उत्तर प्रदेश में परीक्षा SSC की हो या NDA की परीक्षा UPSAC की हो या फिर Uttar Pradesh Clerk Exam की Uttar Pradesh के वन्य जीव अभ्यारण्यों में दो सवाल जरूर पूछे जाते हैं। इस लिए आपकी परीक्षा को नजर रखते हुए Gk Pustak आज आपके लिए Uttar Pradesh के वन्य जीव अभ्यारण्य के सामान्य ज्ञान की जानकारी हिंदी में लाये हैं
इस पोस्ट में Uttar Pradesh के चंबल अभ्यारण्य, दुधवा राष्ट्रीय उद्यान या टाइगर रिजर्व,पीलीभीत टाइगर रिजर्व,चंद्र प्रभा वन्य जीव अभ्यारण्य,किशनपुर वन्य जीव अभ्यारण्य, रानीपुर वन्य जीव अभ्यारण्य,हस्तिनापुर वन्य जीव अभ्यारण्य की जानकारी हिंदी में दी गई है।
उत्तर प्रदेश के वन्य जीव अभ्यारण्य
उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण्य
उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण्य स्थित है। इसका दूसरा नाम राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल वन्यजीव अभ्यारण्य भी है किउंकि यह वन्य जीव अभ्यारण्य घड़यालों के लिए जाना जाता है। यह वन्य जीव अभ्यारण्य 5,400 किमी या 2,100 वर्ग मील मील में फैला हुआ है। भारत में विलुप्त प्रजाति के घड़ियाल इस अभ्यारण्य में मिलने को मिलते हैं। इसके इलावा लाला छत बाले कछुए भी यहां पर देखने को मिलते हैं।
इस अभ्यारण्य की ये विशेषता है की ये तीन राज्यों में लगता है राजस्थान मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश। चम्बल नदी इस अभ्यारण्य से ही गुजरती है। 1978 में इसे मध्य प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय वन्य जीव अभ्यारण्य घोषित किया था। यहां पर घड़ियाल लगभग विलुप्त होने पर आये हैं इसलिए सरकार ने उत्तर प्रदेश में कृत्रिम घड़ियाल प्रजनन केंद्र खोले हुए हैं जिसमे घड़ियालों का प्रजनन करवा कर चम्बल नदी में छोड़ दिया जाता है।
दुधवा राष्ट्रीय उद्यान या टाइगर रिजर्व
ये उत्तर प्रदेश का एकमात्र टाइगर रिजर्व अभ्यारण्य है जहां पर शेरों और बारासिंगा की दुर्लभ प्रजाति देखने को मिलती है। ये उत्तर प्रदेश के पीलीभीत और लखीमपुर जिले में फैला हुआ है। सं 1966 में इस अभ्यारण्य को पशु बिहार और 1978 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया था।
इसकी समुन्द्र तल से ऊँचाई 150-182 मीटर है। यहाँ पर वार्षिक वर्षा औसतन 1500 Mm होती है। इस समय यहाँ पर बाघ, तेंदुए, गैण्डा,कांकड़, कृष्ण मृग, चौसिंगा, सांभर, नीलगाय, वाइल्ड डॉग,हाथी, बारहसिंगा, चीतल, पाढ़ा, भेड़िया, लकड़बग्घा, सियार, लोमड़ी, हिस्पिड हेयर, रैटेल, ब्लैक नेक्ड स्टार्क, वूली नेक्ड स्टार्क, ओपेन बिल्ड स्टार्क, पैन्टेड स्टार्क, बेन्गाल फ़्लोरिकन, पार्क्युपाइन, फ़्लाइंग स्क्वैरल के अतिरिक्त पक्षियों, सरीसृपों, उभयचर, मछलियाँ व अर्थोपोड्स की लाखों प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
उत्तर प्रदेश में पीलीभीत टाइगर रिजर्व
पीलीभीत टाइगर रिज़र्व उत्तर प्रदेश के दो जिलों पीलीभीत जिले और शाहजहाँपुर जिले में स्थित है। यह अभ्यारण्य गंगा के ऊपरी मैदानों में स्थित है। इस टाइगर रिज़र्व से शारदा नदी माला नदी चूका नदी, आदि का परवाह होता है। यहां अपर वारिश ज्यागा होती है इसलिए यहां पर हमेशा दलदल का खतरा बना रहता है।
इस रिजर्व की सीमा 22 KM तक फैली हुई है जो शारदा सागर बांध पर जाकर खत्म होती है। यह भारत-नेपाल सीमा पर हिमालय की तलहटी और उत्तर प्रदेश में तराई के मैदानों के साथ स्थित है। भारत में कुल 51 टाइगर रिजर्व पाए जाते हैं और उनमे से ये भी एक है। बाघों के प्रजनन के लिए इसने पुरस्कार भी हासिल किया है 2014 में यहां 25 बाघ थे जो 2018 में यहां पर बाघों की संख्या 65 हो गई है।
उत्तर प्रदेश चंद्र प्रभा वन्य जीव अभ्यारण्य
उत्तर प्रदेश में यह वन्यजीव अभयारण्य चंदौली जिले में पाया जाता है। यह दो पहड़ियों विजयगढ़ और नौगढ़ के बीच में स्थित है। इसका क्षेत्रफल 9,600 हेक्टेयर है। इसे 1957 में स्थापित किया गया था। शेरों की प्रजाति बढ़ाने के लिए यहां पर 1969 में तीन शेर भी लाये गए थे पर एक साल बाद वे गायब हो गए थे। चीतल, चौसिंहा, बंदर, साही, लकड़बग्घा, जंगली लोमड़ी, नीलगाय, चिंकारा, ब्लैकबक्स, खरगोश, सांभर, भारतीय चिकारे, जंगली बिल्ली और जंगली सुअर यहां के प्रमुख जीव हैं। यह 78 sq KM के क्षेत्रफल में फैला हुआ है।
उत्तर प्रदेश में किशनपुर वन्य जीव अभ्यारण्य
यह वन्य जीव अभ्यारण्य उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खेरी जिले में पाया जाता है। इस वन्य जीव अभ्यारण्य की स्थापना 1972 में की गई थी। इसका कुल क्षेत्रफल 227 वर्ग KM है। यह वन्य जीव अभ्यारण्य ,बार्किंग हिरण, बंगाल फ्लोरिकन और लेसर फ्लोरिकन,टाइगर, तेंदुए, स्वैप हिरण, होग हिरण, जैसी कई प्रजातियों के लिए विख्यात है।
उत्तर प्रदेश में रानीपुर वन्य जीव अभ्यारण्य
रानी पुर वन्य जीव अभ्यारण्य उत्तर प्रदेश के चिटकूट जिले में स्थित है इसकी स्थापना 1977 में की गई थी। यह लगभग 230 KM में फैला हुआ है। इस वन्य जीव अभ्यारण्य में बाघ, तेंदुआ, सांभर, ब्लैकबक, मोर, स्पोर फाउल, आलसी भालू, जंगल फाउल, पेंटेड पार्टरिज, फिशिंग कैट और चिंकारा की प्रजातियां मिलती हैं।
हस्तिनापुर वन्य जीव अभ्यारण्य
यह अभ्यारण्य उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा है यह 2373 वर्ग किलो किलोमीटर में फैला हुआ है। इसे वन्य जीव अभ्यारण्य के रूप में 1986 में मान्यता मिली थी यह वन्य जीव अभ्यारण्य मुज्जफरनगर,गाजियाबाद,मुरादाबाद,मेरठ में फैला हुआ है। सैकड़ों प्रकार की पक्षियों की प्रजाति ,गंगा की डॉल्फिन घड़ियाल से लेकर दुर्लभ स्तनधारी अभ्यारण में पाए जाते हैं।