया जा सकता है। इन अभ्यारण्यों को प्रदेश के वन्य प्राणियों के प्राकृतिक आवास के रूप में संरक्षित किया जाता है, जिससे उनके प्राकृतिक जीवन में किसी तरह की असुविधा नहीं होती।

वन्य जीवों के त्याग और अनुसंधान का प्रोत्साहन: अभ्यारण्यों में वन्य जीवों के अध्ययन और अनुसंधान के लिए एक अच्छा प्लेटफ़ॉर्म प्रदान किया जा सकता है। यह जानकारी वन्य जीवों के जीवन चक्र, आपसी संबंध, और उनके प्राकृतिक संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण होती है।

शिकार प्रबंधन: वन्य जीव अभ्यारण्य के माध्यम से शिकार प्रबंधन को बेहतर ढंग से संचालित किया जा सकता है। यह शिकारी प्रजातियों को नियंत्रित करने और वन्य जीवों के नुकसान को कम करने में मदद कर सकता है।

पर्यावरणीय शिक्षा और पर्यावरणीय संवेदना: वन्य जीव अभ्यारण्य स्थापित करके, प्रदेश के लोगों को पर्यावरणीय संरक्षण के महत्व के बारे में शिक्षा दी जा सकती है। यह एक पर्यावरणीय संवेदना को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है और लोगों को अपने प्राकृतिक संसाधनों के प्रति सावधान कर सकता है।

पर्यावरणीय सौंदर्य और पर्यटन: वन्य जीव अभ्यारण्य प्रदेश के पर्याटन उद्योग को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं। प्राकृतिक सौंदर्य को संरक्षित करने के साथ ही, ये स्थल पर्यटकों के लिए भी आकर्षक हो सकते हैं, जिससे पर्यटन उद

Frequently Asked Questions:

प्रश्न :- हिमाचल प्रदेश में कुल कितने  वन्य जीव अभ्यारण्य हैं ?
उत्तर :- हिमाचल प्रदेश में इस वक्त कुल 30 वन्य जीव अभ्यारण्य हैं पर इस बात का ध्यान रखा जाये की इस वन्य जीव अभ्यारण्य  या बढ़ोतरी भी हो सकती है ये हिमाचल सरकार के ऊपर Depend करता है। 
 

प्रश्न :- हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा वन्य जीव अभ्यारण्य कौन सा हैं ?
उत्तर - हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा वन्य जीव अभ्यारण्य किब्बर वन्य जीव अभ्यारण्य है जो हिमाचल के लाहौल -स्पीति में हैं जिसका निर्माण 1992 में हुआ था और लगभग 1400 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।
 

प्रश्न :- हिमाचल प्रदेश का सबसे छोटा वन्य जीव अभ्यारण्य कौन सा है ?

उत्तर :- हिमाचल का सबसे छोटा वन्य जीव अभ्यारण्य शिल्ली वन्य जीव अभ्यारण्य है जो हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में स्थित है इसका निर्माण 1963 में हुआ था और ये केवल 2 किलोमीटर में ही फैला हुआ है।
 
प्रश्न :- हिमाचल प्रदेश का सबसे पुराना वन्य जीव अभ्यारण्य कौन सा है ?
हिमाचल प्रदेश का सबसे पुराना वन्य जीव अभ्यारण्य गांमगुल वन्य जीव अभ्यारण्य है जो हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले के सलूणी उपमंडल में स्थित है है और इसका निर्माण 1949 में हुआ था। ये 109 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।
 
प्रश्न :- हिमाचल प्रदेश का दूसरा बड़ा वन्य जीव अभ्यारण्य कौन सा है ?
उत्तर :- हिमाचल प्रदेश का दूसरा बड़ा वन्य जीव अभ्यारण्य धौलाधार वन्य जीव अभ्यारण्य हैं जो काँगड़ा जिले में स्थित है और इसका निर्माण 1994 में हुआ था और 944 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।

प्रश्न : हिमाचल प्रदेश का सबसे पुराना वन्य जीव अभ्यारण्य कौन सा है?
उत्तर: हिमाचल प्रदेश का सबसे पुराना वन्य जीव अभ्यारण्य गांगुल वन्यजीव अभ्यारण्य है जिसका निर्माण 1949 में किया गया था जो हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में स्थित है। 

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Rakesh Kumar

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