Shikshak Divas , Adhyapk Divas ,Teacher day GK in Hindi
अध्यापक दिवस ,शिक्षक दिवस ,Teacher Day हिंदी में माता-पिता की मूरत है गुरू, इस कलयुग में भगवान की सूरत है गुरू गुरू के पास पहुँचने से पहले बच्चा ---- अक्सर हम जानते हैं कि किसी भी चीज की ज्ञान प्राप्ति के लिए हम जरूर किसी की सहायता लेते हैं अर्थात हम बचपन में ही अपने माँ बाप या पड़ोसिओं से सवाल जवाब करते रहते हैं। जैसे जन्म से ही बच्चा वह जानकारी लेना चाहता है या जानने का इच्छुक होता है मैं भी औरों की तरह चलना सीखूं या फिर चलूँ पर इस काम को पूरा करने लिए उसकी सहायता उसके परिवार वाले करते हैं। उसके बाद जब वह चार या पांच साल का हो जाता है हो तो फिर हर बच्चे की परिवार वाले ये सोचते हैं की इसे शिक्षा ग्रहण करने के लिए स्कूल,विद्यालय ,या किसी ऐसे स्थान पर डाला जाये ताकि वह अच्छी शिक्षा ग्रहण कर के अच्छे समाज का निर्माण कर सके। अगर दूसरे शब्दों में कहें तो इस अच्छे संस्कारों को प्रदान करना और गुरु की ज़िम्मेदारी निभाना परिवार और समाज की होती है। जीवन में गुरु का स्थान --- गुरु के बारे में ये पंक्तियाँ आपको जीवन में गुरु की महत्ता बता देगा। अगर हम गुर